Chitragupta Puja 2021: चित्रगुप्त और कलम-दवात की पूजा आज, जानें शुभ मुहूर्त और पूजन विधि
Chitragupta Puja 2021: कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि के दिन भाई दूज का पर्व मनाया जाता है. इसे यम द्वितीया भी कहते हैं. इस साल भाई दूज का पर्व 6 नवंबर यानि आज के दिन पड़ रहा है.

Chitragupta Puja 2021: कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि के दिन भाई दूज (Bhai Dooj 2021)का पर्व मनाया जाता है. इसे यम द्वितीया (Yam Ditiya) भी कहते हैं. इस साल भाई दूज का पर्व 6 नवंबर यानि आज के दिन पड़ रहा है. इस शुभ दिन चित्रगुप्त की पूजा (Chitragupta Puja 2021) भी की जाती है. यमराज के सहयोग चित्रगुप्त को कार्तिक शुक्ल की द्वितीया के दिन पूजा (Kartik Month Puja) जाता है. कहते हैं चित्रगुप्त लोगों के अच्छे-बुरे कर्मों का लेखा-जोखा रखते हैं. चित्रगुप्त कायस्थ कुल के इष्ट देवता हैं और आज के दिन विधि-विधान के साथ इनकी पूजा की जाती है. उनके लेखनी के आधार पर ही लोगों के स्वर्ग और नर्क का निर्णय होता है. आइए जानते हैं कलम-दवात पूजा के शुभ मुहूर्त और पूजन विधि (Chitragupta Puja Shubh Muhurat) के बारे में.
चित्रगुप्त पूजा की तिथि और शुभ मुहूर्त (Chitragupta Puja Tithi And Shubh Muhurat 2021)
पंचाग के अनुसार चित्रगुप्त की पूजा 6 नवंबर, शनिवार के दिन की जाएगी. चित्रगुप्त की पूजा कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथ के दिन होती है. बता दें कि द्वितीया तिथि 5 नवंबर, शुक्रवार रात्रि 11 बजकर 15 मिनट से शुरु होकर, 6 नवंबर, शनिवार शाम को 7 बजकर 44 मिनट पर समाप्त होगी. ज्योतिषियों के अनुसार इस दिन चित्रगुप्त जी की पूजा करने का शुभ मुहूर्त दोपहर 1:15 मिनट से शाम को 3:25 मिनट तक है.
यूं करें चित्रगुप्त और कलम-दवात की पूजा (Chitragupta And Pen Puja Vidhi)
भाई दूज को यम द्वितिया के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन भगवान चित्रगुप्त का पूजन किया जाता है. इस दिन सुबह स्नान आदि करने के बाद चौकी पर लाल रंग का आसन बिछाएं. इसके बाद भगवान चित्रगुप्त की तस्वीर रख कलश स्थापना करें. साथ ही अपनी कलम दवात को भी चित्रगुप्त के पास रखें. फिर भगवान चित्रगुप्त को अक्षत, रोली, सिन्दूर, पुष्प, धूप-दीप और मिष्ठान आदि अर्पित करें. कलम-दवात पर मौली बांधें और रोली अक्षत चढ़ाएं. इसके बाद, एक सफेद कागज लें और रोली से स्वास्तिक बनाकर कलम से इष्ट देव का नाम लिखें. कागज में खील, बताशे रख कर चित्रगुप्त को अर्पित करें और हवन करें. पूजा के बाद भगवान चित्रगुप्त की स्तुति और आरती करें. मान्यता है कि ऐसा करने से भगवान प्रसन्न होते हैं और व्यक्ति को मृत्यु के बाद नर्क के कष्ट न भोगने का आशीर्वाद देते हैं.
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
