परिक्रमा का हिन्दू धर्म में विशेष महत्व है. जहां तक परिक्रमा की शुरुआत की बात करें तो यह प्रथा अति प्राचीन हैं. परिक्रमा षोडशोपचार पूजा का एक अंग होता है. बता दें कि परिक्रमा की यह प्रथा दुनिया के कई धर्मों में भी है. जैसे काबा में की जाने वाली परिक्रमा और बोध गया में की जाने वाली परिक्रमा. ऐसा माना जाता है कि परिक्रमा का प्रचलन वहीँ से शुरू हुआ है कि जब भगवान गणेश और कार्तिकेय ने अपने माता-पिता की परिक्रमा किया था.


परिक्रमा करते समय ध्यान रखने वाली बातें: मंदिर में किसी देवता की परिक्रमा करते हुए यह ध्यान रखना चाहिए कि परिक्रमा करते समय व्यक्ति का दाहिना अंग देवता की तरफ होना चाहिए.


ये हैं प्रमुख परिक्रमाएं: परिक्रमा भी कई तरह की होती है. जैसे-


देव मंदिर की परिक्रमा- इस तरह की परिक्रमा में जगन्नाथ पुरी, रामेश्वरम, तिरुवन्न्मल और तिरुवनंतपुरम देव मंदिरों की परिक्रमा की जाती है.




  1. देव मूर्ति की परिक्रमा- इस तरह की परिक्रमा में देवी-देवताओं की परिक्रमा की जाती है. जैसे- भगवान शिव, मां दुर्गा, भगवान विष्णु, भगवान गणेश और कार्तिकेय, हनुमान जी आदि.

  2. नदी की परिक्रमा- इस तरह की परिक्रमा में नदियों की परिक्रमा की जाती है. जैसे- गंगा, सरयू, नर्मदा, गोदावरी, कावेरी आदि.

  3. पेड़ या वृक्ष की परिक्रमा- इस तरह की परिक्रमा में पीपल और बरगद के वृक्ष की परिक्रमा की जाती है.

  4. तीर्थ परिक्रमा- इस तरह की परिक्रमा में किसी तीर्थ स्थल की परिक्रमा की जाती है. जैसे- अयोध्या, उज्जैन, प्रयाग राज, चौरासी कोस की परिक्रमा आदि.

  5. चारधाम की परिक्रमा या यात्रा- इस तरह की परिक्रमा में चार धाम की यात्रा की जाती है.

  6. भरत खंड की परिक्रमा- इस तरह की परिक्रमा में पूरे भारत की परिक्रमा की जाती है. यह परिक्रमा परिव्राजक और साधु लोग करते हैं.

  7. पर्वत की परिक्रमा- इस तरह की परिक्रमा में पर्वत की परिक्रमा की जाती है. जैसे- गोवर्धन, गिरनार, कामदगिरी आदि की परिक्रमा.

  8. विवाह में की जाने वाली परिक्रमा- इस तरह की परिक्रमा में विवाह के समय वर और वधू अग्नि के चारों तरफ 7 बार परिक्रमा करते हैं. अग्नि की परिक्रमा के उपरांत ही विवाह को संपन्न माना जाता है.


जानें किस देवी-देवता की कितनी बार करनी चाहिए परिक्रमा:




  1. भगवान भोलेनाथ की परिक्रमा आधी बार करनी चाहिए.

  2. मां दुर्गा की परिक्रमा एक बार करनी चाहिए.

  3. संकट मोचन हनुमान और भगवान गणेश की परिक्रमा तीन बार करनी चाहिए.

  4. भगवान विष्णु और सूर्य देवता की परिक्रमा चार बार करनी चाहिए और पीपल के वृक्ष की परिक्रमा एक सौ आठ बार करनी चाहिए.