Chaturmas 2022, Food Rules : आषाढ़ शुक्ल पक्ष की एकादशी यानी देवशयनी एकादशी से चातुर्मास की शुरुआत होती है जो देवउठानी एकादशी तक चार महीने तक चलते हैं. इस बार 10 जुलाई 2022 से चातुर्मास शुरू हो रहे हैं. चातुर्मास यानी श्रावण, भाद्रपद, अश्विन और कार्तिक इन चार महीनों में भगवान विष्णु शयनकाल में होते हैं. ऐसे में शुभ कार्य पर पूरी तरह से पाबंदी रहती है. शास्त्रों के अनुसार चातुर्मास के पूजा पाठ और साधना के साथ सेहत की सुरक्षा करने के भी कुछ नियम बताए गए हैं आइए जानते हैं इन चार महीनों में क्या है भोजन के नियम और खाने में किन चीजों का परहेज करना चाहिए.
चातुर्मास में भोजन के नियम
एक समय भोजन
चातुर्मास को व्रत और तपस्या का माह माना जाता है. इन चार महीनों में स्वास्थ संबंधी समस्याएं बढ़ जाती है. चातुर्मास में सेहत को बेहतर बनाए रखने के लिए दिनभर में एक समय भोजन ग्रहण करना चाहिए. चातुर्मास में पाचन शक्ति कमजोर पड़ने से पेट संबंधित बीमारियां होने लगती है, साथ ही पानी भी दूषित हो जाता है. ऐसे में इन चार महीनों में भोजन को पचाने के लिए एक समय भोजन उत्तम माना जाता है
पत्तेदार सब्जियां
इन चार माह में हरी पत्तेदार सब्जियां, कंद, बैंगन खाने से परहेज करना चाहिए. सावन से वर्षा ऋतु की शुरुआत हो जाती है और वातावरण में वारयस बढ़ जाते हैं. ऐसे में ये सब्जियां बैक्टीरिया से ग्रसित होती हैं. इन्हें ग्रहण करने से पेट और त्वचा से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है.
दूध-दही
तंदरुस्त रहने के लिए सावन में पत्तेदार सब्जियां, भादो माह में दही, अश्विन में दूध और उससे बनने वाले पदार्थ जैसे छाछ, मिठाई का त्याग करना चाहिए. बारिश के कारण दूध में कीड़े जाने की आशंका बढ़ जाती है. साथ ही पशु जो हरा चारा खाते हैं उनमें बारिश की वजह से कीटाणु आ जात हैं उसका प्रभाव उनके दूध में भी आ जाता है.
सात्विक भोजन
चातुर्मास में सात्विक भोजन ही करना चाहिए. चार महीनों के लिए मांसहार भोजन, लहसुन, प्याज और अदरक आदि चीजें से परहेज करना चाहिए. इनके सेवन से रोग हम पर हावी हो जाते हैं.
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