अक्षय तृतीय को शुभ दिन माना जाता है. मान्यता है कि इस दिन किए जाने वाले कार्य का अक्षय फल प्राप्त होता है. इसलिए इस दिन शुभ कार्य ही किए जाते हैं. इन शुभ कार्यों का व्यक्ति को बहुत ही अच्छा लाभ मिलता है.
इस दिन भूलकर भी कोई गलत और अनैतिक कार्य नहीं किया जाना चाहिए. अक्षय तृतीया एक ऐसा दिन माना गया है जिसमें किसी भी समय कोई भी शुभ कार्य किया जा सकता है. यानि की इसके लिए पंचांग और शुभ मुहूर्त देखने की भी आवश्यकता नहीं पड़ती है.
इस दिन किए जाने वाले कार्य
अक्षय तृतीया पर वैवाहिक संबंध, धार्मिक अनुष्ठान, गृह प्रवेश, नवीन व्यापार, उपासना और पूजा आदि शुभ कार्य किए जाने का विधान है. इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने की भी परंपरा है. अक्षय तृतीया के दिन दान का भी विशेष महत्व है.
मां लक्ष्मी का मिलता है आर्शीवाद
अक्षय तृतीया के दिन विधि पूर्वक पूजा और शुभ कार्य करने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं. लक्ष्मी जी की कृपा प्राप्त करने का भी ये दिन माना गया है. इसलिए स्वच्छता को अपनाते हुए इस दिन माता लक्ष्मी को प्रसन्न करना चाहिए.
25 अप्रैल से तृतीया तिथि होगी प्रारंभ
वैसे तो अक्षय तृतीया 26 अप्रैल को ही मनाई जाएगी लेकिन पंचांग के अनुसार तृतीया तिथि का आरंभ 25 अपै्रल को 11 बजकर 50 मिनट से होगा. तृतीया तिथि समापन 26 अप्रैल को 13 बजकर 21 मिनट पर होगा.
पूजन विधि
इस सुबह स्नान करने के बाद पूजा स्थान को शुद्ध करें और माता लक्ष्मी का आव्हान करें. उनकी प्रिय वस्तुओं का अर्पण करे और भोग लगाएं. स्वर्ण आभूषणों की विधि पूर्वक पूजा करें. सभी देवी देवताओं का स्मरण करते हुए उनका आभार व्यक्त करें. सूर्य को जल अर्पित करें.
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