Dadi-Nani Ki Baatein: सनातन धर्म से जुड़े हर व्यक्ति को वेद-पुराण, ग्रंथ आदि का पाठ करना चाहिए. धार्मिक ग्रंथों के पाठ से हमें कई तरह की जानकारियां प्राप्त होती हैं और हम अपने धर्म के नीति-नियमों को जान पाते हैं.
आधुनिक युग की आपाधापी में लोग अमूमन ग्रंथों का पाठ नहीं करते. लेकिन बड़े-बुजुर्गों के पास अगर आप कुछ देर बैठ जाएं तब भी आप गूढ़ ज्ञान को प्राप्त कर सकते हैं. क्योंकि इनके पास ज्ञान का भंडार होता है.
दादी-नानी की रोकटोक कई गलत कार्यों से हमें बचाती है. जिन घरों में दादी-नानी की बातों का पालन किया जाता है, वहां सुख-समृद्धि बनी रहती है. वैसे तो हिंदू धर्म में नॉनवेज भोजन को अच्छा नहीं माना जाता है. इसमें शुद्ध और सात्विक भोजन का ही महत्व है. लेकिन आपने देखा होगा कि खासकर मंगलवार के दिन मांसाहार भोजन खाने या पकाने के लिए भी दादी-नानी मना करती हैं.
कुछ समय के लिए आपको दादी-नानी की ये बातें अटपटी या मिथक लग सकती है. लेकिन हिंदू धर्म और हिंदू मान्ताओं के अनुसार मंगलवार के दिन नॉनवेज खाने को बहुत अशुभ और गलत माना जाता है. इसलिए अगर आप दादी-नानी की बताई बातों को फॉलो करेंगे तो भविष्य में होनी वाली अनहोनी या अशुभ घटना से बच सकते हैं. साथ ही दादी-नानी की इन बातों में परिवार की भलाई छिपी होती है. आइये जानते हैं आखिर क्यों मंगलवार के दिन नॉनवेज खाने से मना करती हैं दादी-नानी क्या है इससे जुड़ी मान्यता.
मंगलवार को क्यों नहीं खाना चाहिए नॉनवेज
- हिंदू धर्म में सप्ताह के अलग-अलग दिनों का अपना विशेष महत्व होता है, जिसमें मंगलवार के दिन को बहुत शुभ माना जाता है. यह दिन रामभक्त हनुमान और मंगल ग्रह को समर्पित है. साथ ही मंगलवार का दिन धार्मिक अनुष्ठानों और स्वस्थ जीवनशैली से जुड़ा वार है. हनुमान जी की पूजा में भी सात्विक चीजों का ही भोग लगाया जाता है. इसलिए मंगलवार के दिन नॉनवेज खाना हिंदू धर्म में अच्छा नहीं माना जाता है.
- एक अन्य कारण यह भी है कि मंगलवार मंगल ग्रह से जुड़ा वार होता है, जोकि लाल रंग, रक्त, ऊर्जा, जुनून और दृढ़ संकल्प का प्रतिनिधित्व करते हैं. ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास के अनुसार, मंगलवार के दिन मांसाहार भोजन करने से कुंडली में मंगल ग्रह का प्रभाव असंतुलित हो सकता है.
- बता दें कि हिंदू मान्यता के अनुसार मंगलवार के साथ ही गुरुवार और शनिवार के दिन भी मांसाहार का सेवन नहीं करना चाहिए. इसके अलावा कुछ विशेष तिथियों जैसे एकादशी, पूर्णिमा, अमावस्या और विशेष व्रत-त्योहारों में भी मांसाहार के सेवन से बचना चाहिए.
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