Cheti Chand 2024: चैत्र नवरात्रि के पहले दिन भारत के विभिन्न स्थानों पर अलग-अलग पर्व मनाए जाते हैं. जैसे महाराष्ट्र में गुड़ी पड़वा (Gudi Padwa), दक्षिण भारत में उगादी (Ugadi), हिंदूओं का पहला साल (Hindu Navvarsh) भी इस दिन से शुरू होता है.
इसी तरह चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri) के दूसरे दिन सिंधी समाज के लोग चेटी चंड का त्योहार मनाते हैं. इस दिन सिंधी समुदाय के आराध्य देव भगवान झूलेलाल (Jhulelal) का जन्म हुआ था.
ये पर्व भाईचारे और सद्भावना का प्रतीक है. आइए जानते है चेटी चंड (Cheti Chand) 2024 कब और क्यों मनाया जाता है-
चेटी चंड 2024 डेट (Cheti Chand 2024 Date)
चेटी चंड 9 अप्रैल 2024 को मनाया जाएगा. इस दिन सिंधी (Sindhi) समुदाय के लोग भगवान झूलेलाल (Jhulelal) की शोभा यात्रा (Shobha Yatra) निकालते हैं और उनसे सुख-समृद्धि की कामना करते हैं. ये त्योहार न सिर्फ भारत बल्कि पाकिस्तान (Pakistan) में भी मनाया जाता है.
चेटी चंड क्यों मनाते हैं ? (Why we Celebrate Cheti chand ?)
चैत्र शुक्ल द्वितीया यानी चेटी चंड से सिंधी नववर्ष की शुरुआत मानी जाती है. इसलिए इस त्योहार को खास माना गया है.
सिंधी में चैत्र माह को चेट कहा जाता है और चण्ड का अर्थ है चांद. अर्थात चैत्र का चांद. चेटी चंड वो दिन है, जब अमावस्या के बाद प्रथम चन्द्र दर्शन होता है.
चेटी माह में चन्द्रमा के पहले दर्शन के कारण इस दिन को चेटी चंड के रूप में जाना जाता है. पौराणिक मान्यता है कि प्राचीन काल में भगवान झूलेलाल ने ही सिंधियों की अत्याचारी मिरखशाह से रक्षा की थी. इसलिए भगवान झूलेलाल का जन्मदिन उनके लिए बहुत महत्वपूर्ण है.
कैसे मनाते हैं चेटी चंड
चेटी चंड के मौके पर जल यानि वरुण देवता की भी पूजा की जाती है, क्योंकि सिंधी समाज के लोग भगवान झूलेलाल को जल देवता के अवतार के तौर पर मानते हैं.
इस दिन सिंधु नदी के तट पर ‘’चालीहो साहब’’ नामक पूजा-अर्चना की जाती है.चेटी चंड के दिन भक्त लकड़ी का मंदिर बनाकर उसमें एक लोटे से जल और ज्योति प्रज्वलित करते हैं, इसे बहिराणा साहब कहा जाता है.
भक्तजन झूलेलाल भगवान की प्रतिमा को अपने शीश पर उठाकर छेज नृत्य कर झांकी निकालते हैं.
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