Dev Deepawali 2021: देव दीपावली पर इस विधि से करें दीपदान, इन देवताओं के आगे दीप जलाने से मनोरथ होंगी पूर्ण
Dev Diwali 2021: कार्तिक मास में दो दिवाली के पर्व होते हैं. एक जिन्हें मनुष्य मनाता है और दूसरी दिवाली देवों द्वारा मनाई जाती है. दोनों की दिवाली को देशभर में बड़े धूमधाम के साथ मनाया जाता है.
Dev Diwali 2021: कार्तिक मास में दो दिवाली के पर्व होते हैं. एक जिन्हें मनुष्य मनाता है और दूसरी दिवाली देवों द्वारा मनाई जाती है. दोनों की दिवाली को देशभर में बड़े धूमधाम के साथ मनाया जाता है. कार्तिक मास की अमावस्या को धरती पर दिवाली का पर्व मनाया जाता है. और कार्तिक पूर्णिमा के दिन स्वर्ग में देवताओं द्वारा दिवाली का पर्व मनाया जाता है. इस साल ये पर्व 19 नवंबर के दिन मनाया जाएगा. मान्यता है कि इस दिन देवी-देवता स्वर्ग से गंगा नदी में स्नान के लिए आते हैं. इसलिए वाराणसी के गंगा घाट को दीयों से जगमग कर दिया जाता है. इतना ही नहीं, इस दिन दीपदान का भी विशेष महत्व है. इसलिए लोग घरों में और घर के बाहर दीप जलाते हैं.
मान्यता है कि इस दिन दीप जालकर मनोकामना पूर्ति की प्रार्थना की जाती है. कार्तिक पूर्णिमा का दिन दान पुण्य के हिसाब से शुभ माना जाता है. इस दिन अलग-अलग मनोकामना के लिए अलग-अलग देवी-देवता के आगे दीप प्रज्जवलित किए जाते हैं. आइए जानते हैं कि मनोरथ के लिए किस देवता की पूजा करें.
धन प्राप्ति के लिए
अगर आपको धन का अभाव है और धन की तंगी में जीवनयापन कर रहे है. तो इसके लिए आपको ज्यादा कुछ करने की जरूरत नहीं है. देव दिवाली के दिन भगवान कुबेर के आगे दीप जला सकते हैं. ऐसा करने से धन की प्राप्ति के साथ फंसा हुआ धन भी वापस आ जाएगा.
प्रेम पाने के लिए
अपने साथी का प्यार पाने या फिर जीवन में प्रेम पाने के लिए देव दिवाली के दिन श्री कृष्ण के समक्ष गाय के घी का दीप जलाएं. ऐसा करने से साथी का प्रेम तो मिलेगा ही. साथ ही, साथी के प्रति विश्वास भी बढ़ेगा.
रोग निवारण के लिए
मान्यता है कि अगर आप या परिवार का कोई सदस्य लंबे समय से बीमार है तो देव दिवाली के दिन सूर्य देव की मूर्ति या फिर सूर्य यंत्र स्थापित करके उनके आगे दीपक जलाएं. ऐसा करने से रोग से जल्दी छुटकारा मिलेगा.
बिजनेस उन्नति के लिए
अगर बिजनेस या कारोबार सही से नहीं चल रहा या फिर घाटा हो रहा है. तो इस दिन गणेश जी की प्रतिमा के आगे दीपक जलाने से बिजनेस में धन की प्राप्ति होगी. व्यापार में वृद्दि के साथ-साथ विस्तार भी होगा.