vrishabha sankranti 2020: कोरोना वायरस से पूरा देश बीते दो माह से अधिक समय से जूझ रहा है. कोरोना वायरस से देश में अभी तक 70 हजार से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं और दो हजार से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. ज्योतिष शास्त्र की दृष्टि से आने वाले दिनों में कोरोना का कहर कम होगा या इसमें वृद्धि होगी, इसको समझने की कोशिश करते हैं.


सूर्य 14 मई 2020 से शुक्र की राशि वृषभ में प्रवेश करेंगे. वृषभ राशि में सूर्य के प्रवेश करने को वृषभ संक्रांति के नाम से भी जाना जाता है. सूर्य शाम 5 बजे के बाद वृषभ राशि में प्रवेश करेंगे.


सूर्य का यह परिवर्तन देश के लिए बहुत मायने रखता है. क्योंकि सूर्य शासन और प्रशासन का भी कारक है. सूर्य को सभी ग्रहों का राजा माना गया है. सूर्य अपनी उच्च राशि मेष राशि से निकल कर वृषभ राशि में आ रहे हैं. काल पुरुष की कुंडली में वृषभ राशि का स्थान कुंडली का दूसरा भाव है. जो संसाधन का भाव भी माना गया है.


सूर्य का वृषभ राशि में गोचर संसाधनों के मामले में भारत को मजबूत योजना बनाने की दिशा में इंगित कर रहा है. यानि इस दौरान भारत संसाधनों को जुटाने में सफल हो सकता है. औद्योगिक क्षेत्र में बड़े कदम उठाए जा सकते हैं. इस समय जो भी योजनाएं बनाई जाएंगी उनके क्रियान्वयन से अच्छे परिणाम आ सकते हैं.


एस्ट्रोलॉजर शिल्पा राना का कहना है कि इस गोचर से देश में उठाए गए फैसलों से स्थिति में सुधार की संभावना प्रबल होगी. देश इस संकट से उभरने के लिए तेजी से प्रयास करेगा और आर्थिक मोर्चे पर बेहतर उदाहरण पेश कर सकता है. सूर्य का संबंध यश कीर्ति से भी है. भारत का आत्मबल बढ़ेगा. क्योंकि सूर्य आत्मबल भी हैं.


सूर्य आरोग्य के कारक होने के कारण इस गोचर में सूर्य इस महामारी से उभरने में भी मदद कर सकते हैं. लोगों में स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ेगी, इम्यूनिटी पावर में वृद्धि होगी. लोगों की जीवनशैली में बदलाव होगा और सेहत को लेकर पहले से कहीं अधिक सचेत होंगे. सूर्य का राशि परिवर्तन बड़े बदलाव की तरफ भी इशारा कर रहा है.


सूर्य का वृष राशि में गोचर कर्क, सिंह, धनु और मीन राशि वालों के लिए होने जा रहा है शुभ


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