Ramayana: अयोध्या के राजा दशरथ 12-16 की आयु में ही शब्दभेदी बाण चलाने में पारंगत हो गए थे. इसकी पूरे राज्य में खूब तारीफ होती थी. इसके घमंड में आकर वो रोज शिकार खेलते थे. ऐसे ही एक दिन उनके बाण से श्रवण कुमार की मौत हो गई, जिसके श्राप से दशरथ को पुत्र वियोग में मरना पड़ा.


वाल्मीकि रामायण के अनुसार दशरथजी के पास कौशल्या, सुमित्रा, कैकयी के अलावा उनकी 300 और पत्नियां थीं. दशरथ को साठ हजार साल की आयु में संतान की प्राप्ति हुई थी. सीता और राम के विवाह के वक्त रामजी की आयु सिर्फ 14 साल थी, जबकि सीताजी की मात्र 6 साल की थीं. शादी के बाद दोनों 12 वर्षों तक अयोध्या में रहे, इसके बाद उन्हें वनवास भोगने के लिए वन जाना पड़ा. इस समय तक सीताजी 18, राम जी 26 साल के हो गए थे. जब वे वनवास से लौटे तो सीता की आयु 32 और रामजी की उम्र 40 हो गई थी. मान्यता है कि हिंदू कैलेंडर के अनुसार मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को भगवान राम और माता सीता का विवाह हुआ था. इसी उपलक्ष्य में विवाह पंचमी का पावन पर्व मनाया जाता है. पौराणिक मान्यता के अनुसार त्रेतायुग में इसी दिन भगवान श्री राम और माता सीता का विवाह हुआ था. यह पर्व श्रीराम और माता सीता के विवाह महोत्सव के रूप में मनाया जाता है. धारणा है कि इस दिन विधि पूर्वक व्रत और पूजा करने से वैवाहिक जीवन सुखमय रहता है और भगवान राम और माता सीता की कृपा हमेशा बनी रहती है.


पौराणिक कथाओं के अनुसार रामजी के राज्याभिषेक के कुछ समय बाद ही सीताजी गर्भवती हो गईं और परित्याग के चलते उन्हें वशिष्ठ के आश्रम में जाकर रहना पड़ा. वहीं वन में उनके दोनों जुड़वा बेटे लव कुश पैदा हुए. अश्वमेघ यज्ञ के समय वह बच्चों समेत अयोध्या लौट आई थीं. बताया जाता है कि इसके बाद 11000-13000 वर्षों तक अयोध्या में रहे. इसके बाद वह धरती में समा गईं.


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