Chhath Puja 2020: छठ पूजा में सूर्य भगवान को इस तरह से दें अर्घ्य, पूरी होगी सभी मनोकामना
Chhath Puja 2020: हिन्दू पंचांग के मुताबिक़ कार्तिक मास की षष्ठी तिथि को छठ पर्व मनाया जाता है. इस एक विशेष विधि से सूर्य देव को अर्घ्य देने से व्रती की सारी मनोकामना पूरी होती है. आइये जानें इस विधि को.
Chhath Puja 2020: देश भर में छठ पूजा का पर्व मनाया जा रहा है. यह पर्व कार्तिक मास के षष्ठी तिथि को मनाया जाता है. इस दिन माताएं व्रत रखती हैं और सूर्य को अर्घ्य देकर छठ माई से अपने संतान की लंबी आयु और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं. जब महिलायें इस विधि से अर्घ्य देती हैं. तो उनकी सभी मनोकामना पूरी होती है. आइये जानें अर्घ्य देने की विधि
सूर्य देव को इस विधि से दें अर्घ्य, मनोकामना होगी पूरी
छठ पूजा के पर्व पर सूर्यदेव की उपासना बड़े विधि विधान से की जाती है. हिन्दू शास्त्रों में सूर्य की पूजा हर रविवार को करने का नियम है. सूर्य को अर्घ्य देने केलिए तांबे के लोटे में जल भरकर, उसमें चन्दन,चावल, लाल फूल और कुश डालकर खुश मन से सूर्य देव की ओर मुख करके कलश {लोटे} को छाती के बीच में लाकर जल की धारा धीरे- धीरे प्रवाहित कर अर्घ्य देना चाहिए और सूर्यदेव को पुष्पांजलि अर्पित करना चाहिए. अर्घ्य देते समय अपनी दृष्टि को धारा वाले किनारे पर रखेंगे तो उसमें सूर्यदेव का प्रतिबिम्ब दिखाई देगा. यदि इसे एकाग्रचित से देखने पर सप्तरंगों का वलय भी दिखाई पड़ेगा. सूर्य का अर्घ्य देते समय सूर्य का मंत्र जाप करना चाहिए. अर्घ्य के बाद सूर्यदेव को नमस्कार कर तीन परिक्रमा करें.
डूबते सूर्य की होती है पूजा
हिंदू धर्म में यह पहला ऐसा त्योहार है जिसमें डूबते सूर्य की पूजा की जाती है. छठ के तीसरे दिन शाम को तालाब, नदी आदि में कमर बराबर जल में खड़े होकर डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. इसके बाद अगली सुबह के लिए पूजा की तैयारी करते हैं.
सूर्य पूजा का वास्तु में महत्त्व
वास्तु में सूर्य की पूजा का बहुत महत्त्व है. सृष्टि की आत्मा सूर्य है. सूर्य की ऊर्जा से ही पृथ्वी पर जीवन संभव है. सूर्य पूर्व दिशा का स्वामी होता है. वास्तु की पूर्व दिशा यदि दोषमुक्त रहे. तो भवन में रहने वाले स्वामी सहित सभी सदस्य सुख भोगते हैं. लोग महत्वाकांक्षी, सद्गुणों से युक्त होते हैं. उनके चेहरे पर तेज रहता है और खूब मान-सम्मान मिलता है.
छठ पूजा का शुभ मुहूर्त: 4 दिनों के लिए सूर्योदय और सूर्यास्त मुहूर्त निम्न प्रकार से है.
पहला दिन - चतुर्थी (नहाय खाय)
- सूर्य उदय: प्रातः 06:45
- सूर्यास्त: सायं 05:25
दूसरा दिन - पंचमी (लोहंडा और खरना)
- सूर्य उदय: प्रातः 06:46
- सूर्यास्त: सायं 05:25
तीसरा दिन - षष्ठी (छठ पूजा, संध्या अर्घ्य)
- सूर्य उदय: प्रातः 06:47
- सूर्यास्त: सायं 05:25
चौथा दिन - सप्तमी (उषा अर्घ्य, पारण दिवस)
- सूर्य उदय: प्रातः 06:48
- सूर्यास्त: सायं 05:24