Charak Jayanti 2023: सावन महीने की पंचमी को चरक जयंती मनाई जाती है. आज यानी 21 अगस्त 2023 चरक जयंती है. ये दिन आयुर्वेद महान आचार्य चरक को समर्पित है, इस दिन उनका जन्म हुआ था.


आयुर्वेद के चिकित्सकों के लिए चरक जयंती बहुत खास मानी जाती है. आचार्य चरक ही आयुर्वेद के चिकित्सक माने जाते हैं. आइए विस्तार से जानते हैं आचार्य चरक के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी.



कौन थे आचार्य चरक ? (Who is Rishi Charak)


चरक कुषाण राज्य के राजवैद्य थे. आचार्य चरक आयुर्वेद की जनक माने गए हैं. भारत ही नहीं बल्कि विदेशों में भी चरक एक महर्षि एवं आयुर्वेद विशारद के रूप में प्रसिद्ध हैं. महा ऋषि चरक की जन्म तिथि के बारे में कुछ निश्चित तथ्य मौजूद नहीं हैं लेकिन माना जाता है कि 2300-2400 साल पहले उनका जन्म हुआ था.


चरक ऐसे पहले चिकित्सक थे जिन्होंने पाचन, चयापचय और शरीर प्रतिरक्षा की अवधारणा दी थी.चरक के अनुसार शरीर में पित्त, कफ और वायु के कारण दोष उत्पन्न हो जाते है और यही बीमारियों की जड़ बनते हैं.  आयुर्वेदाचार्य चरक मानव कल्याण के लिए आयुर्वेद ग्रंथ ‘चरक संहिता’ लिखा था. इसमें विभिन्न रोगों के उपचार के लिए आयुर्वेदिक औषधियों की व्याख्या की गई है, जिन्हें सही मात्रा और तरीके से प्रयोग करने के उपाय भी दिए गए हैं. 


आयुर्वेद का अमूल्य ग्रंथ है चरक संहिता (Charak Samhita)


'चरक संहिता' में आयुर्वेद के मूल सिद्धांतों, औषधियों, और रोगों के कारणों वर्णन किया गया है. इस पुस्तक को आज भी चिकित्सा जगत में बहुत सम्मान दिया जाता है. यह ग्रन्थ ऋषि आत्रेय तथा पुनर्वसु के ज्ञान का संग्रह है जिसे चरक ने कुछ संशोधित कर अपनी शैली में प्रस्तुत किया.


‘इलाज नहीं बीमारी से बचाना ही चिकित्सक का कर्तव्य’


आचार्य चरक कहते हैं कि ज्यादा महत्वपूर्ण यह है की व्यक्ति को बीमारी से बचाना न की इलाज करना ”. जो चिकित्सक अपने ज्ञान और समझ का दीपक लेकर बीमार के शरीर को नहीं समझता, वह बीमारी कैसे ठीक कर सकता है. इसलिए सबसे पहले उन सब कारणों का अध्ययन करना चाहिए जो रोगी को प्रभावित करते है, फिर उसका इलाज करना चाहिए.


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