Chandra Grahan 2023 Highlights: चंद्र ग्रहण हुआ समाप्त, दुष्प्रभावों से बचने के लिए करें ये उपाय
Chandra Grahan 2023 Highlights: साल का पहला चंद्र ग्रहण समाप्त हो चुका है. ग्रहण रात में 8 बजकर 46 मिनट से शुरू हुआ था. 6 मई 2023 को चंद्र ग्रहण मध्यरात्रि के बाद 1 बजकर 2 मिनट पर समाप्त हो चुका है.
खत्म हुआ साल का पहला चंद्र ग्रहण. साथ ही किसी जरूरतमंद को अन्न, वस्त्र या धन का दान भी करना चाहिए. उन कपड़ों को भी दान कर सकते हैं, जिन्हें ग्रहण के दौरान पहना गया हो. साथ ही घर के मंदिर के सभी देवी-देवताओं को भी स्नान करवाएं. सुबह सवेरे आप गाय को रोटी भी खिला सकते हैं.
Chandra Grahan 2023: चंद्र ग्रहण के दुष्प्रभावों से बचने के लिए ग्रहण खत्म होते ही कुछ काम कर लेने चाहिए. चंद्र ग्रहण 1:02 मिनट पर समाप्त हो जाएगा, ग्रहण खत्म होने के बाद पूरे घर में गंगाजल छिड़कना चाहिए.
साल का पहला चंद्र ग्रहण खत्म होने में अब केलव 1 घंटा शेष रह गया है. चंद्र ग्रहण बीच रात 1 बजकर 2 मिनट पर समाप्त हो जाएगा.उपछाया चंद्र ग्रहण में चांद के आकार में कोई बदलाव नहीं देखने को मिलता.
आज का चंद्र ग्रहण रात 1 बजकर 2 मिनट पर समाप्त होगा. इस के बाद गर्भवती महिलाएं स्नान जरुर कर लें. सफेद चीजों का दान अवश्य करें. जैसे दूध, आटा, चीना जैसे वस्तु किसी जरुरतमंद या मंदिर में दें.
इस साल कुल 4 ग्रहण लगेंगे, जिसमें 2 सूर्य ग्रहण और 2 चंद्र ग्रहण होंगे. साल का पहला सूर्य ग्रहण 20 अप्रैल को लग चुका है , आज साल का दूसरा ग्रहण है , साल का तीसरा ग्रहण सूर्य ग्रहण होगा,ये 14 अक्टूबर को लगेगा, साल का आखिरी ग्रहण 29 अक्टूबर को लगेगा जो चंद्र ग्रहण होगा.
चंद्र ग्रहण 6 मई 2023 को देर रात 01:09 पर समाप्त हो जाएगा.
धार्मिक और ज्योतिषीय नजरिए से चंद्र ग्रहण की घटना अशुभ मानी जाती है.
- चंद्र ग्रहण के दौरान सुई-धागे का काम नहीं करना चाहिए.खासकर गर्भवती महिलाओं को सुई में धागा नहीं डालना चाहिए.
- चंद्र ग्रहण के दिन कोई भी शुभ या विशेष काम नहीं करना चाहिए. अगर आप किसी नए काम की शुरुआत करना चाहते हैं तो चंद्र ग्रहण के दिन इसे टाल दें.
- चंद्र ग्रहण में तुलसी, पीपल, केला आदि जैसे पूजनीय पेड़ समेत अन्य पेड़-पौधों को भी नहीं छूना चाहिए.
- ग्रहण लगने के पहले और ग्रहण छूटने के तुरंत बाद व्यक्ति को स्नान जरूर करना चाहिए. इससे ग्रहण का नकारात्मक प्रभाव दूर हो जाता है.
तुला राशि में ही ग्रहण लगने से सेहत का ध्यान रखें. मानसिक और शारीरिक समस्याएं परेशान कर सकती हैं.वृश्चिक राशि वाले पारिवारिक समस्याओं के प्रति सावधानी रखें.धन और संपत्ति को सोच समझकर खर्च करें.धनु राशि वालों की इच्छाएं पूरी होंगी.
कर्क राशि वाले परिवार में सुख और शांति का ध्यान रखें.सिंह राशि वालों कीव्यापार में रुकावटें दूर हो जाएंगी और धन संबंधी मामलों में अच्छी खबर मिलेगी. कन्या राशि वाले अपना धन उधार देने से बचें, उसके लौटने की उम्मीद कम रहेगी. सेहत का ध्यान रखें.
मेष राशि के सप्तम भाव पर ग्रहण का प्रभाव रहने से गृहस्थ जीवन में समस्याएं आ सकती हैं. वृषभ राशि वालों को आर्थिक रूप से लाभ होगा और रुके हुए काम भी पूरे होने लगेंगे. मिथुन राशि से पंचम भाव में ग्रहण लगेगा वे किसी की बातों में आकर कोई गलत डिसीजन लेने से बचें.
चंद्र ग्रहण तुला राशि और स्वाति और अनुराधा नक्षत्र में लगेगा. चंद्र ग्रहण के दौरान चंद्रमा ग्रसित हो जाता है जिसका असर हर व्यक्ति की मानसिक स्थिति पर पड़ता है. इस राशि और नक्षत्र में जन्में लोगों पर ग्रहण का प्रभाव ज्यादा पड़ेगा.
इस बार का चंद्र ग्रहण वास्तव में एक उपच्छाया चंद्र ग्रहण है यानि चंद्र ग्रहण शुरू होने से पहले चंद्रमा धरती की उपच्छाया में प्रवेश करता है और वहीं से बाहर निकल जाता है.
चंद्र ग्रहण तुला राशि में लगेगा. साथ ही चंद्र ग्रहण के दिन ही बुद्ध पूर्णिमा भी है और आज गजलक्ष्मी राजयोग का प्रभाव भी रहेगा. ज्योतिष के अनुसार चंद्र ग्रहण से पहले ही गजलक्ष्मी राजयोग का निर्माण हो चुका है, जिसका प्रभाव ग्रहण के समय भी रहेगा यानि अभी रहेगा.
चंद्र ग्रहण के दौरान हर किसी को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए. इस समय कुछ भी खाने-पीने से बचना चाहिए. इस समय ताजा भोजन नहीं पकाना चाहिए. अगर फिर भी कुछ खाना चाहें तो फल का सेवन ग्रहण के समय कर सकते हैं.
साल का पहला सूर्य ग्रहण 20 अप्रैल को लगा था और आज साल का पहला चंद्र ग्रहण लग गया है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार चंद्र ग्रहण शुभ घटना नहीं है.ऐसा चंद्र ग्रहण 130 साल बाद लग रहा है.
चंद्र ग्रहण एक खगोलीय घटना है जिसकी खूबसूरती देखने के लिए लोग बेसब्री से इंतजार करते हैं. दुनिया भर में लोग इस दिन एक जगह इकट्ठे होकर चंद्र ग्रहण देखना पसंद करते हैं.माना जाता है कि चंद्र ग्रहण का नकारात्मक प्रभाव लोगों के मन-मस्तिष्क पर पड़ता है.
यह ग्रहण 5 मई की रात 8 बजकर 46 मिनट से शुरू होगा और मध्यरात्रि 1 बजकर 2 मिनट पर खत्म होगा. यह चंद्र ग्रहण लगभग 4 घंटे 15 मिनट तक रहेगा.
साल का पहला उपछाया चंद्र ग्रहण रात 08.45 मिनट पर स्वाति नक्षत्र और तुला राशि में लगेगा. दिल्ली, बेंगलुरु, हैदराबाद, चंडीगढ़ वाराणसी, पुणे, इंफाल, अहमदाबाद, हैदराबाद, इंफाल, ईटानगर में चंद्र ग्रहण का अद्भुत नजारा देखेगा.
पंचांग के अनुसार बुद्ध पूर्णिमा पर 130 साल बार चंद्र ग्रहण लग रहा है. वहीं 12 साल बार चंद्र ग्रहण के दिन मेष राशि में सूर्य, बुध, गुरु और राहु चतुर्ग्रही योग का निर्माण करेंगे. इसके साथ ही स्वाति नक्षत्र और सिद्धि योग का शुभ संयोग बन रहा है जिसे बहुत ही शुभ फलदायी माना गया है.
चंद्र ग्रहण के बाद सिंह, मिथुन, मकर, धनु राशि के अच्छे दिन शुरू हो जाएंगे. मकर राशि वालों को नौकरी में प्रमोशन के प्रबल योग हैं. सिंह राशि के लोगों को कारोबार में बंपर मुनाफा देखने को मिलेगा. मिथुन राशि वाले बीमारी से छुटकारा पाएंगे, धन के स्त्रोत बढ़ेंगे. धनु राशि वालों के आय में वृद्धि होगी. संतान पक्ष से खुशखबरी मिलेगी.
चंद्र ग्रहण की शुरुआत रात 08 बजकर 45 मिनट पर होगी. चंद्र ग्रहण के समय घर में मंत्रों का जाप सबसे शुभ माना जाता है, इसके असर से नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव नहीं पड़ता. इस दौरान श्मशान के आसपास न जाएं. ग्रहण काल में नए कार्य की शुरुआत करने की मनाही होती है. इससे काम में सफलता नहीं मिलती. चंद्र ग्रहण में संभोग करना भी वर्जित है, इससे भविष्य में दांपत्य जीवन में परेशानियां झेलनी पड़ती है.
चंद्र ग्रहण के समय चंद्रमा दूषित हो जाता है और चंद्रमा की किरणें अशुद्ध रहती है जो मनुष्य के आंख और पेट पर असर डालती है. साथ ही गर्भ में पल रहे शिशु पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ता है. यही वजह है कि ग्रहण को नंगी या खुली आंखों से नहीं देखना चाहिए, भोजन नहीं करना चाहिए, गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए क्योंकि चंद्रमा से निकलने वाली किरणे हानिकारक हो जाती हैं.
चंद्र ग्रहण शुरू - रात 08.45
परमग्रास चन्द्र ग्रहण - रात 10.53
चंद्र ग्रहण समाप्त - 06 मई 2023, प्रात: 01.00
उपच्छाया चंद्र ग्रहण की अवधि - 04 घण्टे 15 मिनट्स 34 सेकण्ड्स
उपच्छाया चन्द्र ग्रहण का परिमाण - 0.95
चंद्र ग्रहण में पूजा करने की मनाही होती है, साल का पहला चंद्र ग्रहण भारत के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा लेकिन आज उपछाया चंद्र ग्रहण होने की वजह से इसका सूतक काल मान्य नहीं रहेगा. ऐसे में मंदिरों में आम दिनों की तरह पूजा-पाठ जारी रहेंगे. धार्मिक और सामाजिक कार्य कर सकते हैं.
साल का पहला चंद्र ग्रहण यूरोप, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, अंटार्कटिका, प्रशांत अटलांटिक,पेरिस, रोम, मैड्रिड, काहिरा, बर्लिन, मास्को, टोक्यो, सिडनी, बीजिंग, दुबई, अबु धाबी, रियाद, कराची और हिंद महासागर में दिखाई देगा.
चंद्र ग्रहण में गर्भवती महिलाएं घर से बाहर न निकलें, ग्रहण न देखें. ऐसा करने पर बच्चे के मानसिक और शारीरिक विकास पर बुरा असर पड़ता है. इस दौरान गर्भवती महिलाएं सोए नहीं, चाहें तो लेट सकती हैं. चाकू-कैंची और कोई भी नुकीली जैसी चीजों का इस्तेमाल ना करें.
पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण लगने का संबंध विज्ञान से जुड़ा है. विज्ञान के अनुसार जब भी चंद्रमा पृथ्वी की छाया में आता है, वह पूर्णिमा का दिन ही होता है. पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण लगने का कारण है सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक सीध में होना. यह सिर्फ ज्यामितीय प्रतिबन्ध के कारण ही हो सकता है.
चंद्र ग्रहण रात 08.45 से देर रात 01.00 बजे तक रहेगा. रात में ग्रहण से पहले स्नान कर एकांत में बैठे, मुख उत्तर दिशा की ओर रखें. अब केसर से रंगे में चावल को शंख में डालकर एक थाली में रखें, दूसरी थाल में केसर से ऊं लिखकर श्रीयंत्र स्थापित करें. अब 'ॐ पुते सदा देवी महालक्ष्मी नमोस्तुते' ग्रहण समाप्त होने तक जाप करें. इसके बाद सभी सामग्री नदी में बहा दें. ये उपाय जीवन में आर्थिक स्थिति को मजबूत करेगा, मां लक्ष्मी का आशीर्वाद बना रहेगा.
पूर्ण चंद्रग्रहण और आंशिक चंद्रग्रहण के बीच की भी एक स्थिति होती है उसे उपच्छाया चंद्र ग्रहण कहते हैं. उपछाया चंद्र ग्रहण में चंद्रमा पर पृथ्वी के बाहरी हिस्से की छाया ही पड़ती है और इसका प्रभाव यह होता है कि चंद्रमी सतह पर हल्का सा धुंधला और मटमैला दिखाई देता है. इसमें चंद्रमा का कोई भाग कटा हुआ दिखाई नहीं देता है.
साल का पहला चंद्र ग्रहण भारत के नई दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरु, वाराणसी, इंफाल, अहमदाबाद, हैदराबाद, पुणे शहर में दिखाई देगा. उपछाया चंद्र ग्रहण की धार्मिक मान्यता नहीं होती इसलिए भारत में चंद्र ग्रहण के दौरान भी धार्मिक कार्य जारी रहेंगे.
आज रात को उपछाया चंद्र ग्रहण बहुत ही दुर्लभ योग में योग होगा, 12 साल के बाद इस चंद्र ग्रहण पर चतुर्ग्रही योग का निर्माण होगा. सूर्य, राहु, गुरुस और बुध मिलकर मेष राशि में चतुर्ग्रही योग का निर्माण करेंगे. चतुर्ग्रही योग से कई राशियों को नौकरी में उन्नति और धन सुख प्राप्त होगा.
आज लगने वाला चंद्र ग्रहण एक उपछाया चंद्र ग्रहण है. ज्योतिषीय आधार पर आज चंद्रमा तुला राशि में केतु के साथ उपस्थित होकर पीड़ित अवस्था में होंगे. उनसे ठीक सप्तम भाव में राहु के अतिरिक्त सूर्य, बृहस्पति और बुध ग्रह भी विराजमान होंगे. इस प्रकार पांच ग्रहों का प्रभाव चंद्रमा पर होने के कारण चंद्रमा अत्यधिक पीड़ित अवस्था में रहेंगे. ग्रहण के दौरान चंद्रमा राहु के नक्षत्र स्वाति में स्थित होंगे.
चंद्र ग्रहण के बाद सफेद चीजों का दान जरूर करना चाहिए. आप चावल, दूध, दही, सफेद वस्त्र, मिठाई का दान कर सकते हैं. इसके अलावा मोती, सोना, चांदी, चावल, मिश्री, दही, सफेद कपड़ा, सफेद फूल, शंख, कपूर और सफेद चंदन का दान करना भी फलदायी होता है.
ग्रहण खत्म होने के बाद पूरे घर में गंगाजल डालकर शुद्धि करना चाहिए. ग्रहण खत्म होने पर घर के पास मौजूद किसी मंदिर में पूजा करनी चाहिए और इसके बाद दान करना चाहिए. ग्रहण खत्म होने पर गाय को रोटी खिलानी चाहिए. मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए ग्रहण खत्म होने के बाद इन्द्र देव की पूजा करने का भी विधान है. चंद्र ग्रहण समाप्त होने के बाद मीठे चावल बनाकर कौवे को खिलाने से राहु, केतु और शनि के दोष दूर होते हैं.
मेष राशि- इस राशि के स्वामी मंगल ग्रह हैं. चंद्र ग्रहण के समय आपको हनुमान चालीसा का पाठ करें. इसके साथ ही 'ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं ॐ स्वाहा:' मंत्र का 108 बार जपा करना आपके लिए शुभ रहेगा.
विधुन्तुद नमस्तुभ्यं सिंहिकानन्दनाच्युत।
दानेनानेन नागस्य रक्ष मां वेधजाद्भयात्॥२॥
श्लोक अर्थ - हे सिंहिकानन्दन, अच्युत! हे विधुन्तुद, नाग के इस दान से ग्रहण से होने वाले भय से मेरी रक्षा कीजिए.
तमोमय महाभीम सोमसूर्यविमर्दन।
हेमताराप्रदानेन मम शान्तिप्रदो भव॥१॥
श्लोक अर्थ - अन्धकाररूप महाभीम चन्द्रमा और सूर्य का मर्दन करने वाले राहु! सुवर्ण तारा के दान से मुझे शान्ति प्रदान कीजिए.
चंद्र ग्रहण भले एक खगोलीय घटना हो लेकिन धार्मिक मान्यताओं में इसे अशुभ माना जाता है. यह एक दैवीय आपदा मानी जाती है. ज्योतिष के अनुसार ग्रहण के दौरान राहु चंद्रमा को ग्रसित कर लेता है जिसकी वजह से ग्रहण लगता है. चंद्रमा मन का कारक है इसलिए इसके ग्रसित होना का प्रभाव हर किसी के मन-मस्तिष्क पर पड़ता है.
चंद्र ग्रहण के दौरान चंद्र देव के मंत्रों का जाप बहुत लाभदायक होता है. ग्रहण काल में भगवान शिव और माता पार्वती जी की पूजा करने से आपको चंद्रग्रहण के दुष्प्रभावों से मुक्ति मिलती है. भगवान शंकर चंद्रमा को अपने मस्तक पर धारण करते हैं. ग्रहण के समय भोलेनाथ के चंद्रशेखर रूप का ध्यान करते हुए उनकी पूजा-अर्चना करनी चाहिए. इस दौरान आप ॐ नमः शिवाय मंत्र का भी जाप कर सकते हैं.
चंद्र ग्रहण के दौरान चंद्र देव के कुछ मंत्रों का जाप करना बहुत लाभदायक होता है. ये 5 मंत्र इस प्रकार हैं.
1. ॐ श्रां श्रीं श्रौं चन्द्रमसे नम:
2. ॐ श्रां श्रीं श्रौं स: चंद्राय नम:।
3. ॐ भूर्भुव: स्व: अमृतांगाय विदमहे कलारूपाय धीमहि तन्नो सोमो प्रचोदयात्।
4. ॐ ऐं क्लीं सोमाय नम:
5. दधिशंखतुषाराभं क्षीरोदार्णव सम्भवम ।
नमामि शशिनं सोमं शंभोर्मुकुट भूषणं ।।
चंद्र ग्रहण के दौरान चंद्रमा पीड़ित अवस्था में आ जाएंगे. चंद्रमा की ये अवस्था कुछ राशियों के लिए अच्छी नहीं रहने वाली है. इस चंद्र ग्रहण से चार राशि वालों को सावधान रहने की जरूरत है. मिथुन, कर्क, तुला और मकर राशि के जातकों को अपने निजी जीवन और कार्यक्षेत्र में कुछ उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है. इस समय आपको अपने वाणी और क्रोध पर नियंत्रण रखने की जरूरत होगी.
बुध, सूर्य, बृहस्पति और राहु मिलकर आज चतुर्ग्रही योग का निर्माण कर रहे हैं. इसका प्रभाव सभी राशियों पर होगा लेकिन 3 भाग्यशाली राशियां ऐसी हैं, जिनके लिए यह अत्यंत शुभ साबित होगा. मेष, धनु और सिंह राशि वालों के लिए आज लगने वाला चंद्र ग्रहण बेहद मंगलदायी रहने वाला है. इन राशि के लोगों को हर क्षेत्र में लाभ मिलेगा. आपकी सभी योजनाएं पूर्ण रूप से सफल होंगी.
चंद्र ग्रहण के समय घर के अंदर ही रहना चाहिए. ग्रहण काल शुरू होने से पहले जल, दूध और खाने के चीजों में तुलसी के पत्ते डालने चाहिए. इससे ग्रहण का नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता है. ग्रहण के समय भगवान का ध्यान करना चाहिए. इस समय मंत्रों का जाप विशेष फलदायी होता है.
चंद्र ग्रहण के दौरान कुछ खाने-पीने से बचना चाहिए. सनातन धर्म में हर तरह के ग्रहण को अशुभ माना गया है. यही वजह है कि ग्रहण के दौरान भोजन करने की सख्त मनाही है. माना जाता है कि ग्रहण के समय किसी दूसरे व्यक्ति का भोजन करने से मनुष्य के सारे पुण्य नष्ट हो जाते हैं. हालांकि बुजुर्ग, बच्चे और मरीजों को ग्रहण के समय खाने-पीने में छूट दी गई है. गर्भवती महिलाओं को चंद्र ग्रहण के दौरान विशेष सावधान रहना चाहिए. आपको किसी भी तेजधार या नुकीली वस्तुओं का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.
आज चंद्र ग्रहण के दिन 12 साल बाद मेष राशि में चतुर्ग्रही योग बन रहा है. आज मेष राशि में सूर्य, बुध,गुरु और राहु के होने से चतुर्ग्रही योग बन रहा है. ऐसे में कुछ राशियों को इससे बंपर लाभ मिलने वाला है. इस चतुर्ग्रही योग के निर्माण अवधि में ही चंद्र ग्रहण लगेगा. कुछ राशि के लोगों को इस ग्रहण का शुभ लाभ मिलने वाला है.
आज रात में लगने वाला चंद्र ग्रहण तुला राशि और स्वाति और अनुराधा नक्षत्र में लगेगा. चंद्र ग्रहण के दौरान चंद्रमा ग्रसित हो जाता है जिसका असर हर व्यक्ति की मानसिक स्थिति पर पड़ता है. इस राशि और नक्षत्र में जन्मे लोगों पर ग्रहण का प्रभाव ज्यादा पड़ेगा.
चंद्र ग्रहण का सूतक काल 9 घंटे पहले शुरू हो जाता है. आज लगने वाला चंद्र ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा इसलिए यहां इसका सूतक काल भी नहीं माना जाएगा. सूतक काल ना लगने की वजह से यहां पूजा-पाठ या किसी भी धार्मिक कार्यों पर रोक नहीं लगेगी.
आज लगने वाला यह ग्रहण एक उपछाया चंद्रग्रहण होगा. जब चंद्रमा पर पृथ्वी की छाया न पड़कर केवल उसकी उपछाया मात्र ही पड़ती है, तब इसे उपछाया चंद्र ग्रहण कहते हैं. इसमें चंद्रमा के आकार में कोई अंतर नहीं आता है. बस इस पर एक धुंधली सी छाया मात्र नजर आती है.
आज लगने वाला चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा. यह चंद्र ग्रहण एशिया, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण पूर्वी यूरोप के कुछ भागों में दिखाई देगा. 15 दिनों के अंतराल में ये इस साल का दूसरा ग्रहण है. इससे पहले 20 अप्रैल को साल का पहला सूर्य ग्रहण लगा था.
आज वैशाख मास की पूर्णिमा तिथि के दिन साल 2023 का पहला चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है. यह ग्रहण रात 08 बजकर 44 मिनट पर शुरू होगा और देर रात 01 बजकर 02 मिनट पर खत्म होगा. यह ग्रहण कुल 4 घंटे और 18 मिनट तक रहेगा.
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Chandra Grahan 2023 Highlights: 5 मई को यानी आज साल का पहला चंद्र ग्रहण समाप्त हो चुका है. ग्रहण भले एक खगोलीय घटना हो लेकिन धार्मिक मान्यताओं में इसे अशुभ माना जाता है. यह एक दैवीय आपदा मानी जाती है. ज्योतिष के अनुसार ग्रहण के दौरान सूर्य और चंद्रमा राहु से ग्रसित हो जाते हैं जिसकी वजह से ग्रहण लगता है. आइए जानते हैं कि साल का पहला कब और कहां लगेगा.
आज लगेगा साल का पहला चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan 2023 Time)
साल का पहला चंद्र ग्रहण आज रात में लग रहा है. आज बुद्ध पूर्णिमा भी है. यह ग्रहण 5 मई की रात में 8 बजकर 46 मिनट से शुरू होगा और मध्यरात्रि के बाद 1 बजकर 2 मिनट पर समाप्त होगा. आज लगने वाला यह ग्रहण एक उपछाया चंद्रग्रहण होगा. यह चंद्रग्रहण लगभग 4 घंटे 15 मिनट की अवधि का होगा. इससे पहले साल का पहला सूर्य ग्रहण 20 अप्रैल को लगा था. यह चंद्र ग्रहण तुला राशि और स्वाति और अनुराधा नक्षत्र में लगेगा.
इन जगहों पर दिखाई देगा चंद्र ग्रहण (Chandra grahan Where to watch)
साल का पहला चंद्र ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा. यह चंद्र ग्रहण एशिया, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण पूर्वी यूरोप के कुछ भागों में दिखाई देगा. चंद्र ग्रहण का सूतक काल 9 घंटे पहले शुरू हो जाता है. आज लगने वाला चंद्र ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा इसलिए यहां इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा. सूतक काल ना लगने की वजह से यहां पूजा-पाठ या किसी भी धार्मिक कार्यों पर रोक नहीं लगेगी.
चंद्र ग्रहण पर बन रहा है चतुर्ग्रही योग
चंद्र ग्रहण के दिन 12 साल बाद मेष राशि में चतुर्ग्रही योग बन रहा है. मेष राशि में सूर्य, बुध, गुरु और राहु का चतुर्ग्रही योग बन रहा है. ऐसे में कुछ राशियों को इससे बंपर लाभ मिलने वाला है. इस ग्रहण से मिथुन, सिंह, धनु, मकर, कुंभ और मीन राशि वालों को लाभ होगा. वहीं मेष, वृषभ और कर्क राशि वालों को इस ग्रहण से सावधान रहने की जरूरत है.
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