(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Chaturmas 2020: चातुर्मास में भूलकर भी न करें ये काम, इन चीजों का करें त्याग
Chaturmas 2020 Start: 1 जुलाई से चातुर्मास आरंभ हो चुके हैं. हिंदू धर्म में चातुर्मास का विशेष महत्व माना गया है, जिसका वैज्ञानिक आधार भी है. चातुर्मास में व्यक्ति की किस तरह से जीवनशैली और दिनचर्या होनी चाहिए आइए जानते हैं.
Chaturmas 2020: देवशयनी एकादशी से भगवान विष्णु विश्राम करने के लिए पाताल लोक के लिए प्रस्थान कर जाते हैं. जहां पर वे अपने शयनकक्ष में विश्राम करते हैं. जब भगवान शयनकक्ष में पहुंच जाते हैं तो चातुर्मास आरंभ हो जाता है.पंचांग और हिंदू मान्यता के अनुसार आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी से कार्तिक शुक्ल एकादशी तक का समय 'चातुर्मास' माना जाता है. चातुर्मास में विशेष साधना पर बल दिया गया है.
मान्यता है कि चातुर्मास के दौरान बादल और वर्षा के कारण सूर्य और चन्द्रमा की शक्ति कमजोर पड़ जाती है. जिसका मनुष्य की सेहत पर भी असर पड़ता है. माना जाता है कि चातुर्मास के समय पित्त स्वरूप अग्नि की गति शांत हो जाने के कारण शरीर की प्रतिरोधक क्षमता भी प्रभावित होती है. जिस कारण वर्षा ऋतु में संक्रामक रोगों का खतरा बढ़ जाता है. इस मौसम में जल की अधिकता होती है और सूर्य का प्रभाव धरती पर कम हो जाता है. इसलिए व्यक्ति को चातुर्मास में अनुशासित जीवन शैली को अपनाना चाहिए. जिससे वह स्वस्थ्य रह सके.
चातुर्मास में क्या खाएं चातुर्मास में आसानी से पचाने वाली चीजों का सेवन करना चाहिए. दूध और फलों का नियमित सेवन करना चाहिए. स्वच्छता का पूरा ध्यान रखना चाहिए. समय समय पर व्रत भी रखने चाहिए.
इन चीजों का त्याग करें चातुर्मास में गुड का त्याग करना चाहिए. अधिक मसालेदार और अधिक तैलीय युक्त भोजन से बचें. बसा भोजन न करें. जमीन पर नहीं सोना चाहिए. मूली और बैंगन का सेवन न करें. सावन के महीने में साग, हरी सब्जियों के सेवन से बचें. भादों में दही न खाएं वहीं आश्विनी माह में दूध और कार्तिक माह में दालों का सेवन नहीं करना चाहिए. इसके अलावा शरीर पर तेल न लगाएं और कांसे के बर्तनों में भोजन करने से बचना चाहिए. मांस और मदिरा का सेवन भी नहीं करना चाहिए.
इन बातों का ध्यान रखें चातुर्मास में भगवान का ध्यान करना चाहिए. बुराई और झूठ नहीं बोलना चाहिए. वाणी पर नियंत्रण रखें. क्रोध न करें और विवाद से दूर रहें. घर में कलह न करें और कर्ज लेने से बचें. चातुर्मास में जो अपनी इंद्रियों पर नियंत्रण रखता है उसे विशेष फल प्राप्त होते हैं.