Chandra Grahan 2021: चंद्र ग्रहण ज्योतिषीय दृष्टिकोण से ऐसी घटना है, जिसका असर हर व्यक्ति के जीवन पर होता है. मगर कुछ ऐसे लोग होते हैं, जिन्हें बेहद सतर्कता बरतनी चाहिए, खासतौर पर गर्भवती महिलाओं को, क्योंकि ग्रहण का असर उनके साथ-साथ गर्भस्थ शिशु पर पड़ सकता है, जिसके चलते उन्हें दिक्कत उठानी पड़ सकती है.


चंद्र ग्रहण पर 19 नवंबर को कोई भी मांगलिक या शुभ कार्य नहीं करना चाहिए. मन में ही ईष्ट देव की आराधना करनी चाहिए. ग्रहण 19 नवंबर की सुबह 11 बजकर 34 मिनट पर शुरू होगा और शाम 05 बजकर 33 मिनट पर पूरा होगा. यह चंद्र ग्रहण भारत में उपछाया के रूप में दिखेगा तो सूतक काल नहीं होगा. ज्योतिषियों का मत है कि गर्भवती महिलाओं को ग्रहण काल में कुछ नियमों का पालन करना चाहिए, जिससे गर्भ में पल रहा शिशु स्वस्थ रहे.


चंद्रग्रहण के दौरान ध्यान रखने वाली कुछ अहम बातें


- ग्रहण काल में गर्भवती महिलाएं घर पर ही रहें.
- ग्रहण में चंद्रमा को न देखें. इससे बच्चे पर बुरा प्रभाव पड़ता है.
- नोकदार चीजें जैसे चाकू, कैंची, सूई आदि का उपयोग न करें.
- ग्रहण के दौरान कुछ भी नहीं खाए, सिलाई भी वर्जित है.
- मुंह में तुलसी रखकर हनुमान चालीसा का पाठ करें.
- ग्रहण समाप्त होने पर शुद्ध जल से स्नान करें.
- मान्यता है कि ग्रहण के दौरान चांद का गुरुत्वाकर्षण बहुत अधिक रहता है, ऐसे में गर्भवती महिलाओं को ग्रहण नहीं देखना चाहिए. 
- ग्रहण के समय महिलाओं के शरीर में हार्मोनल बदलाव आते हैं. उन्हें बेचैनी, पसीना और कमजोरी हो सकती हैं.
- ग्रहण काल में गर्भवती महिलाएं एक नारियल अपने पास रखें. इससे ग्रहण का बुरा असर नहीं पड़ता. ग्रहण काल में जप, ध्यानादि करती रहें. ईष्ट देव के मंत्रों का मन ही मन जाप करना चाहिए.


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