Samudra Manthan: देवताओं और असुरों के बीच क्यों हुआ था समुद्र मंथन, इस मंथन से कौन से रत्नों की हुई थी प्राप्ति, जानें कथा
Samudra Manthan Katha: धनतरेस को भगवान धन्वंतरि के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है, जिनकी उत्पत्ति समुद्र मंथन से हुई थी. समुद्र मंथन करने के पीछे क्या है कारण और इसमें से कौन से 14 रत्न निकले थे.
Samudra Manthan Katha, Dhanteras 2022: धनतरेस (Dhantera 2022) पर भगवान धन्वंतरि की पूजा का विधान है. 22 अक्टूबर 2022 को शाम 7.10 से रात 8.24 तक कुबेर देवता, मां लक्ष्मी और देवताओं के वेद्य भगवान धन्वंतरि की पूजा का शुभ मुहूर्त है. इस दिन को भगवान धन्वंतरि के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है.
पौराणिक कथा के अनुसार भगवान धन्वंतरि का उत्पत्ति समुद्र मंथन से हुई है. मंथन के दौरान 14 अनमोल रत्नों की प्राप्ति हुई थी जिसमें चौदहवे रत्न के रूप में भगवान धन्वंतरि समुद्र से हाथ में अमृत कलश लेकर निकले थे, लेकिन सुद्रथ मंथन क्यों हुआ था और इसमें से कौन से 14 रत्न निकले थे. आइए जानते हैं.
समुद्र मंथन क्यों हुआ था ?
समुद्र मंथन का वर्णन विष्णु पुराण और श्रीमद भगावतपुराण में मिलता है. कथा के अनुसार महर्षि दुर्वासा ने तीनों लोकों को श्रीहीन होने का श्राप दे दिया था. परिणाम स्वरूप अष्टलक्ष्मी क्षीर सागर में विलुप्त हो गई थी. भगवान विष्णु ने देवताओं को श्री की पुन: स्थापना और असुरों को अमृत का लोभ देकर समुद्र मंथन के लिए तैयार कर लिया.
'श्री' की स्थापना के लिए हुआ समुद्र मंथन
मंथन के लिए मंदारपर्वत को मथनी और महादेव के गले की शोभा वासुकी नाग को रस्सी बनाया गया. वासुकी के मुख की ओर असुर और पूंछ को देवताओं ने पकड़ लिया. श्रीहरि विष्णु ने कछुए का रूप धारण कर मंदारपर्वत को अपनी पीठ पर रख लिया. कई वर्षों तक समुद्र मंथन चला जिसमें से 14 अनमोल रत्न निकले. सबसे पहले हलाहल विष निकला जिसे महादेव ने पी लिया, इसके कारण भोलेनाथ का कंठ नीला पड़ गया था तभी से उन्हें नीलकंठ कहा जाता है. इसके बाद तेरह और रत्न निकले सबसे आखिरी में मां लक्ष्मी प्रकट हुईं. देवी लक्ष्मी के वापस आते ही देवताओं और असुरों के धन और गहने वापस आ गए.
समुद्र मंथन से प्राप्त 14 रत्न
- विष
- घोड़ा
- ऐरावत हाथी
- कौस्तुभ मणि
- कामधेनु गाय
- पारिजात पुष्प
- लक्ष्मी जी
- अप्सरा रंभा
- कल्पतरु वृक्ष
- वारुणी देवी
- पाच्चजन्य शंख
- चंद्रमा
- भगवान धन्वंतरी
- अमृत
Dhanteras 2022: धनतेरस पर 3 दीपक दूर करेंगे जीवन के सारे दुख, जानें कैसे - कहां जलाएं
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.