Chhath Puja 2022: छठ पूजा में आज कैसे करें 36 घंटे के व्रत का पारण, जानें नियम
Chhath Puja 2022 Vrat Parana Vidhi: छठ पूजा में आज उगते सूर्य को अर्घ्य देने का बाद चार दिन का महापर्व संपन्न हुआ.छठ पूजा में व्रत का फल तभी मिलता है जब व्रत का पारण सही विधि से किया जाए.
Chhath Puja 2022 Vrat Parana Vidhi: छठ पूजा में आज उगते सूर्य को अर्घ्य देने का बाद चार दिन का महापर्व संपन्न हुआ. आस्था के इस पर्व में डूबते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद उदयीमान सूरज की उपासना की जाती है. ये त्योहार संदेश देता है कि जो डूबा है उसका उदय होना भी तय है, इसलिए मुश्किल हालातों के अंधेरे से घबराए नहीं धैर्य रखें, उम्मीदों का सूरज जरुर उदय होगा और अच्छे दिन आएंगे. छठ व्रत के प्रभाव से जीवन में सुख-संपत्ति, सौभाग्य में वृद्धि होगी. छठ पूजा में व्रत का फल तभी मिलता है जब व्रत का पारण सही विधि से किया जाए. आइए जानते हैं छठ व्रत को कैसे खोलें.
छठ व्रत का पारण कैसे करें
- उदयीमान सूर्य को अर्घ्य देने के बाद घाट पूजन करें, बड़ों का आशीर्वाद लें और फिर सूर्य देव और छठी मईया को जो प्रसाद अर्पित किया है उसे सभी में बांटें.
- मान्यताओं के अनुसार कई जगह सूर्य उपासना के बाद लोग घर लौटकर पीपल के पेड़ की पूजा करते है. छठ का व्रत खोलते वक्त सबसे पहले पूजा में चढ़ाया प्रसाद जैसे ठेकुआ, मिठाई, ग्रहण करें. फिर कच्चा दूध पीएं. कहते हैं भोग खाने के बाद ही व्रत पूरा माना जाता है.
- नहाय खाय के बाद नमक युक्त भोजन का त्याग किया जाता है और खरना के पश्चात 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू होता है इसलिए गलती से भी तला या ज्यादा मसालेदार भोजन कर व्रत न खोलें. इससे सेहत बिगड़ सकती है.
छठ व्रत का इतिहास
ऋग्वेद में भी छठ व्रत का महत्व बताया गया है. हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार पांडवों ने चौसर में धन-संपत्ति, सारा राज पाठ खो बैठे थे. इसके बाद राज्य को पुन: प्राप्त करने के लिए द्रोपदी ने छठ व्रत किया था जिसके प्रभाव से उनकी समस्त मनोकामना पूर्ण हुई. वहीं दूसरी मान्यता के अनुसार कुंती ने पुत्र प्राप्ति के लिए सूर्य देव का आव्हान किया था. कुंती की पूजा से प्रसन्न होकर सूर्य देव ने उनकी मनोकामना पूर्ण की. सूर्य के तेज से कुंती ने गर्भ धारण किया और कर्ण को जन्म दिया. कहते हैं कि कर्ण रोजाना पानी में खड़े होकर सूर्य देव की उपासना करते जिससे उन्हें सूरज के समान तेज, बल की प्राप्ति हुई. वहीं धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सूर्य को प्रसन्न करने के लिए कर्ण ने भी छठ का व्रत किया था.
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