Chhath Puja 2024 Highlight: सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही छठ पूजा पूर्ण, महिलाओं ने 36 घंटे बाद खोला व्रत
Chhath Puja 2024 Highlight: छठ पूजा का 8 नवंबर 2024 को अंतिम दिन है. इस दिन सुबह उषा अर्घ्य दिया गया. छठ पूजा में उषा अर्घ्य का मुहूर्त, विधि, यहां देखें.
Chhath 2024: उषा अर्घ्य: 8 नवंबर 2024 की सुबह 06 बजकर 38 मिनट तक रहेगा. छठ पूजा का शुक्रवार को अतिंम दिन है. छठ पूजा का उषाकाल अर्घ्य के बाद व्रती छठ का प्रसाद ग्रहण करेंगे और व्रत का पारण (Chhath Vrat Ka Parana) करेंगे.
कुछ ही देर में सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा. इसकी तैयारी शुरु हो गई है. पंचांग अनुसार 07 नवंबर को दिल्ली के समयानुसार सूर्यास्त का समय शाम 5:32 मिनट पर है.
आज छठ का तीसरा दिन है. आज अभी कुछ समय बाद सूर्यास्त के समय सूर्यदेव को अर्घ्य दिया जाएगा. इस दौरान छठी माता की पूजा करने के बाद आखिरी दिन यानि कल 8 नवंबर को सुबह उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत का समापन किया जाएगा.
छठ पूजा के आज तीसरे दिन संध्या के समय सूर्य को अर्घ्य देने का समय शाम 5.29 बजे तक रहेगा.
छठ का व्रत खोलते वक्त सबसे पहले पूजा में चढ़ाया प्रसाद जैसे ठेकुआ, मिठाई, ग्रहण करें. फिर कच्चा दूध पीएं. कहते हैं भोग खाने के बाद ही व्रत पूरा माना जाता है. व्रत पारण करने से पहले बड़े-बुजुर्गों का आशीर्वाद लें और छठी माता को अर्पित किया गया प्रसाद सभी को बांटना चाहिए.
कुंती ने पुत्र प्राप्ति के लिए सूर्य देव का आव्हान किया था. कुंती की पूजा से प्रसन्न होकर सूर्य देव ने उनकी मनोकामना पूर्ण की. सूर्य के तेज से कुंती ने गर्भ धारण किया और कर्ण को जन्म दिया. कहते हैं कि कर्ण रोजाना पानी में खड़े होकर सूर्य देव की उपासना करते जिससे उन्हें सूरज के समान तेज, बल की प्राप्ति हुई. वहीं धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सूर्य को प्रसन्न करने के लिए कर्ण ने भी छठ का व्रत किया था.
छठ पूजा के लिए आज 7 नवंबर 2024, गुरुवार का दिन बहुत महत्वपूर्ण है. आज शाम को व्रती संध्या अर्घ्य देंगे और अगले दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद व्रत का पारण किया जाएगा. छठ पूजा में सूर्य की उपासना का विशेष महत्व है.
कल यानि 8 नवंबर 2024 को सूर्योदय सुबह 06 बजकर 38 मिनट पर होगा. इस दौरान व्रती सूर्य को अर्घ्य दें. छठ के चौथे दिन दिए जाने वाले अर्घ्य को ऊषा अर्घ्य कहते हैं.
गया (Gaya Sandhya Arghya Ka Samay) | शाम 5 बजकर 31 मिनट |
पटना (Patna Sandhya Arghya Ka Samay) | शाम 5 बजकर 06 मिनट |
रांची (Ranchi Sandhya Arghya Ka Samay) | शाम 5 बजकर 07 मिनट |
समस्तीपुर (Samastipur Sandhya Arghya Ka Samay) | शाम 5 बजकर 01 मिनट |
भागलपुर (Bhagalpur Sandhya Arghya Ka Samay) | शाम 4 बजकर 57 मिनट |
दरभंगा (Darbhanga Sandhya Arghya Ka Samay) | शाम 5:00 बजे |
कानपुर (Kanpur Sandhya Arghya Ka Samay) | शाम 5 बजकर 22 मिनट |
प्रयागराज (Prayagraj Sandhya Arghya Ka Samay) | शाम 5 बजकर 16 मिनट |
लखनऊ (Lucknow Sandhya Arghya Ka Samay) | शाम 5 बजकर 19 मिनट |
छठ महापर्व का तीसरा दिन आज. आज संध्या काल में डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा. व्रती माताएं और महिलाएं आज नदी किनारे बने हुए घाट पर संध्या के समय सूर्य देव की आराधना करेंगी, साथ ही अपने परिवार, संतान की सुख समृद्धि की प्रार्थना करती हैं.
Chhath Puja 2024: छठ पूजा 2024 को लेकर सभी महिला को इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि छठ के चार दिन किसी भी तरह का गुस्सा न करें. चार दिन के इस पर्व में महिलाओं को भगवान का ध्यान करना चाहिए. छठी मईया से परिवार के लिए मंगल कामना करनी चाहिए. ऐसा करने से घर परिवार में सुखद माहौल रहता है.
पंचांग के अनुसार 7 नवंबर 2024 को सूर्योदय प्रातः 06 बजकर 42 मिनट पर तथा सूर्यास्त सायं 05:48 बजे होगा. इस दिन शाम को भक्त कमर तक पानी में खड़े होकर डूबते सूर्य को अर्घ्य देते हैं.
छठ पूजा के तीसरे दिन शाम को सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. इस दिन सुबह से व्रत करने वाला निराहार और निर्जल रहता है.इस दिन प्रसाद में ठेकुआ बनता है. अर्घ्य के समय सूप में फल, केले की कदली और ठेकुआ भोग के रूप में रखकर सूर्य भगवान को चढ़ाता है. नदी, सरोवर या जल में खड़े होकर सूर्य को अर्घ्य दें.
छठ पूजा पर सूर्य को अर्घ्य देते हुए इन मंत्रों का जाप करें
ॐ मित्राय नम:
ॐ रवये नम:
ॐ सूर्याय नम:
ॐ भानवे नम:
ॐ खगाय नम:
ॐ घृणि सूर्याय नम:
ॐ पूष्णे नम:
ॐ हिरण्यगर्भाय नम:
ॐ मरीचये नम:
ॐ आदित्याय नम:
ॐ सवित्रे नम:
छठ पूजा में छठी मईया और सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए नाभ नींबू, नारियल, केला, ठेकुआ, गन्ना, सुथनी, सुपारी, सिंघाड़ा चढ़ाया जाता है.
खरना छठ पर्व का दूसरा दिन है. इस दिन व्रती स्नान के बाद पूरी शुद्धता के साथ मिट्टी के चूल्हे पर गुड़ की खीर बनाती है. इसके लिए पीतल के बर्तन का प्रयोग किया जाता है. शाम को केले के पत्ते पर खीर ग्रहण की जाती है, इसके बाद ही व्रत शुरू होता है. खीर के अलावा गुड़ की अन्य मिठाई, ठेकुआ और लड्डू आदि भी बनाए जाते हैं.
बैकग्राउंड
Chhath Puja 2024 Highlight: कार्तिक शुक्ल पक्ष के षष्ठी को मनाया जाने वाला आस्था का महापर्व छठ का 8 नवंबर 2024 को अंतिम दिन है. शुक्रवार के दिन इस महापर्व का समापन होगा.
छठ पूजा चतुर्थी तिथि को नहाय खाय के साथ होती है. दूसरे दिन खरना किया जाता है. तीसरे दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य और चौथे दिन उगते सूर्य की पूजा की जाती है. छठ पूजा में व्रती संतान की खुशहाली, लंबी आयु और सुख-सौभाग्य के लिए 36 घंटे का निर्जला व्रत करते हैं.
छठ पर्व का इतिहास
महाभारत और रामायण काल से छठ पर्व का इतिहास जुड़ा है. कथा के अनुसार जब रावण का वध करके राम जी देवी सीता और लक्ष्मण जी के साथ अयोध्या वापस लौटे थे, तो माता सीता ने कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी को व्रत रखकर कुल की सुख-शांति के लिए षष्ठी देवी और सूर्यदेव की आराधना की थी. इसके अलावा द्वापर युग में द्रौपदी ने भी अपने पतियों की रक्षा और खोया हुआ राजपाट वापस पाने के लिए षष्ठी का व्रत रखा था.
छठ पूजा का महत्व
छठ व्रत माताएं अपनी संतान की लंबी आयु और सुखी जीवन की कामना से रखती हैं. वहीं ये व्रत संतान प्राप्ति की इच्छा रखने वाली महिलाओं के लिए भी खास माना जाता है. इस पर्व में सूर्य देव और छठी मैया की अराधना की जाती है.
छठ व्रत कब शुरू करते हैं ?
खरना के दिन जब व्रती गुड़ की खीर का भोग लगा लें तो परिवार के सभी लोग उनसे आशीर्वाद लेते हैं. इसी के साथ लगभग 36 घंटों का मुख्य व्रत आरंभ हो जाता है. जिसमें सुबह के अर्घ्य देने के बाद ही व्रती पारण करते हैं. ये व्रत संतान को सुख देता है. साथ ही ये व्रत सौभाग्य भी प्रदान करता है.
छठ पर्व 2024 कैलेंडर
- 5 नवंबर 2024 - नहाय खाय
- 6 नवंबर 2024 - खरना
- 7 नवंबर 2024 - अस्तगामी सूर्य अर्घ्य
- 8 नवंबर 2024 - उदयीमान सूर्य अर्घ्य
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