Chandra Grahan 2022: साल का आखिरी चंद्र ग्रहण विशेष माना जा रहा है. चंद्र ग्रहण के समय कुछ विशेष सावधानी बरतने की भी सलाह दी जाती है. पौराणिक ग्रंथों में ग्रहण की घटना को शुभ नहीं माना गया है. यही कारण है कि ग्रहण के समय शुभ और मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं. ग्रहण के समय मंदिर के कपाट भी बंद हो जाते हैं. चंद्र ग्रहण से जुड़ी आइए जानते हैं कुछ विशेष बातें-
- 8 नवंबर 2022 को साल 2022 का अंतिम चंद्र ग्रहण लगने वाला है. यह कार्तिक शुक्ल पक्ष पूर्णिमा तिथि को आकाश में दिखाई देगा और भारत में भी विशेष रूप से दर्शनीय होगा. भारत के पूर्वी हिस्सों में इसे पूर्ण चंद्रग्रहण के रूप में तथा शेष हिस्सों में आंशिक चंद्रग्रहण के रूप में देखा जा सकता है. यह इस साल का दूसरा चंद्र ग्रहण है।
- इस चंद्रग्रहण की विशेष बात यह है कि इस दिन पृथ्वी के चंद्रमा और सूर्य के बीच आने से होने वाले इस चंद्रग्रहण पर चंद्रमा पर प्रकाश इस तरीके से पड़ेगा कि वह लाल रंग का दिखाई देने लगेगा, जिसे पाश्चात्य देशों में ब्लड मून के नाम से जाना जाता है.
- इस बार कार्तिक मास में दो ग्रहण घटित हुए हैं. पहला सूर्य ग्रहण था जो कि 25 अक्टूबर को हुआ था और अब यह 8 नवंबर को चंद्रग्रहण हो रहा है. शास्त्रानुसार यदि किसी एक ही चंद्रमास में दो ग्रहण घटित होते हैं तो यह समाज में बड़ी घटनाओं को जन्म दे सकते हैं. इस चंद्र ग्रहण का सूतक तीन प्रहर पहले शुरू हो जाएगा. जिसको हम घंटों में तब्दील करें तो लगभग 9 घंटे पहले चंद्र ग्रहण के सूतक लग जाएंगे और चंद्र ग्रहण की समाप्ति होने के बाद ही यह ग्रहण के सूतक समाप्त होंगे.
- चंद्र ग्रहण की घटना को देखना वैज्ञानिक दृष्टिकोण से तो अनुचित नहीं है, लेकिन धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ग्रहण काल में घर से बाहर निकलना और ग्रहण को देखना अच्छा नहीं माना जाता है क्योंकि इस समय प्रकृति में कुछ समय के लिए विचित्र सी शांति उत्पन्न होती है जो कि सभी प्राणियों के जीवन पर प्रभाव डालती है.
- यह चंद्रग्रहण मेष राशि में होगा. इस ग्रहण के दिन सूर्य और चंद्रमा दोनों पीड़ित अवस्था में होंगे इसलिए इस चंद्रग्रहण के प्रभाव से मेष, वृषभ, सिंह, धनु और मीन राशि के जातकों को ज्यादा सावधानी बरतनी चाहिए.
- सूतक काल में किसी तरह की सिलाई, बुनाई, कढ़ाई, भोजन पकाना, काटना, खाना, आदि कार्य नहीं करना चाहिए. अगर कोई महिला गर्भवती है तो उन्हें ग्रहण के नियमों का विशेष पालन करना चाहिए. ऐसा माना गया है कि ग्रहण काल में गर्भिणी स्त्री द्वारा किए गए कार्यों का प्रभाव उसकी कोख में पल रही संतान पर भी पड़ता है.
- ग्रहण के सूतक काल बालकों, वृद्धों और बीमार व्यक्तियों पर लागू नहीं होते हैं इसलिए उन्हें सूतक काल का पालन करने की ज्यादा आवश्यकता नहीं होती है लेकिन ऐसा तभी करें, जब आवश्यक हो।
- ग्रहण काल में पवित्र नदियों में जाकर स्नान करना, दान करना और सभी पुण्य कार्य करने चाहिए लेकिन मूर्ति स्पर्श नहीं करना चाहिए. मंत्र जाप करने के लिए यह सर्वोत्तम समय होता है.
Chandra Grahan 2022: चंद्र ग्रहण कल, जानें आपके शहर में चंद्र ग्रहण और सूतक काल का समय