Guru Jupiter Seated in Aquarius: ज्योतिष शास्त्र में देवगुरु बृहस्पति को सबसे लाभकारी ग्रह माना जाता है. बृहस्पति ग्रह को सफलता, धन वृद्धि, सौभाग्य वृद्धि, करियर, तरक्की और सुख-समृद्धि का कारक माना गया है. 5 अप्रैल 2021 से बृहस्पति ग्रह कुंभ राशि में विराजमान हैं. यह 14 सितंबर 2021 तक इसमें रहने के बाद वक्री अवस्था में पुनः मकर राशि में बिराजमान होंगें. जहां 20 नवंबर 2021 तक रहेंगें. उसके बाद पुनः मार्गी होकर वे कुंभ राशि में प्रवेश होंगें. जो कि सितंबर 2022 तक इसी राशि में रहेंगें.


ज्योतिष के अनुसार, गुरु राशि परिवर्तन करने के लिए 13 महीने का समय लेते हैं. कुंडली में देवगुरु बृहस्पति की स्थिति अशुभ होने से अशुभ फल प्राप्त होता है. लोगों की समस्याएं बढ़ जाती हैं. इस दौरान जातक आर्थिक तंगी से गुजरता हैं. उसके पास कई तरह की परेशानियां आ जाती हैं. लेकिन कुछ ज्योतिष उपायों को करने से देवगुरु बृहस्पति के अशुभ फल से बचा जा सकता है.



ज्योतिष के अनुसार गुरु ग्रह को अनुकूल करने के लिए केसर का उपाय करना चाहिए. बृहस्पति ग्रह की स्थिति शुभ करने के लिए हर दिन केसर का तिलक लगाना चाहिए. इसके लिए केसर के ऊपर पानी की बूंद डालकर उसके छोड़े गए रंग से अनामिका अंगुली के द्वारा मस्तक पर तिलक लगाना चाहिए.  इससे भाग्य का उदय होता है और उसका साथ मिलता है.


करियर में मिलेगी सफलता


कुंडली में ग्रह की स्थिति शुभ करने के लिए बृहस्पति के दिन पानी में हल्दी डालकर स्नान करने से  करियर में सफलता मिलती है. कहा जाता है कि ओम ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरवे नम: मंत्र का जाप करने से करियर में सफलता या तरक्की मिलने के प्रबल योग बनते हैं.


आर्थिक तंगी करें दूर


ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कुंडली में गुरु ग्रह की स्थिति अनुकूल करने के लिए गुरुवार के दिन ब्रह्म-मुहूर्त में उठकर स्नानादि करके भगवान विष्णु और लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए. गुरु वार के दिन किसी तरह के पैसे का लेनदेन करने से बचना चाहिए.