Chhath Puja 2022 Live: छठ पूजा हुई शुरू, जानें, पूजा मुहूर्त, विधि, नहाय खाय और खरना से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें

Chhath Puja 2022 Live: चार दिनों तक चलने वाला छठ महापर्व का आज पहला दिन शुरू हो गया है. आइये जानें शुभ मुभूर्त, नहाय खाय के नियम, पूजा विधि समेत सभी बातें.

ABP Live Last Updated: 28 Oct 2022 05:47 PM
छठ में सूर्य की पूजा का चमत्कारी मंत्र

छठ का पर्व सूर्य देव और छठी मैय्या को समर्पित है. मान्यता है कि इस पूजा में सूर्य को अर्घ्य देते वक्त आदिदेव नमस्तुभ्यं प्रसीदमम् भास्कर। दिवाकर नमस्तुभ्यं प्रभाकर नमोऽस्तुते।। इस मंत्र का जाप करने से तेज, बल, यश, कीर्ति और मान सम्मान में वृद्धि होती है.

छठ पर नाक तक क्यों लगाया जाता है सिंदूर ?
हिंदू धर्म में शादीशुदा महिलाओं के लिए सिंदूर का विशेष महत्व होता है और पूजा में भी मांग भरना अनिवार्य होता है. महिलाएं छठ पूजा के दौरान नाक से शुरू करते हुए पीले सिंदूर से मांग भरती हैं.सिंदूर सुहाग की निशानी और पति की सेहतमंद लंबी उम्र का सूचक होता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जितना लंबा सिंदूर लगाया जाता है उतनी ही पति की लंबी उम्र होती है.
छठ पूजा लगाए जाते हैं ये भोग

छठ पूजा में छठी मईया और सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए नाभ नींबू, नारियल, केला, ठेकुआ, गन्ना, सुथनी, सुपारी, सिंघाड़ा चढ़ाया जाता है. पहले दिन नहाय-खाय, दूसरे दिन खरना, तीसरे दिन शाम में सूर्य अर्घ्य से चौथे दिन सुबह अर्घ्य पर समापन होता है.

छठ पूजा के अचूक उपाय

 


छठ में जिन लोगों की कुंडली में सूर्य कमजोर अवस्था में है तो वे पूजा कर इस ग्रह की शुभता में वृद्धि कर सकते हैं. जैसे गुड़, गेंहू, तांबा, लाल वस्त्र का दान करें. साथ ही छठ पर्व में रक्त चंदन और कमल पुष्प का पूजा में प्रयोग से सूर्य मजबूत होते हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार माणिक्य धारण करने से सूर्य की मजबूत होते हैं.


 

छठ पूजा के मंत्र

छठ पूजा पर सूर्य को अर्घ्य देते हुए इन मंत्रों का जाप करने से हर मनोकामना पूरी होती है.


ॐ मित्राय नम:, ॐ रवये नम:, ॐ सूर्याय नम:, ॐ भानवे नम:, ॐ खगाय नम:, ॐ घृणि सूर्याय नम:, ॐ पूष्णे नम:, ॐ हिरण्यगर्भाय नम:, ॐ मरीचये नम:, ॐ आदित्याय नम:, ॐ सवित्रे नम:, ॐ अर्काय नम:, ॐ भास्कराय नम:, ॐ श्री सवितृ सूर्यनारायणाय नम:

इस दिन क्यों खाते हैं कद्दू-भात

कद्दू की सब्जी को पूरी तरह से सात्विक माना जाता है. इसलिए यही खाकर छठ पूजा व्रत की शुरुआत की जाती है. माना जाता है कि इसे खाने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार बढ़ता है. सेहत के लिहाज से कद्दू आसानी से पचने वाली सब्जी है. यही वजह है कि छठ व्रती आज कद्दु का सेवन करते हैं. 

नहाए खाए का महत्व (Nahay Khay Significance)

छठ पूजा का पहला दिन नहाए खाए होता है. नहाए खाए का अर्थ है स्नान करके भोजन करना.  इस दिन कुछ विशेष रीति रिवाजों का पालन करना होता है. इस परंपरा में व्रती नदी या तालाब में स्नान कर कच्चे चावल का भात, चनादाल और कद्दू (लौकी या घीया) प्रसाद के रूप में बनाकर ग्रहण करती हैं.  मूल रूप से नहाए खाए का संबंध शुद्धता से है. इसमें व्रती खुद को सात्विक और पवित्र कर छठ व्रत की शुरुआत करती हैं.

नहाय खाय नियम (Nahay Khay Rules)

  1. नहाए खाय के दिन व्रती पूरे घर की अच्छी तरह सफाई करें, क्योंकि इस पर्व में शुद्धता का विशेष महत्व है. साथ ही व्रतियों के भी पवित्र नदी या तालाब में स्नान का विधान है.

  2. चार दिन के पर्व में तामसिक भोजन का त्याग करें. सिर्फ सात्विक भोजन ही किया जाता है. ब्रह्मचर्य का पालन करें. व्रती को चार दिन तक जमीन पर सोना चाहिए.

  3. इस दिन व्रती सिर्फ एक ही बार भोजन ग्रहण करते हैं. साफ-सफाई और शुद्धता के साथ पहले दिन का नमक युक्त भोजन बनाया जाता है. ध्यान रहे खाना बनाते वक्त जुठी वस्तु को इस्तेमाल न करें.

  4. पूजा का प्रसाद मिट्टी के चूल्हे पर ही बनाएं क्योंकि मिट्टी के चूल्हा साफ और शुद्ध माना जाता है.

नहाय खाय पूजा विधि (Nahay Khay Puja Vidhi)

  1. छठ पूजा में नहाय खाय के दिन तन और मन की शुद्धता का खास खयाल रखे. नहाए खाए का अर्थ है स्नान कर भोजन करना.

  2. इस दिन पूरे घर की अच्छी तरह सफाई करें. फिर सूर्योदय से पूर्व पवित्र नदी या फिर घर में ही नहाने के पानी में गंगाजल डालकर स्नान कर लें. साफ कपड़े या नए कपड़े पहनकर ही भोजन बनाएं.

  3. नहाय-खाय के दिन भोजन में लौकी की सब्जी और चने की दाल बनाने की भी परंपरा है. इस भोजन में सेंधा नमक का इस्तेमाल किया जाता है.

  4. मान्यता है कि इस दिन पहले व्रत रखने वाली महिलाएं या पुरुष भोजन ग्रहण करते हैं फिर घर के अन्य सदस्य.

दूसरे दिन इस शुभ समय एवं योग में करें छठ पूजा

  • रवि योग: सुबह 06 बजकर 31 मिनट से सुबह 09 बजकर 06 मिनट तक

  • सुकर्मा योग: रात 10 बजकर 23 मिनट से अगली सुबह तक

छठ पूजा में जरूर दें सूर्य को अर्घ्य, सुख, धन और ऐश्वर्य की होगी प्राप्ति

छठ माई की पूजा के साथ-साथ सूर्य देव की भी पूजा उपासना करें. सूर्योपासना के साथ चंदन का तिलक जरूर लगाएं. मान्यता है कि इससे छठ माई के साथ सूर्य देव अति प्रसन्न होते हैं. इससे कुंडली में सूर्य की स्थिति भी मजबूत होती है. इससे जीवन में सुख, धन और ऐश्वर्य आती है.

छठ पूजा व्रत में करें सूर्य देव के ये उपाय, पूरी होगी कामना

छठ पूजा व्रत और सूर्य देव की पूजा में साफ़-सफाई का विशेष महत्व होता है. इस लिए छठ पूजा व्रत शुरू करने के पहले पूजा स्थल की साफ-सफाई जरूर करलें. उसके बाद सुबह स्नानादि के बाद सूर्य देव को अर्घ्य जरूर दें. अर्घ्य देते समय ' ओम सूर्याय नमः ओम वासुदेवाय नमः ओम आदित्य नमः' मंत्र का जाप अवश्य करें. मान्यता है कि सूर्य देव शीघ्र प्रसन्न होंगे और आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी.

छठ पूजा 2022 के दिन बन रहा है ये शुभ योग

  • शोभन योग: प्रात:काल से देर रात 01 बजकर 30 मिनट

  • सर्वार्थ सिद्धि योग: सुबह 06 बजकर 30 मिनट से सुबह 10 बजकर 42 मिनट तक

  • रवि योग: सुबह 10 बजकर 42 मिनट से अगली सुबह 06 बजकर 31 मिनट तक

छठ पूजा का महत्त्व

छठ पूजा का महापर्व मुख्य रूप से उत्तर भारत के राज्य बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. यह पर्व संतान की दीर्घायु, सौभाग्य और खुशहाल जीवन के लिए रखा जाता है. मान्यता है कि छठ पूजा करने और सूर्य को अर्घ्य देने से सारी मनोकामना पूरी होती है.

छठ पूजा 2022 नहाय खाय का शुभ मुहूर्त

  • छठ पूजा नहाय-खाय 2022: 28 अक्टूबर, दिन शुक्रवार को

  • सूर्योदय: प्रात: 06 बजकर 30 मिनट पर

  • सूर्योस्त: शम 05 बजकर 39 मिनट पर

छठ पूजा कब?

छठ पूजा का पर्व कार्तिक शुक्ल की षष्ठी को मनाया जाता है. इसे सूर्य षष्ठी भी कहा जाता है. यह पर्व दिवाली के 6 दिन बाद मनाया जाता है. छठ पूजा में सूर्य देव और छठी मैया की पूजा की जाती है और उन्हें अर्घ्य दिया जाता है. संतान की दीर्घायु, सौभाग्य और खुशहाल जीवन के लिए महिलाएं छठ पूजा में 36 घंटे का निर्जला व्रत रखती हैं.

बैकग्राउंड

Chhath Puja 2022 Live: लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा नहाय खाय के साथ ही शुरू हो गया है. यह महापर्व चार दिनों तक यानी 31 अक्टूबर तक चलेगा. नहाय खाय के दिन को कुछ लोग कद्दू भात का दिन भी कहते हैं. इस दिन साफ़-सफाई करके पूजा प्रारंभ की जाती है.


छठ व्रती छठ पूजा के नहाय खाय का प्रसाद पूरी शुद्धता के साथ बनाते है. इसमें अरवा चावल का भात, चना दाल एवं कद्दू मिला हुआ दाल रहती है. लौकी की सब्जी, नया आलू और गोभी की सब्जी के साथ कई जगह अगस्त के फूल का पकौड़ा भी बनाते है. आज सूर्योदय से लेकर दोपहर बाद  1 बजकर 25 मिनट तक अनुराधा नक्षत्र रहेगा जो सौभाग्य शोभन योग्य है. इस दौरान नहाय खाय कर लेना शुभ होता है. मान्यता है कि इससे मनोकामना पूरी होती है.


छठ पूजा 2022 शुभ मुहूर्त: पहला दिन



  • छठ पूजा नहाय-खाय 2022: 28 अक्टूबर, दिन शुक्रवार को

  • सूर्योदय: प्रात: 06 बजकर 30 मिनट पर

  • सूर्योस्त: शम 05 बजकर 39 मिनट पर


छठ पूजा 2022 के दिन बन रहा है ये शुभ योग



  • शोभन योग: प्रात:काल से देर रात 01 बजकर 30 मिनट

  • सर्वार्थ सिद्धि योग: सुबह 06 बजकर 30 मिनट से सुबह 10 बजकर 42 मिनट तक

  • रवि योग: सुबह 10 बजकर 42 मिनट से अगली सुबह 06 बजकर 31 मिनट तक


इन पूजन सामग्रियों की होती है जरूरत  


पांच गन्ने जिसमें पत्ते लगे हों, पानी वाला नारियल, अक्षत, पीला सिंदूर, दीपक, घी, बाती, कुमकुम, चंदन, धूपबत्ती, कपूर, दीपक, अगरबत्ती, माचिस, फूल, हरे पान के पत्ते, साबुत सुपाड़ी, शहद का भी इंतजाम कर लें. इसके अलावा हल्दी, मूली और अदरक का हरा पौधा, बड़ा वाला मीठा नींबू, शरीफा, केला और नाशपाती की भी जरूरत पूजा के लिए पड़ती है. इनके अलावा शकरकंदी और सुथनी लेना न भूलें. मिठाई, गुड़, गेंहू और चावल का आटा और घी की भी व्यवस्था कर लें.


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