Chhath Puja 2021: तीन दिन तक चलने वाला छठ पर्व (Chhath Parv 2021) का आज दूसरा दिन है. 9 नवंबर 2021, मंगलवार के दिन छठ का खरना पर्व (Chhath Kharna Day) देश के कई हिस्सों में धूम-धाम से मनाया जा रहा है. हिदूं पंचाग के अनुसार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि (Kartik Month Kharna Day) को खरना के नाम से जाना जाता है. इस दिन व्रती दिनभर व्रत रखते हैं और रात के समय प्रसाद ग्रहण करते हैं. इस दिन गुड़ चावल की खीर बनाई जाती है और भोग लगाया जाता है. खरना के दिन प्रसाद बनाने के लिए आम की लकड़ी और मिट्टी के चूल्हे का प्रयोग किया जाता है. 


जानें क्या है खरना का अर्थ


छठ की तीन दिवसीय पर्व में खरना का विशेष महत्व है. मान्यता है कि खरना के दिन व्रती व्यक्ति रात के समय प्रसाद ग्रहण करता है और इसके बाद सीधा छठ पर्व पूर्ण होने के बाद ही अन्न-जल ग्रहण किया जाता है. खरना का मतलब होता है शुद्धिकरण. सिर्फ तन का ही नहीं, बल्कि मन का भी शुद्धि करण होता है. इसलिए खरना के दिन केवल रात के समय भोजन करते व्रती अपने तन और मन को शुद्ध करता है. आज के बाद व्रती 36 घंटे का व्रत रखकर सपत्मी को सुबह अर्घ्य देता है.  


यूं ग्रहण करें प्रसाद


छठ पर्व के दौरान नियमों का पालन करना जरूरी होता है. इस दिन सिर्फ प्रसाद बनाते समय ही नहीं बल्कि खाते समय भी नियमों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है. जब खरना के दिन व्रत रखने वाला व्यक्ति प्रसाद रखता है तो घर के सभी सदस्य शांत रहते हैं और कोई शोर नहीं करते. ऐसा माना जाता है कि शोर होने के बाद व्रती प्रसाद खाना बंद कर देता है. ऐसा भी कहा जाता है कि व्रत करने वाला व्यक्ति ही सबसे पहले प्रसाद ग्रहण करता है उसके बाद ही घर के सभी सदस्य प्रसाद ग्रहण करते हैं. 
 
इन बातों का रखें खास ख्याल


- इस दिन व्रत की शुरुआत करते समय ध्यान रखें कि प्रसाद बनाते समय भी आप पवित्र हों. प्रसाद बनाते समय बीच में कुछ भी  नहीं खाना चाहिए. 


- छठ के दौरान सूर्य भगवान को अर्ध्य देते समय ध्यान रखें कि पात्र तांबे या पीतल का ही हो. 
 
- इस दिन व्रती महिलाओं को फर्श पर दरी या चादर बिछाकर ही सोना चाहिए. 


- छठ पूजा का प्रसाद बनाते समय ध्यान रखें कि प्रसाद ऐसी जगह पर बनाएं जहां रोजाना का खाना न बनता हो. और प्रसाद हमेशा चूल्हे पर ही बनाएं. 
 
- कहते हैं कि इस दिन घर में झगड़ा करने से छठी माता नाराज हो सकती हैं. इसलिए घर में झगड़ा आदि करने के परहेज करें.  
- मान्यता है कि सूर्य को अर्ध्य दिए बिना कुछ खाना-पीना नहीं चाहिए. 


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