Chhath Puja 2021: छठ महापर्व की शुरुआत 8 नवंबर से शुरू हो गई है. आज छठ पर्व का तीसरा और मुख्य दिन है. आज के दिन डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है और छठ मैय्या की पूजा की जाती है. भगवान सूर्य और उनकी बहन छठ की पूजा का आज के दिन विशेष महत्व है. पुराणों में बताया गया है कि प्रकृति की सारी शक्तियां छः भागों में विभाजित है. उनका छठा और सबसे मूल भाग छठी मैय्या हैं.
मान्यता है कि छठ मैय्या के पूजन और व्रत आदि रखने से संतान प्राप्ति का सुख मिलता है और संतानों के जीवन में सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है. घर में बच्चा होने के छः दिन बाद छठी मैय्या की पूजा की जाती है. कहते हैं कि छठ पर्व के दौरान छठ मैय्या के पूजन के बाद आरती का पाछ अवश्य करना चाहिए. ऐसा करने से छठ मैय्या प्रसन्न होकर संतान सुख का वरदान देती हैं.
छठी मैय्या की आरती chhath maiya aarti in hindi lyrics
जय छठी मैया ऊ जे केरवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मंडराए।
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए॥जय॥
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहायऊ जे नारियर जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मंडराए॥जय॥
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय॥जय॥
अमरुदवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मंडराए।
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए॥जय॥
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय।
शरीफवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मंडराए॥जय॥
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय॥जय॥
ऊ जे सेववा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए।
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए॥जय॥
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय।
सभे फलवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मंडराए॥जय॥
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय॥जय॥
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