Maa Lakshmi Ke 108 Naam: कार्तिक माह (Kartik Month) में मां लक्ष्मी की पूजा (Maa Lakshmi Puja) का विशेष महत्व है. कहते हैं कि इस माह में किया गया पूजा-पाठ आपके सभी पापों का नाश करता है और घर में धन-वैभव और सुख-समृद्धि का आगमन होता है. शरद पूर्णिमा (Sharad Purnima) से शुरू होकर धनतेरस (Dhanteras 2021), दिवाली (Diwali 2021) और देव दीपावली (Dev Deepawali 2021) तक लक्ष्मी पूजन का विशेष महत्व है. इसके साथ ही शुक्रवार के दिन भी लक्ष्मी जी (Friday Lakshmi Puja) की कृपा पाने के लिए पूजा-पाठ और व्रत आदि किए जाते हैं. ताकि मां का आशीर्वाद प्राप्त किया जा सके. 


मान्यता है कि कार्तिक मास में लक्ष्मी मां को आसानी (Kartik Mass Lakshmi Ji Puja) से प्रसन्न कर उनका आशीर्वाद पाया जा सकता है. मां लक्ष्मी के आशीर्वाद से ही जीवन में सुख-संपत्ति और धन संपदा प्राप्त होती है. धार्मिक ग्रंथों के अनुसार कार्तिक माह लक्ष्मी जी को बेहद प्रिय है, इसलिए कार्तिक माह का शुक्रवार उस हिसाब से और भी खास हो जाता है. शुक्रवार का दिन मां लक्ष्मी को समर्पित है. इस दिन की गई मां पूजा-अर्चना से माता जल्दी प्रसन्न होकर भक्तों पर कृपा बरसाती हैं. मान्यता है कि कार्तिक माह में नियमित रूप से कमल गट्टे की माला से लक्ष्मी के 108 नामों का जाप (Chant Maa Lakshmi 108 Naam) करने से माता शीघ्र प्रसन्न होती हैं. ऐसा करने से मां लक्ष्मी अवश्य प्रसन्न होती हैं और व्यक्ति को धन-धान्य से परिपूर्ण करने का आशीर्वाद देती हैं. 


आइए जानते हैं कार्तिक माह के शुक्रवार को मां लक्ष्मी के 108 नामों का जाप के बारे में. 


लक्ष्मी जी के 108 नाम (Maa Lakshmi 108 Naam)


1. प्रकृती


2. विकृती


3. विद्या


4. सर्वभूतहितप्रदा


5. श्रद्धा


6. विभूति


7. सुरभि


8. परमात्मिका


9. वाचि


10. पद्मलया


11. पद्मा


12. शुचि


13. स्वाहा


14. स्वधा


15. सुधा


16. धन्या


17. हिरण्मयी


18. लक्ष्मी


19. नित्यपुष्टा


20. विभा


21. आदित्य


22. दित्य


23. दीपायै


24. वसुधा


25. वसुधारिणी


26. कमलसम्भवा


27. कान्ता


28. कामाक्षी


29. क्ष्रीरोधसंभवा, क्रोधसंभवा


30. अनुग्रहप्रदा


31. बुध्दि


32. अनघा


33. हरिवल्लभि


34. अशोका


35. अमृता


36. दीप्ता


37. लोकशोकविनाशि


38. धर्मनिलया


39. करुणा


40. लोकमात्रि


41. पद्मप्रिया


2. पद्महस्ता


43. पद्माक्ष्या


44. पद्मसुन्दरी


45. पद्मोद्भवा


46. पद्ममुखी


47. पद्मनाभाप्रिया


48. रमा


49. पद्ममालाधरा


50. देवी


51. पद्मिनी


52. पद्मगन्धिनी


53. पुण्यगन्धा


54. सुप्रसन्ना


55. प्रसादाभिमुखी


56. प्रभा


57. चन्द्रवदना


58. चन्द्रा


59. चन्द्रसहोदरी


60. चतुर्भुजा


61. चन्द्ररूपा


62. इन्दिरा


63. इन्दुशीतला


64. आह्लादजननी


65. पुष्टि


66. शिवा


67. शिवकरी


68. सत्या


69. विमला


70. विश्वजननी


71. तुष्टि


72. दारिद्र्यनाशिनी


73. प्रीतिपुष्करिणी


74. शान्ता


75. शुक्लमाल्यांबरा


76. श्री


77. भस्करि


78. बिल्वनिलया


79. वरारोहा


80. यशस्विनी


81. वसुन्धरा


82. उदारांगा


83. हरिणी


84. हेममालिनी


85. धनधान्यकी


86. सिध्दि


87. स्त्रैणसौम्या


88. शुभप्रदा


89. नृपवेश्मगतानन्दा


90. वरलक्ष्मी


91. वसुप्रदा


92. शुभा


93. हिरण्यप्राकारा


94. समुद्रतनया


95. जया


96. मंगला देवी


97. विष्णुवक्षस्स्थलस्थिता


98. विष्णुपत्नी


99. प्रसन्नाक्षी


100. नारायणसमाश्रिता


101. दारिद्र्यध्वंसिनी


102. देवी


103. सर्वोपद्रव वारिणी


104. नवदुर्गा


105. महाकाली


106. ब्रह्माविष्णुशिवात्मिका


107. त्रिकालज्ञानसम्पन्ना


108. भुवनेश्वरी 


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