Devkinandan Thakur Ji Biography in Hindi: देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज हिंदू पुराण कथावाचक, गायक और आध्यात्मिक गुरु हैं. देवकीनंदन ठाकुर की कथा सुनने के लिए लाखों भक्तों की भीड़ जुटती है. देवकीनंदन जी देशभर में एक प्रख्यात नाम है, जो सोशल मीडिया पर भी सक्रिय रहते हैं और सोशल मीडिया पर इनके लाखों की संख्या में फॉलोअर्स हैं.


कौन हैं देवकीनंदन ठाकुर जी


देवकीनंदन ठाकुर जी ऐसे धार्मिक गुरु हैं, जिनके मधुर भजन और प्रवचन सुन आत्मा भीतर से आनंद लेती है. देवकीनंदन ठाकुर जी राधा सर्वेश्वर जी के भक्त हैं और भागवत कथा के महान प्रवक्ता हैं. इन्होंने देश-दुनिया में लोगों को आध्यात्मिकता का अनुभव कराया. जब ये 6 वर्ष के थे, तभी घर छोड़कर वृंदावन चले गए और ब्रज के रासलीला संस्थान में हिस्सा लिया. वे लगभग 26 वर्षों से कथाओं का प्रवचन देते आ रहे हैं. आइए जानते हैं देवकीनंदन ठाकुर महाराज का संपूर्ण जीवन-परिचय.



देवकीनंदन जी का जन्म और परिवार


देवकीनंदन ठाकुर जी का जन्म 12 सितंबर 1978 को कृष्ण जन्मभूमि मथुरा के मांट क्षेत्र के ओहावा गांव में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ. इनके पिता का नाम राजवीर शर्मा और माता का नाम श्रीमति अनसुईया देवी है. अपने माता-पिता से बचपन से ही देवकीनंदन जी कृष्ण भक्ति और लोक कथाएं सुनते आए और इसी का प्रभाव उनके जीवन पर भी पड़ा. देवकीनंदन ठाकुर जी की पत्नी का नाम अंदमाता है. इनका एक पुत्र भी है, जिसका नाम देवांश है.


देवकीनंदन ठाकुर जी की शिक्षा


प्रारंभिक शिक्षा के बाद देवकीनंदन जी ने अंग्रेजी में स्नातक किया और इसके बाद हिंदू सनातन संस्कृति से जुड़कर धर्म ग्रंथों का अध्ययन करने लगे. इस अध्यय के कारण उन्हें सारे धर्म ग्रंथ मुख जबानी याद हो गए. बताया जाता है कि, महज 13 साल की आयु में देवकीनंदन जी ने श्रीमद्भागवत पुराण को कंठस्थ कर लिया था.


देवकीनंदन को क्यों कहते हैं ठाकुर जी


कहा जाता है कि, देवकीनंदन जी जब घर छोड़ वृंदावन में कृष्णलीला मंडली में शामिल हुए थे तो वे कृष्ण लीला में खो जाया करते थे. इस समय वे लोगों को श्रीकृष्ण की मूर्ति की तरह प्रतीत होते थे. इस कारण लोग इन्हें ठाकुर जी कहकर पुकारने लगे. इस तरह से इनका नाम देवकीनंदन ठाकुर जी पड़ा.


देवकीनंदन जी के सराहनीय कार्य


देवकीनंदन ठाकुर जी ने 20 अप्रैल 2006 में विश्व शांति सेवा चैररिटेबल ट्रस्ट की स्थापना की. इसके जरिए वे भारत के विभिन्न जगहों पर कथाएं और शांति यात्राओं का आयोजन कर रहे हैं. साथ ही इस संस्था के गो-रक्षा अभियान, गंगा यमुना प्रदूषण मुक्त, दहेज प्रथा, जल एवं पर्यावरण संरक्षण, छुआछूत और आज के आधुनिक युग के युवाओं में भारतीय संस्कृति व संस्कारो की जानकारी देना आदि जैसे प्रमुख उद्देश्य है.


देवकीनंदन ठाकुर जी के जीवन से जुड़े तथ्य



  • देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज अब तक 900 से अधिक कथाएं कर चुके हैं.

  • देवकीनंदन जी गौ सेवा और पर्यावरण संरक्षण से जुड़े कई अभियान चला रहे हैं.

  • उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा देवकीनंदन जी को यूपी रत्न से सम्मानित किया गया था. ये सम्मान उन्हें धर्मार्थ कार्यों के लिए दिया गया.

  • इसके साथ ही ब्राह्मण महासंघ ने देवकीनंदन ठाकुर जी को अचार्यिंद्र के पद से सम्मानित किया है.

  • देवकीनंदन जी की कथाओं का लाइव टेलिकास्ट होता है, जिसे वे अपने यूट्यूब चैनल पर चलाते हैं.


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