Dahi Handi Festival 2022: जानिए क्यों और कैसे मनाया जाता है, हर वर्ष दही हांडी महोत्सव? क्या है इसका महत्व
Dahi Handi Utsav: कृष्ण जन्माष्टमी के दिन दही हांड़ी की परंपरा को उत्सव का प्रतीक माना जाता है. आखिर क्यों मनाया जाता है दही हांडी महोत्सव और क्या है इसका महत्व? आइए जानें-
Sri Krishna Janmashtami Dahi Handi Celebration: इस साल कृष्ण जन्माष्टमी 18 अगस्त 2022 गुरुवार के दिन मनाई जाएगी और दूसरे दिन दही हांडी उत्सव मनाया जाएगा. दही हांडी उत्सव भगवान कृष्ण की आराधना का एक माध्यम है. इसमें मिट्टी के बर्तन में दही को भरकर ऊपर रस्सी पर लटका दिया जाता है और गोविंदाओं को टोली पिरामिड बनाकर ऊंचाई पर लटकी दही और माखन से भरी हांडी तोड़ते हैं. इस जश्न के साथ कृष्ण जन्माष्टमी का उत्सव मनाया जाता है. इस दिन भक्त भजनों से भगवान कृष्ण का गुणगान करते हैं. इस दिन भगवान कृष्ण की पूजा-अर्चना करने से जीवन में सुख शांति व समृद्धि आती है.आइए जानते हैं दही हांडी महोत्सव क्यों मनाया जाता है? इस को मनाने का महत्व क्या है?
दही हांडी उत्सव का महत्व
जब गोकुल में दूध दही आदि को संरक्षण किया जाता था.तब भगवान श्रीकृष्ण टोली के साथ जाते और पिरामिड बनाकर उन्हें तोड़कर दही का आनंद लेते थे. इसी नटखट शरारत के कारण गोकुल वासी काफी खुश थे, क्योंकि जिसके भी यहां भगवान श्री कृष्ण ने दही हांडी फोड़ी है.उसका संपूर्ण जीवन सुखमय हो गया और उस घर में कभी सुख शांति की कमी नहीं आई. इन्हीं मान्यताओं के चलते दही हांडी उत्सव मनाया जाता है और भगवान श्री कृष्ण की बाल लीलाओं का आनंद लिया जाता है.
क्यों मनाया जाता है दही हांडी उत्सव ?
भगवान श्री कृष्ण की बाल लीलाओं को याद करते हुए और सुखी जीवन के उद्देश्य को महत्व देते हुए हांडी उत्सव मनाया जाता है. भगवान कृष्ण को बचपन से ही दही और माखन काफी प्रिय था. वो अक्सर अपने घर में या अन्य लोगों के घरों में चुपके से जाकर मक्खन और घी चुरा कर खा लिया करते थे. नटखट नंदलाला की इस बात से गोकुल की औरतों ने घी और माखन को ऊंचे स्थान पर लटकाना शुरू कर दिया.ऐसे में कान्हा के बड़े भाई बलराम और अपने घनिष्ठ मित्र सुदामा के कंधे पर चढ़कर माखन की मटकी तक पहुंचते थे और मक्खन को खाकर ही दम लेते थे.माना जाता है कि यहीं से दही हांडी की प्रक्रिया की शुरुआत हुई है. पहले तो यह महोत्सव महाराष्ट्र और गुजरात में ही मनाया जाता था लेकिन अब यह देश के लगभग सभी राज्यों में मनाया जाता है.
कैसे मनाते हैं दही हांडी का उत्सव?
दही हांडी उत्सव मनाने के लिए कई लोगों की एक टीम बनाई जाती है. इसके लिए युवा टीम एक पिरामिड तैयार करते हैं और पिरामिड पर चढ़कर गोविंदा लोग ऊंची बंधी हुई दही हांडी को फोड़ता है.अगर कोई भी उस हांडी को फोड़ने से पहले ही पिरामिड तोड़ देता है, तो वह उनकी असफलता मानी जाती है.तथा जो टीम उस पिरामिड को सफल बनाती है और हांडी को तोड़ती है वह उस प्रतियोगिता को जीत जाता है.इसी प्रकार दही हांडी उत्सव मनाया जाता है.मान्यता है कि जो भी हांडी उत्सव कार्यक्रम में भाग लेता है और पिरामिड बनाकर मटकी तोड़ता हैं, वह भगवान श्री कृष्ण को प्रिय होता हैं और भगवान श्री कृष्ण द्वारा उसे विशेष कृपा प्राप्त होती है.
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