Moon: आखिर क्यों दुनियाभर के लिए इतना खास है चंद्रमा, जानें इसका धार्मिक और ज्योतिष महत्व
Chandrma: चांद पर पहुंचने के लिए दुनियाभर के देशों में रेस लगी हुई है. हाल ही में हमने चंद्रयान-3 (Chandrayaan 3) की नजरों से चांद की झलक देखी. लेकिन चंद्रमा का धार्मिक और ज्योतिष महत्व भी है.
Chandrma: चंद्रमा की खूबसूरती और रोशनी सभी को लालायित करती है. यही कारण है कि चंद्रमा (Moon) पर पहुंचने के लिए दुनियाभर के देशों में रेस लगी है. बीते 14 जुलाई 2023 को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से चंद्रयान-3 (Chandrayaan 3) को रवाना किया गया और अब सभी को चंद्रयान-3 की सफल लैंडिग का इंतजार है.
दक्षिणी ध्रुव पर उतरेगा चंद्रयान-3
बता दें कि, 23 अगस्त 2023 को चंद्रयान-3 के भारतीय समयानुसार शाम 06:04 पर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने की उम्मीद जताई जा रही है. लैंडिंग के बाद रोवर लैंप से बाहर निकलेगा और 14 दिनों तक प्रयोग करेगा. चांद पर सफल लैंडिग के बाद भारत ऐसा करने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाए. इससे पहले अमेरिका, सोवियत संघ और चीन के मिशन ही चांद पर सफलतापूर्वक उतरे हैं.
चंद्रयान-3 (Chandrayaan 3) से चांद की कई तस्वीरें भेजी गई, जिसका दीदार दुनियाभर के लोगों ने किया. चंद्रयान-3 द्वारा चांद के फार साइड एरिया की तस्वीरें भी भेजी गई, यह हिस्सा पृथ्वी से नजर नहीं आता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि, जिस चांद पर पहुंचने के लिए दुनियाभर के देशों में रेस लगी हुई है, उसका विशेष धार्मिक और ज्योतिष महत्व भी है.
हिंदू धर्म में चंद्रमा को देवता मानकर पूजा जाता है. इतना ही नहीं कई तीज-त्योहार और विशेष तिथियां भी चंद्रमा से जुड़ी होती है. हिंदू धर्म में सूर्य की तरह चंद्रमा भी ऐसे देवता हैं, जिनके दर्शन प्रत्यक्ष रूप से होते हैं. वहीं ज्योतिष में चंद्रमा को मन का कारक माना गया है, जो व्यक्ति के मन, मस्तिष्क और भावनाओं को प्रभावित करता है. आइये विस्तार से जानते हैं, चंद्रमा का हिंदू धर्म और ज्योतिष में क्या है महत्व.
चंद्रमा का धार्मिक महत्व (Religious Importance of Moon)
हिंदू धर्म में चंद्रमा को देवता माना गया है. चंद्रमा महादेव के मस्तक पर सुसज्जित हैं. 12 ज्योतिर्लिंगों में पहले ज्योतिर्लिंग (सोमनाथ ज्योतिर्लिंग) की स्थापना भी चंद्र देव के द्वारा ही की गई. इसलिए चंद्रमा को सोम भी कहा जाता है. चंद्रमा से जुड़ी हिंदू पौराणिक मान्यता के अनुसार, चंद्रमा को महर्षि अत्रि और माता अनुसूइया का पुत्र माना गया है.
करवा चौथ से लेकर गणेश चौथ तक हिंदू धर्म में ऐसे कई पर्व,व्रत और तीज-त्योहार हैं जो चंद्र देवता की पूजा और दर्शन के बिना अधूरे माने जाते हैं. हर महीने की पूर्णिमा तिथि और शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि पर भी चंद्रमा दर्शन का विशेष महत्व होता है. वहीं शरद पूर्णिमा, गुरु पूर्णिमा, फाल्गुन पूर्णिमा आदि का संबंध भी चंद्रमा से है. हिंदू धर्म में ऐसी मान्यता है कि पितरों का निवास भी चंद्रमा के उर्ध्वभाग होता है.
चंद्रमा का ज्योतिष महत्व (Astrological Importance of Moon)
ज्योतिष शास्त्र में चंद्रमा को मन का कारक माना गया है, जोकि कर्क राशि के स्वामी माने गए हैं. कुंडली में चंद्रमा के आधार पर ही किसी व्यक्ति की राशि भी तय होती है. अगर किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली चंद्रमा का शुभ प्रभाव हो तो उसे कभी धन की कमी नहीं होती. वहीं चंद्रमा की अशुभता होने पर व्यक्ति का मन विचलित रहता है और वह चिड़चिड़ा सा महसूस करता है. सप्ताह के सात दिनों में चंद्रमा के नाम (सोम) पर एक दिन का नाम सोमवार रखा गया है. सभी ग्रहों में चंद्रमा की गोचर अवधि सबसे कम करीब सवा दो दिन की होती है. यहां तक कि, पंचांग और राशिफल की गणना भी चंद्रमा की सहायता से ही तैयार होती है.
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