Dadi-Nani Ki Baatein: सनातन धर्म में कई मान्यताएं और परंपरा हैं, जिनका सदियों से पालन किया जा रहा है. इन्हीं परंपराओं में एक है पैर छूने की परंपरा, जिसका पालन आज के आधुनिक युग में भी किया जाता है. शास्त्रों में तो प्रतिदिन सुबह उठकर माता-पिता के चरण स्पर्थ करने की बात कही गई है.


दादी-नानी बच्चों को बचपन से ही यह गुण सिखाती है कि, बड़ों के पैर छूकर आशीर्वाद लेना चाहिए. लेकिन क्या आप जानते हैं कि बड़े-बुजुर्ग, माता-पिता, गुरु या किसी वरिष्ठ व्यक्ति के पैर छूने का कारण मात्र आशीर्वाद पाने की कामना से कहीं अधिक है. हिंदू धर्म की इस मान्यता और भारतीय शैली को पूरी दुनिया स्वास्थ्य के लिए बेहतर मानती है.


दादी-नानी की ये बातें आपको कुछ समय के लिए अटपटी या फिर मिथक लग सकती है. लेकिन शास्त्रों में इसका कारण और इससे होने वाले लाभ के बारे में बताया गया है. अगर आप दादी-नानी की बताई बातों को फॉलो करेंगे तो सुखी रहेंगे और भविष्य में होनी वाली अशुभ घटना से बच जाएंगे. आइए जानते हैं आखिर क्यों दादी-नानी क्यों वरिष्ठ जनों के पैर छूकर आशीर्वाद लेने को कहती है.


चरण स्पर्श के धार्मिक और ज्योतिष लाभ



  • भारतीय संस्कृति में मुख्य रूप से तीन तरह से चरण स्पर्श की परंपरा है. पहला झुककर, दूसरा घुटने के बल बैठकर और तीसरा साष्टांगप्रणाम. तीनों के शारीरिक और धार्मिक लाभ बताए गए हैं.

  • कहा जाता है कि वरिष्ठजनों के पैर छूकर आशीर्वाद लेने से नम्रता, आदर और विनय भाव जागृत होता है. साथ ही व्यक्ति में सकारात्मक ऊर्जा का संचार भी होता है.

  • ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास बताते हैं कि वरिष्ठजनों के चरण स्पर्श करने से नवग्रहों से संबंधित दोष दूर होते हैं. ज्योतिष के अनुसार पिता का चरण स्पर्श करने से सूर्य, दादी- नानी, मां, चाची-मौसी, ताई-सास आदि के पैर छूने से चंद्रमा, बड़े भाई के पैर छूने से मंगल, बहन-बुआ के पैर छूने से बुध, गुरु, संतों, ब्राह्मणों के पैर छूने से बृहस्पति, बुजुर्गों के पैर छूने से केतु और भाभी के पैर छूने से शुक्र ग्रह मजबूत होता है.

  • चरण स्पर्श करने से पॉजिटिव एनर्जी का आदान प्रदान भी बोता है. जब हम किसी व्यक्ति के पैर छूते हैं तो उसका हाथ हमारे सिर पर होता है. इससे पॉजिटिव एनर्जी का आदान-प्रदान होता है.


चरण स्पर्श के वैज्ञानिक लाभ



  • स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार चरण स्पर्श करने से कमर के ऊपरी भाग में रक्त संचार सही से होता है. इससे त्वचा और बालों की समस्या को दूर होती है. योग में चरणस्पर्श को साष्टांग प्रणाम कहा गया है.

  • विज्ञान के अनुसार, जब हम झुककर पैर छूते हैं तो इससे कमर और रीढ़ की हड्डी को आराम मिलता है. घुटने के बल बैठकर पैर छूने से पैर के सारे जोड़ मुड़ जाते हैं, जिससे जोड़ों के दर्द से राहत मिलती है. साष्टांग प्रणाम से समय सारे जोड़ कुछ समय के लिए तनजाते हैं, इससे भी स्ट्रेस दूर होता है.


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