Christmas 2022: ईसाइ धर्म का सबसे बड़ा त्योहार क्रिसमस हर साल 25 दिसंबर को मनाया जाता है. इस दिन को प्रभू यीशू यानी ईसा मसीह के जन्मदिन के रूप में मनाते हैं. ईसा मसीह को जीसस क्राइस्ट भी कहते हैं. ईसा मसीह को लेकर कई बातें हैं जो आज भी रहस्य बनी हुई है. ईसा मसीह 13 साल से 29 साल तक कहां थे, इस दौरान उन्होंने क्या किया यह रहस्य की बात है. इसका उल्लेख बाइबिल में भी नहीं है.


कई थ्यौरीज में ईसा मसीह के भारत आने का भी जिक्र है, अहिंसा और दया का भाव रखने वाले प्रभू यीशु ने हमेशा लोगों को बुरे कर्मो को त्यागने के लिए प्रेरित किया. आइए जानते हैं क्या ईसा मसीह वाकई भारत आए थे और क्या है उनके अनमोल विचार जो लोगों को सही राह दिखाते हैं.


क्या भारत आए थे ईसा मसीह ?


प्रभू यीशु के भारत आने का कोई पुख्त सबूत नहीं है लेकिन कुछ रिसर्चर का कहना है कि 13 से 29 साल की उम्र में वह भारत भ्रमण पर आए थे. फिफ्थ गॉस्पेल नाम की किताब में भी इसी दावे का समर्थन किया गया है. कई थ्योरीज में रिसर्चर ने ये भी कहा कि उनका यहां बौद्ध धर्म से भी उनका नाता रहा, हालांकि जीसस के भारत आने और उनके बौद्ध धर्म से संबंध का कोई भी विश्वसनीय ऐतिहासिक साक्ष्य मौजूद नहीं है. ईसाई विद्वानों ने इन थ्योरीज को खारिज किया है.


प्रभू यीशु के अनमोल विचार



  • ईसा मसीह का कहना था कि जैसा व्यवहार आप दूसरे लोगों से अपने लिए चाहते हैं वैसा ही व्यवहार उनके साथ भी करें. गरीबों की सेवा करो, किसी से मुफ्त में कुछ मल लो. संकट में घिरे व्यक्ति को खुद से पहले दूसरों की जान बचानी चाहिए.

  • यीशु कहते थे कि जो लोग खुद से ज्यादा दूसरों की भलाई के बारे में सोचते हैं, वे अभावों में भी हमेशा संतुष्ट रहते हैं. ये हाथ हिंसा के लिए नहीं दूसरों की मदद के लिए उठना चाहिए.

  • प्रभू यीशु कहते हैं कि अपने दुश्मनों से भी प्रेम करना चाहिए. उनके लिए भी प्रार्थना करें, जो हमें सताते हैं. इससे हम उस ईश्वर की संतान बन जाएंगे जो स्वर्म में है. भगवान अपने सूर्य का प्रकाश बुराई और अच्छाई, दोनों पर समान रूप से डालता है.


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