Chhath Puja 2021: छठ पूजा का महापर्व आज से हो रहा है शुरू हो रहा है, जानें नहाय-खाय का मुहूर्त
Chhath Puja 2021 Nahay Khay : छठ पूजा का आरंभ 8 नवंबर 2021, सोमवार से हो रहा है. पंचांग के अनुसार जानते हैं नहाय-खाय का शुभ मुहूर्त.
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Chhath Puja 2021: छठ पूजा का महापर्व आज यानि 8 नवंबर 2021, सोमवार के दिन से आरंभ हो रहा है. नहाय-खाय से छठ पूजा का आरंभ माना जाता है. मान्यता है कि नहाय- खाय की पूजा शुभ मुहूर्त में करने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है. पंचांग के अनुसार नहाय-खाय का शुभ मुहूर्त क्या है, आइए जानते हैं.
छठ पूजा: नहाय-खाय का शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार छठ पूजा का प्रथम दिन नहाय-खाय कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी की तिथि से शुरू होता है. पंचांग के मुताबिक कार्तिक शुक्ल की चतुर्थी तिथि 07 नवंबर, रविवार को शाम 04 बजकर 21 मिनट पर आरंभ हुई थी. चतुर्थी की तिथि का समापन 08 नवंबर 2021, सोमवार को दोपहर 01 बजकर 16 मिनट पर होगा. उदयातिथि आज ही है. इसलिए छठ पूजा का नहाय-खाय आज है.
नहाय-खाय पर बन रहे हैं दो शुभ योग
पंचांग के अनुसार नहाय-खाय पर दो शुभ योग का निर्माण हो रहा है. नहाय-खाय रवि योग और सुकर्मा योग में पड़ रहा है. सुकर्मा योग 8 नवंबर 2021 को शाम 03 बजकर 28 मिनट तक और रवि योग शाम 06 बजकर 49 मिनट तक रहेगा.
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नहाय-खाय पूजा विधि
छठ पूजा के अंतर्गत नहाय-खाय का विशेष महत्व है. इस दिन स्नान करने के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करते हैं. इस दिन अनुशासन और नियमों का पालन करना चाहिए. तन और मन की शुद्धता आवश्यक है. इस दिन सात्विक भोजन करना चाहिए. मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने वाले पहले भोजन करते हैं, इसके बाद परिवार के अन्य सदस्यों को भोजन ग्रहण करना चाहिए. नहाय-खाय के दिन भोजन में लौकी की सब्जी और चने की दाल बनाने की भी परंपरा है. इस भोजन में सेंधा नमक का इस्तेमाल किया जाता है.
नहाय-खाय के बाद खरना की पूजा
छठ पूजा में नहाय-खाय के अगले दिन खरना होता है. इस पूजा में व्रत रखने वाली महिलाएं शाम के समय लकड़ी के चूल्हे पर गुड़ की खीर बनाकर उसे प्रसाद के रूप में ग्रहण करती हैं. महिलाओं का 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरु हो जाता है.
छठ पूजा का महत्व
छठ पूजा का पर्व सूर्य उपासना और छठी मैया को समर्पित है. छठ महापर्व संतान के सुखी जीवन और योग्य संतान के लिए भी जाना जाता है. छठ पूजा का व्रत कठिन व्रतों में से एक माना जाता है. छठ पूजा जीवन में सुख-समृद्धि और दुखों का नाश करती है.
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