Christmas 2022: 25 दिसंबर को ईसाई धर्म के संस्थापक प्रभू ईसा मसीह के जन्मदिन के रूप में क्रिसमस मनाया जाएगा. खुशी और उत्साह का इस पर्व में लोग घर और चर्च में क्रिसमस ट्री और सुंदर झांकियां सजाई जाती है. एक दूसरे को शुभकामनाएं देते हैं. केक और अन्य उपहार दिए जाते हैं. ईसा मसीह को परमात्मा का पुत्र कहा जाता है. आइए क्रिसमस के मौके पर जानते हैं कैसे हुआ ईसा मसीह के जन्म और उनसे जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारी.
ईसा मसीह के जन्म की कथा
पौराणिक कथा के अनुसार प्रभु यीशु का जन्म करीब 4-6 ई.पू में हुआ था. प्रभू यीशू की माता का नाम मरियम और पिता का नाम यूसुफ था. यूसुभ बढ़ई का काम करते थे. ऐसा कहा जाता है कि मरीयम को एक सपना आया था जिसमें उन्हें प्रभु के पुत्र यीशु को जन्म देने की भविष्यवाणी की गई थी. मरियम गर्भवती हुईं. गर्भवास्था के दौरान मरियम को बेथलहम की यात्रा करनी पड़ी. रात होने के कारण उन्होंने रूकने का फैसला किया, लेकिन कहीं कोई ठिकाना नहीं नहीं मिला एक गडरिए के यहां ही उसी के अगले दिन माता मरियम ने प्रभु यीशु को जन्म दिया.
यीशू को इस दिन क्रॉस पर चढ़ाया गया
प्रभु यीशू के 13 वर्ष से 30 साल तक के जीवन के बारे में अधिक जानकारी उपलब्ध नहीं है, न ही बाइबल में उनके इस पीरियड का जिक्र है. रोमन गवर्नर पिलातुस को हमेशा यहूदी क्रान्ति का डर रहता था, इसलिये कट्टरपन्थियों को प्रसन्न करने के लिए पिलातुस ने ईसा को मृत्यु दंड की सजा दी गई. जिस दिन यीशु को क्रॉस पर चढ़ाया गया था, उस दिन फ्राइडे था. कहते हैं कि मृत्यु के कुछ दिन बाद वह पुन: जीवित हो उठे, इस दिन को ईस्टर कहा जाता है.
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