Devshayani Ekadashi 2022, Chaturmas Rules: हिंदी पंचांग के अनुसार आषाढ़ माह 15 जून से शुरू हो चुका है. आषाढ़ माह की शुक्ल एकादशी तिथि को देवशयनी एकादशी कहते हैं. इस तिथि को भगवान विष्णु क्षीर सागर में जाकर शयन करते हैं. इस लिए इस एकादशी को देवशयनी एकादशी कहा जाता है. चूंकि इसी तिथि से चार माह के लिए भगवान विष्णु क्षीर सागर में विश्राम करते हैं. इस लिए इस अवधि को चातुर्मास कहते है. अर्थात चातुर्मास का प्रारंभ देवशयनी एकादशी से ही प्रारंभ होता है.


चातुर्मास का समापन कार्तिक माह की देवउठनी एकादशी को होता है. पंचांग के अनुसार इस बार देवशयनी एकादशी 10 जुलाई को पड़ेगी और इसी तारीख से चातुर्मास भी शुरू होगा. यदि चातुर्मास के इन नियमों का पालन किया जाय तो सारे पाप नष्ट हो जायेंगे.


चातुर्मास 2022 में करें इन नियमों का पालन



  • व्यक्ति को चातुर्मास के दौरान सभी बुराइयों का त्याग कर देना चाहिए. उन्हें किसी की निंदा न करनी चाहिए और न सुननी चाहिए. इससे व्यक्ति के सारे पाप नष्ट हो जाते हैं.

  • चातुर्मास के दौरान लोगों को जमीन पर सोना चाहिए. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान विष्णु देवशयनी एकादशी को योग निद्रा में चले जाते हैं और देवोत्थान एकादशी को निद्रा से उठते है. इस लिए चातुर्मास के दौरान लोगों को भूमि पर ही सोना चाहिए. इससे व्यक्ति को धन की कमी नहीं होती है.  

  • चातुर्मास में जो व्यक्ति केवल दूध पीकर अथवा फल खाकर जीवन यापन करता है उसके सभी पाप नष्ट हो जाते हैं.

  • चातुर्मास में व्यक्ति को ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए. उन्हें उपवास रखकर स्नान, दान करना चाहिए. चातुर्मास में भगवान विष्णु का ध्यान और जप करना चाहिए. कहा जाता है कि ऐसा करने घर में मां लक्ष्मी का वास होता है.




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