वैदिक ज्योतिष शास्त्र में हर धातु को किसी न किसी ग्रह का कारक माना गया है. इन्हें दारण करने से ये जातक की जीवन पर शुभ और अशुभ प्रभाव डालती है. इन्हीं में से एक धातु हैं तांबा. तांबा धातु सूर्य ग्रह का कारक है. इसे तेज और बलशाली ग्रह माना जाता है. वहीं, तांबे की धातुओं को पूजा के योग्य बताया जाता है. सदियों से इन पात्रों का इस्तेमाल पूजा-पाठ में किया जाता आ रहा है. पूजा में मंदिर की घंटा, पूजा का लोटा, तांबे का पात्र, थाली, दीपक इत्यादि सभी चीजें तांबा धातु की होती हैं. वहीं, किसी भी जातक की कुंडली में कमजोर सूर्य को मजबूत कर ने के लिए भी तांबे की धातु धारण करने की सलाह दी जाती है. इसे धारण करने से सूर्य मजबूत होता है और भाग्य मजबूत होता है. 


ज्योतिष शास्त्र के अनुसार तांबे के बने सिक्कों का इस्तेमाल लोग अपनी किस्मत चमकाने के लिए भी करते हैं. ऐसा माना जाता है कि कुंडली में बुरे ग्रहों को प्रभावों को कम करने में तांबे के सिक्के बहुत मददगार साबित होते हैं. आइए जानते हैं कैसे धारण करनें तांबे का सिक्का. 


तांबे के सिक्के धारण करने की विधि- 


- मान्यता है कि पूजा घर में तांबे के पात्र प्रयोग करने के साथ अगर इसके कुछ उपाय कर लिए जाएं,तो इससे सूर्य शुभ फल देता है. 


- बाजार से एक तांबे का सिक्का खरीदें और सुनार से एक सुराख करवा लें. इस सुराख में काला धागा पिरो कर धारण करने से लाभ होगा. आप चाहें तो फेंगशुई के तांबे वाले सिक्के भी इस्तेमाल कर सकते हैं. 


- ताबें कि इस लॉकेट को सोमवार, मंगलावर या फिर शनिवार के दिन धारण करें. साथ ही इसे नहाने और पूजा पाठ के बाद ही गले में पहनें. अगर गले में नहीं पहन सकते तो इसे सीधे हाथ की बाजू में भी पहन सकते हैं. 


- सिक्का धारण करने वाले दिन संयम रखें और ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करें. इस दिन न नशा करें और न ही मांस आदि का सेवन करें. 


- कुंडली में सूर्य ग्रह कमजोर होने पर अशुभ फल देने लगता है. जीवन में किसी भी कार्य में सफलता हाथ नहीं लगती. नौकरी में दिक्कतें आने लगती हैं. ऐसे में रविवार के दिन तांबे का सिक्का नदी में प्रवाहित कर दें. ऐसा करने से सूर्य देव की कृपा पाई जा सकती है. 


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