Chhath Puja 2024 Live: छठ पूजा का खरना आज, सूर्य अर्घ्य कब दिया जाएगा, मुहूर्त, विधि, भोग सब यहां जानें

Chhath Puja 2024 Live: 5 नवंबर को नहाय खाय से छठ महापर्व शुरु हो चुका है, छठ पूजा में छठी मैया की उपासना और सूर्य को अर्घ्य देने का विधान है. छठ पूजा में सूर्य अर्घ्य का मुहूर्त, विधि, यहां देखें.

एबीपी लाइव Last Updated: 06 Nov 2024 06:30 PM
Chhath Puja 2024: :छठ व्रत करने वाली महिलाएं को किस बात का पालन करना चाहिए?

Chhath Puja 2024: छठ पूजा 2024 को लेकर सभी महिला को इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि छठ के चार दिन किसी भी तरह का गुस्सा न करें. चार दिन के इस पर्व में महिलाओं को भगवान का ध्यान करना चाहिए. छठी मईया से परिवार के लिए मंगल कामना करनी चाहिए. ऐसा करने से घर परिवार में सुखद माहौल रहता है. 

Happy Chhath Puja 2024 Wishes: छठ पूजा की शुभकामनाएं


Chhath Puja 2024 Sandhya Arghya: संध्या अर्घ्य का समय

पंचांग के अनुसार 7 नवंबर 2024 को सूर्योदय प्रातः 06 बजकर 42 मिनट पर तथा सूर्यास्त सायं 05:48 बजे होगा. इस दिन शाम को भक्त कमर तक पानी में खड़े होकर डूबते सूर्य को अर्घ्य देते हैं.

Chhath Puja 2024 Surya Arghya: छठ पूजा में संध्या अर्घ्य कैसे दें

छठ पूजा के तीसरे दिन शाम को सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. इस दिन सुबह से व्रत करने वाला निराहार और निर्जल रहता है.इस दिन प्रसाद में ठेकुआ बनता है. अर्घ्य के समय सूप में फल, केले की कदली और ठेकुआ भोग के रूप में रखकर सूर्य भगवान को चढ़ाता है. नदी, सरोवर या जल में खड़े होकर सूर्य को अर्घ्य दें.

Chhath Puja Mantra: छठ पूजा में सूर्य को अर्घ्य देने का मंत्र

छठ पूजा पर सूर्य को अर्घ्य देते हुए इन मंत्रों का जाप करें
ॐ मित्राय नम:
ॐ रवये नम:
ॐ सूर्याय नम:
ॐ भानवे नम:
ॐ खगाय नम:
ॐ घृणि सूर्याय नम:
ॐ पूष्णे नम:
ॐ हिरण्यगर्भाय नम:
ॐ मरीचये नम:
ॐ आदित्याय नम:
ॐ सवित्रे नम:

Chhath Puja 2024 Bhog: छठ पूजा का भोग

छठ पूजा में छठी मईया और सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए नाभ नींबू, नारियल, केला, ठेकुआ, गन्ना, सुथनी, सुपारी, सिंघाड़ा चढ़ाया जाता है. 

Kharna 2024: खरना के दिन क्या होता है ?

खरना छठ पर्व का दूसरा दिन है. इस दिन व्रती स्नान के बाद पूरी शुद्धता के साथ मिट्टी के चूल्हे पर गुड़ की खीर बनाती है. इसके लिए पीतल के बर्तन का प्रयोग किया जाता है. शाम को केले के पत्ते पर खीर ग्रहण की जाती है, इसके बाद ही व्रत शुरू होता है. खीर के अलावा गुड़ की अन्य मिठाई, ठेकुआ और लड्डू आदि भी बनाए जाते हैं.

बैकग्राउंड

Chhath Puja 2024 Live: कार्तिक शुक्ल पक्ष के षष्ठी को मनाया जाने वाला आस्था का  महापर्व छठ 7 नवंबर 2024 को है.  इसके बाद छठ पर्व चार दिनों तक चलते हुए खरना, संध्या अर्घ्य, उगते सूर्य को अर्घ्य के साथ 8 नवम्बर को समापन होगा.


इसकी शुरुआत चतुर्थी तिथि को नहाय खाय के साथ होती है. दूसरे दिन खरना किया जाता है. तीसरे दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य और चौथे दिन उगते सूर्य की पूजा की जाती है. छठ पूजा में व्रती संतान की खुशहाली, लंबी आयु और सुख-सौभाग्य के लिए 36 घंटे का निर्जला व्रत करते हैं.


छठ पर्व का इतिहास


महाभारत और रामायण काल से छठ पर्व का इतिहास जुड़ा है. कथा के अनुसार जब रावण का वध करके राम जी देवी सीता और लक्ष्मण जी के साथ अयोध्या वापस लौटे थे, तो माता सीता ने कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी को व्रत रखकर कुल की सुख-शांति के लिए षष्ठी देवी और सूर्यदेव की आराधना की थी. इसके अलावा द्वापर युग में द्रौपदी ने भी अपने पतियों की रक्षा और खोया हुआ राजपाट वापस पाने के लिए षष्ठी का व्रत रखा था.


छठ पूजा का महत्व


छठ व्रत माताएं अपनी संतान की लंबी आयु और सुखी जीवन की कामना से रखती हैं. वहीं ये व्रत संतान प्राप्ति की इच्छा रखने वाली महिलाओं के लिए भी खास माना जाता है. इस पर्व में सूर्य देव और छठी मैया की अराधना की जाती है.


छठ व्रत कब शुरू करते हैं ?


खरना के दिन जब व्रती गुड़ की खीर का भोग लगा लें तो परिवार के सभी लोग उनसे आशीर्वाद लेते हैं. इसी के साथ लगभग 36 घंटों का मुख्य व्रत आरंभ हो जाता है. जिसमें सुबह के अर्घ्य देने के बाद ही व्रती पारण करते हैं. ये व्रत संतान को सुख देता है.


छठ पर्व 2024 कैलेंडर



  • 5 नवंबर 2024 - नहाय खाय

  • 6 नवंबर 2024 - खरना

  • 7 नवंबर 2024 - अस्तगामी सूर्य अर्घ्य

  • 8 नवंबर 2024 - उदयीमान सूर्य अर्घ्य

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