Dadi-Nani Ki Baatein: शास्त्रों (Shastra) में हर चीज से जुड़े नियम बताए गए हैं, जिसका पालन करने पर हम जीवन में आने वाली नेगेटिविटी से बच सकते हैं. दादी-नानी भी हमें इन्हीं कारणों से दिनचर्या से जुड़ी कई गलत आदतों पर रोका-टोका करती हैं, जिससे कि हमें शारीरिक या मानसिक कष्टों का सामना न करना पड़ा.
बचपन से लेकर अब तक आपने ये देखा होगा कि जब आप बिस्तर पर बैठकर भोजन करते हैं तो इस पर दादी-नानी तुरंत टोका करती हैं, कि बिस्तर पर बैठकर भोजन नहीं करना चाहिए. आइये जानते हैं आखिर बिस्तर पर बैठकर भोजन करने पर क्यों टोकती हैं दादी-नानी. आखिर बिस्तर पर भोजन करने से क्या होगा और शास्त्रों में इसके क्या कारण बताए गए हैं. (Bhojan ke Niyam)
बिस्तर पर बैठकर खाना क्यों अशुभ
बड़े बुजुर्ग आज भी अपने काम पूरे नियम और तसल्ली के साथ करते हैं. आपने देखा होगा कि वो खाने से पहले भोजन की थाली को प्रणाम करते हैं, जो भोजन के प्रति सम्मान प्रकट करता है. वहीं बिस्तर पर भोजन करना भोजन का अपमान माना जाता है. इसका कारण यह है कि बिस्तर को अशुद्ध माना जाता है, क्योंकि यह सोने की जगह होती है.
ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास के अनुसार बेड पर खाना खाने से मां लक्ष्मी (Maa Laxmi) तो नाराज होती ही हैं. साथ ही राहु (Rahu) और बृहस्पति ग्रह भी क्रोधित होते हैं. ज्योतिष में सुख-सौभाग्य के लिए मां लक्ष्मी, राहु और बृहस्पति की अहम भूमिका बताई गई है. यदि आपकी गलत आदतों से ये तीनों रूठ गए तो जीवन में सुख-समृद्धि, धन की कमी होने लगती है.
भोजन करने का सही स्थान क्या है
शास्त्रों में भोजन करने का सही स्थान रसोई (Kitchen) के पास बताया गया है. पहले के समय में लोग रसोई में ही पालथी माकर भोजन करते थे. रसोई में भोजन करने का एक कारण यह भी था कि भोजन रसोई में ही बनाया जाता है और वहीं परोसने पर आसानी होती थी और घर के सदस्य गर्म भोजन का आनंद लेते थे. यही कारण है कि आज भी लोग रसोई घर के नजदीक ही डाइनिंग टेबल भी रखते हैं.
भोजन आप नीचे जमीन पर बैठकर या डाइनिंग टेबल पर बैठकर कर सकते हैं. इससे सेहत संबंधी परेशानी नहीं होती. क्योंकि जब आप डाइनिंग टेबल या नीचे बैठकर भोजन करते है तो इस अवस्था में आपका पेट सीधा होता है और भोजन सीधे आपके पेट में जाता है. इससे भोजन के पाचन में आसानी होती है. वहीं बिस्तर पर बैठकर खाते समय शरीर झुका हुआ होता है और इस कारण भोजन के सांस नली में फंसने का भी डर रहता है. यही कारण है कि हमारी दादी-नानी अक्सर बिस्तर पर बैठकर भोजन करने से मना करती है.
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