Chhath Puja 2021: सूर्य उपासना पर्व महाछठ का आज समापन हो गया. उत्साह और उल्लास के साथ उत्तर भारत समेत देश के बड़े इलाके में इसे पूरी श्रद्धा से मनाया गया. 36 घंटे का व्रत पूरा करने के बाद इसके पारण का तरीका भी बेहद खास है. मां के प्रसाद के साथ कुछ और खास चीजों को खाकर इसे तोड़ना चाहिए.
महाछठ के चौथे दिन कार्तिक शुक्ल सप्तमी यानी आज उदयमान सूर्य को अर्घ्य दिया जा चुका है और व्रतियों ने एक दूसरे को प्रसाद देकर बड़े बुजुर्गों का आशीर्वाद ले लिया है. वहीं संध्या अर्घ्य में अर्पित पकवानों को नए पकवानों से तो बदल दिया जाता है, लेकिन कन्द, मूल, फल आदि नहीं बदले जाते हैं. ये प्रसाद के तौर पर सभी को बांटने चाहिए. सूर्योपासना की पूजा-अर्चना समाप्तोपरान्त घाट पूजन होता है. इस दौरान वहां मौजूदा लोगों में प्रसाद बांटकर व्रती घर लौट कर परिवार आदि को प्रसाद देते हैं.
कच्चे दूध का शरबत और प्रसाद से करें पारण
कुछ जगहों पर व्रत रखने वाले लोग खासतौर पर ग्रामीण क्षेत्र में घर लौटकर पीपल के पेड़, जिन्हें आमतौर पर ब्रह्म बाबा कहते हैं, उनकी विशेष पूजा की जाती है. पूजा के बाद व्रती कच्चे दूध का शरबत और थोड़ा प्रसाद खाकर व्रत पूरा करते हैं. व्रती खरना दिन से पूजा के समापन तक निर्जला उपवास रखने के बाद आज ही नमक वाला भोजन कर सकते हैं.
ऐसी रखें व्रत के बाद दिनचर्या
व्रत के पारण के बाद व्रतियों को घर के सभी बड़े और बुजुर्गों का आशीर्वाद लेना चाहिए. छठी मइया की उपासना के लिए बनाए गए खास कमरे या स्थल पर ही संभव हो तो दिन बिताएं. घर पर बनाए जा रहे सामान्य खाने के साथ प्रसाद को भी इस्तेमाल करें.
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