Chant Om: हिंदू धर्म में ‘ॐ’ शब्द का विशेष महत्व है. कहते हैं कि सिर्फ ‘ॐ’ नाम के जाप से ही मनुष्य को शारीरिक और मानसिक शांति मिलती है. व्यक्ति किसी भी परेशानी या समस्या के समय प्रभु का नाम लेता है, उनकी पूजा-अराधना करता है. भगवान के मंत्रों का जाप करता है. कहते हैं कि प्रभु की शीघ्र कृपा पाने के लिए मंत्रोच्चारण सबसे सरल और उत्तम उपाय है. ऐसे में आपने देखा होगा कि हर मंत्र का उच्चारण ‘ॐ’ शब्द से हो होता है.
सनातन धर्म के अनुसार ‘ॐ’ एक शब्द नहीं, बल्कि इसमें पूरा संसार व्याप्त है. सदियों से ही ‘ॐ’ का उच्चारण करके प्रभु की साधना की जाती रही है. इसमें कई तरह की शक्ति विद्यमान है. इसे लेकर ये भी मान्यता है कि सिर्फ ‘ॐ’ के जाप से ही ईश्वर को पाया जा सकता है. आइए जानते हैं ‘ॐ’ मंत्र के लाभ और उसका महत्व.
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ॐ का पौराणिक महत्व
- ॐ शब्द को लेकर मान्यता है कि इसके उच्चारण में संपूर्ण ब्रह्मांड का ज्ञान छिपा है. सिर्फ ॐ के जाप से ही जीवन के हर कष्ट को दूर किया जा सकता है. पैराणिक महत्व के मुताबिक ॐ ईश्वर के सभी रूपों का संयुक्त रूप है. ॐ का उच्चारण करने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है.
- ऐसी मान्यता है कि संसार के अस्तित्व में आने से पहले ॐ की ही प्राकृतिक ध्वनि की गूंज हुई थी. इसी वजह से इसे ब्रह्मांड की आवाज भी कहा जाता है.
- बता दें कि ‘ॐ’ के उच्चारण के समय ‘म’ की ध्वनि मुख से निकलते समय व्यक्ति के मस्तिष्क को ऊर्जा मिलती है. इससे व्यक्ति की मानसिक शक्तियों का विकास होता है.
- इतना ही नहीं, ॐ के जाप से मन को शांति और स्थिरता मिलती है. सिर्फ ॐ का ही जाप करने से ईष्ट देव की कृपा पाई जा सकती है.
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ॐ के उच्चारण में रखें इनका ध्यान
- ॐ शब्द का उच्चारण हमेशा स्वच्छ और खुले वातावरण में करना चाहिए.
- मान्यता है कि ॐ का उच्चारण करने से सांसे तेज हो जाती हैं. इसलिए खुले में इसका उच्चारण करने से सकारात्मकता प्राप्त होती है.
- ॐ का उच्चारण सुखासन, पद्मासन, वज्रासन आदि मुद्रा में बैठ किया जाता है.
- बता दें कि ॐ का उच्चारण 5, 7, 11 और 21 बार करना उपयोगी माना गया है.
- इसके साथ ही पूजा के वक्त विशेष रूप से ॐ का जाप अपने हिसाब से करें और भगवान की कृपा पाएं.
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