हिंदू धर्म में अधिक मास का विशेष महत्व है. इसे मल मास और पुरुषोत्तम मास के नाम से भी जाना जाता है. यह अधिकमास 18 सितंबर 2020 से शुरू हो चुका है जबकि 16 अक्टूबर 2020 तक यह चलेगा.
भगवान विष्णु अधिक मास के स्वामी माने जाते हैं. पुरुषोत्तम भगवान विष्णु का ही एक नाम है. इसीलिए अधिकमास को पुरुषोत्तम मास के नाम से भी जाना जाता है. मान्यता है कि इस मास में भगवान विष्णु की पूजा करने से सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.
इस पूरे मास में पूजा-पाठ, भगवतभक्ति, व्रत-उपवास, जप और योग जैसे धार्मिक कार्यों में संलग्न रहते हैं. ऐसा माना जाता है कि अधिकमास में किए गए धार्मिक कार्यों का किसी भी अन्य माह में किए गए पूजा-पाठ से 10 गुना अधिक फल मिलता है.
हम आपको बता रहे हैं भगवान विष्णु के वे दस मंत्र जिनका जाप अधिक मास में करने से विशेष फल मिलता है.
1
शांता कारम भुजङ्ग शयनम पद्म नाभं सुरेशम।
विश्वाधारं गगनसद्र्श्यं मेघवर्णम शुभांगम।
लक्ष्मीकान्तं कमल नयनम योगिभिर्ध्यान नग्म्य्म।
वन्दे विष्णुम भवभयहरं सर्व लोकैकनाथम।।
2
गोवर्धनधरं वन्दे गोपालं गोपरूपिणम्।
गोकुलोत्सवमीशानं गोविन्दं गोपिकाप्रियम्।।
3
ॐ नारायणाय विद्महे वासुदेवाय धीमहि तन्नो विष्णु प्रचोदयात्.
4
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय.
इन कामों की है मनाही
हिंदू धर्म में अधिकमास के दौरान सभी पवित्र काम वर्जित माने गए हैं. इस मास के दौरान हिंदू धर्म के विशिष्ट व्यक्तिगत संस्कार जैसे नामकरण, यज्ञोपवीत, विवाह और सामान्य धार्मिक संस्कार जैसे गृहप्रवेश, नई बहुमूल्य वस्तुओं की खरीदी आमतौर पर नहीं किए जाते हैं. माना जाता है कि अतिरिक्त होने के कारण यह मास मलिन होता है. इसी वजह से इसका नाम मल मास पड़ा है.
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