Chaturmas 2023: हिंदू धर्म में चातुर्मास के समय को बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है. पंचांग के अनुसार चातुर्मास देवशयनी एकादशी के दिन से शुरू होती है और देवउठनी एकादशी पर चातुर्मास समाप्त हो जाता है. इस दौरान भगवान विष्णु क्षीरसागर में विश्राम करते हैं.
इस साल चातुर्मास की शुरुआत गुरुवार 29 जून 2023 से होगी और गुरुवार 23 नवंबर को चातुर्मास समाप्त हो जाएगा. आमतौर पर चातुर्मास चार महीने का ही होता है. लेकिन अधिकमास पड़ने के कारण इस साल चातुर्मास पूरे पांच महीने का होगा. साथ ही इस साल चातुर्मास में कई शुभ योग भी बनेंगे.
खास होगा इस साल चातुर्मास
ज्योतिष के अनुसार, इस साल का चातुर्मास कई मायनों में बहुत खास रहने वाला है. क्योंकि चातुर्मास की शुरुआत गुरुवार के दिन से हो रही है और इसकी समाप्ति भी गुरुवार के दिन ही होगी. गुरुवार भगवान विष्णु का प्रिय वार होता है. वहीं गुरुवार के दिन एकादशी तिथि का भी पड़ना शुभ माना जा रहा है.
साथ ही इस साल चातुर्मास में 44 सर्वार्थ सिद्धि योग, 5 पुष्य नक्षत्र और 9 अमृत सिद्धि जैसे शुभ योग का संयोग भी बन रहा है, जोकि कई मायनों में खास होगा. इन शुभ योग में किए गए कार्य सफल और शुभ माने जाते है. हालांकि चातुर्मास में मांगलिक कार्यों पर रोक रहती है. लेकिन व्रत-पूजा, ध्यान, तप, साधना,सेवा, सत्संग और तीर्थ आदि के लिए चातुर्मास के समय को बहुत ही पुण्यदायी माना गया है.चातुर्मास में ब्रज की यात्रा करना बहुत शुभ रहता है. इसके पीछे ऐसी मान्यता और धारणा है कि चातुर्मास में पृथ्वी के सभी तीर्थ ब्रज में ही आकर निवास करते हैं.
चातुर्मास में नहीं होते ये शुभ कार्य
चातुर्मास में शुभ व मांगलिक कार्य वर्जित होते हैं. इस दौरान शादी-विवाह, मुंडन-जनेऊ, गृह-निर्माण, गृह-प्रवेश, नया वाहन खरीदना, नई प्रॉपर्टी की खरीद-बिक्री या नया व्यवसाय आदि शुरू करने जैसे काम नहीं करने चाहिए. ये सारे काम आप 28 जून 2023 से पहले ही निपटा लें. इसके बाद 23 नवंबर 2023 को देवउठनी एकादशी पर भगवान विष्णु के जागने पर इन कार्यों के लिए शुभ मुहूर्त है.
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