Chhath Puja 2024 Geet: छठ नहाय खाय (Nahay Khay) की शुरुआत होते ही घर से सेलकर घाटों तक छठ गीतों (Chhath Geet) की धुन सुनाई पड़ने लगती है. आज छठ पूजा के गीत केवल बिहार तक सीमित न रहकर देशभर में फैल चुके हैं. छठ पूजा के पारंपरिक लोकगीतों की खासियत है इसकी परंपरागत धुन और साधारण शब्द.
पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित शारदा सिन्हा की गिनती भोजपुरी, मगही और मैथिली भाषा की सबसे प्रसिद्ध गायिकाओं में होती है. वहीं छठ पूजा के गीतों की बात करें तो इसमें सबसे पहले शारदा सिन्हा का ही नाम आता है. हालांकि इन्होंने कई हिंदी फिल्मों में भी गीत गाए हैं, लेकिन छठ पर्व के गीतों को इन्होंने अलग पहचना दी.
बता दें कि 72 वर्षीय शारदा सिन्हा के निधन की खबर सामने आई है. उन्होंने दिल्ली के एम्स (Delhi AIIMS) में आखिरी सांस ली. परिवार वालों से लेकर तमाम प्रशंसक उनके निधन की खबर से शोक में हैं. शारदा सिन्हा के छठ गीत महज गीत नहीं बल्कि ये ऐसे छठ गीत होते थे, जिससे लोग भावनात्मक तौर पर भी जुड़ते हैं. उनके गीतों से लोकपर्व छठ के प्रति लोगों का लगाव, सम्मान, श्रद्धा और समर्पण ध्वनित होता था.
नहाय खास से लेकर खरना (Kharna) और सूर्य अर्घ्य (Surya Arghya) तक शारदा सिन्हा ने कई छठ गीत गाएं, जोकि छठ शुरू होते ही बजने शुरू हो जाते हैं. शारदा सिन्हा के छठ गीतों से मन श्रद्धा और भक्तिभाव से विभोर हो जाता है. आइये नजर डालते हैं शारदा सिन्हा के फेसम छठ लोकगीतों पर जिनके बैगर छठ पर्व है अधूरा.
शारदा सिन्हा छठ पूजा पारंपरिक और प्रसिद्ध गीत (Sharda Sinha Top 5 Chhath puja Songs)
- केलवा के पात पर उगेलन सुरुज मल झांके ऊंके
- पटना के घाट पर हम हूं अरगिया देबई हे छठी मईया
- सोना सट कुनिया हो दीनानाथ हे घूमइछा संसार
- आठ ही काठ के कोठरिया हो दीनानाथ, रूपे छन लागल केवाड़
- दुखवा मिटाई छठी मईया, रउए असरा हमार..
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