Devshayani Ekadashi 2021: आषाढ़ मास की आखिरी एकादशी कब है? जानें, तिथि, शुभ मुहूर्त और पारण का समय
Devshayani Ekadashi 2021: आषाढ़ मास की सबसे महत्वपूर्ण एकादशी तिथि 19 जुलाई 2021 से आरंभ हो रही है. इस एकादशी की तिथि को देवशयनी एकादशी कहा जाता है.
Devshayani Ekadashi 2021 Date: देवशयनी एकादशी को हिंदू धर्म में विशेष माना गया है. इस दिन चातुर्मास का आरंभ होता है. भगवान विष्णु इस तिथि से चार मास के लिए योग निद्रा में लीन में हो जाते हैं. इसीलिए आषाढ़ मास की इस तिथि को देवशयनी एकादशी कहा जाता है. इस दिन व्रत रखने से सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूर्ण होती है.
पंचांग के अनुसार 19 जुलाइ्र 2021, सोमवार से आषाढ़ मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि आरंभ हो रही है. लेकिन एकादशी का व्रत 20 जुलाई 2021, मंगलवार को रखा जाएगा और देवशयनी एकादशी व्रत का पारण यानि समापन 21 जुलाई 2021, बुधवार के दिन द्वादशी की तिथि में किया जाएगा.
देवशयनी एकादशी व्रत का महत्व (Devshayani Ekadashi 2021 Mahatva)
एकादशी व्रत के महामात्य का वर्णन महाभारत की कथाओं में मिलता है. मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण ने धर्मराज युधिष्ठिर और अर्जुन को इस व्रत के बारे में विस्तार से बताया था. धर्मराज युधिष्ठिर ने भगवान श्रीकृष्ण के कहने पर ही एकादशी व्रत को विधिवत धारण और पारण किया था. जिसके फलस्वरूप मोक्ष की प्राप्ति हुई थी. एकादशी का व्रत सभी व्रतों में श्रेष्ठ माना गया है. इस व्रत को विधि पूर्वक पूर्ण करने से जीवन में सुख समृद्धि और शांति आती है. इसके साथ ही हर प्रकार की परेशनी दूर होती है. इस एकादशी को इन नामों से भी जानते हैं-
- आषाढ़ी एकादशी
- पद्मा एकादशी
- हरिशयनी एकादशी
- देवशयनी एकादशी
देवशयनी एकादशी व्रत का शुभ मुहूर्त
- देवशयनी एकादशी तिथि प्रारम्भ - जुलाई 19, 2021 को 09:59 पी एम बजे
- देवशयनी एकादशी समाप्त - जुलाई 20, 2021 को 07:17 पी एम बजे
- देवशयनी एकादशी व्रत पारण- जुलाई 21, 05:36 ए एम से 08:21 ए एम
चातुर्मास का आरंभ (Chaturmas 2021)
देवशयनी एकादशी की तिथि से चातुर्मास का आरंभ होता है. चातुर्मास में देवताओं का शयनकाल आरंभ होता है. जिस कारण मांगलिक और शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं. चातुमार्स का समापन देवउठनी एकादशी पर होता है. इस एकादशी की तिथि को भगवान विष्णु योग निद्रा से बाहर आते हैं. चातुर्मास के समाप्त होते ही मांगलिक और शुभ कार्य प्रारंभ हो जाते हैं. शादी विवाह और मुंडन आदि कार्य किए जाते हैं.