Dhanteras 2021: धनतेरस पर लक्ष्मी पूजन घर में ला सकता है अपार धन-वैभव, जानें पूजा सामग्री
Dhanteras Pooja Vidhi 2021: धनतेरस के दिन शुभ खरीदारी के साथ मां लक्ष्मी की पूजा का भी विशेष प्रावधान और लाभ है. आइए जानते हैं मां लक्ष्मी की पूजन विधि और जरूरी पूजन सामग्री.
Dhanteras Pooja Vidhi 2021: मान्यता है कि धनतेरस के दिन ही मां लक्ष्मी (Maa laxmi) क्षीर सागर मंथन के दौरान प्रकट हुई थीं. इसीलिए इस दिन लक्ष्मी पूजन बेहद शुभ और जरूरी माना जाता है. धनतेरस पर मां लक्ष्मी के साथ महालक्ष्मी यंत्र की पूजा भी होती है. हर साल कार्तिक तेरस यानी 13वें दिन धनतेरस होता है. धनतेरस धनत्रयोदशी (Dhantrayodashi), धन्वंतरि त्रियोदशी (Dhanwantari Triodasi) या धन्वंतरि जयंती (Dhanvantri Jayanti) भी कही जाती है. आप भी धनतेरस पर मां लक्ष्मी की घर में पूजा कर सकते हैं.
पूजा सामग्री
कपूर, केसर, यज्ञोपवीत, कुमकुम, चावल, अबीर, गुलाल, अभ्रक, हल्दी, सौभाग्य द्रव्य, मेहंदी, चूड़ी, काजल, पायजेब, बिछुड़ी, नाड़ा, रुई, रोली, सिंदूर, सुपारी, पान पत्ता, पुष्पमाला, कमलगट्टे, धनिया खड़ा, सप्तमृत्तिका, सप्तधान्य, कुशा, दूर्वा, पंच मेवा, गंगाजल, शहद (मधु), शकर, घृत (शुद्ध घी), दही, दूध, ऋतुफल, (गन्ना, सीताफल, सिंघाड़े इत्यादि), नैवेद्य या मिष्ठान्न (पेड़ा, मालपुए इत्यादि), इलायची (छोटी), लौंग, मौली, इत्र शीशी, तुलसी दल, सिंहासन (चौकी, आसन), पंच पल्लव (बड़, गूलर, पीपल, आम और पाकर के पत्ते), औषधि (जटामॉसी, शिलाजीत आदि), लक्ष्मीजी का पाना (अथवा मूर्ति), गणेश मूर्ति, सरस्वतीजी चित्र, चांदी सिक्का, लक्ष्मीजी को अर्पित करने हेतु वस्त्र, गणेशजी को अर्पित करने हेतु वस्त्र, अम्बिका को अर्पित करने हेतु वस्त्र, जल कलश (तांबे या मिट्टी का), सफेद कपड़ा (आधा मीटर), लाल कपड़ा (आधा मीटर), पंच रत्न (सामर्थ्य अनुसार) दीपक, बड़े दीपक के लिए तेल, ताम्बूल (लौंग लगा पान का बीड़ा), श्रीफल (नारियल), धान्य (चावल, गेहूं), लेखनी (कलम), बही-खाता, स्याही की दवात, तुला (तराजू), पुष्प (गुलाब एवं लाल कमल), एक नई थैली में हल्दी की गांठ, खड़ा धनिया, दूर्वा आदि, खील-बताशे, अर्घ्य पात्र.
मां लक्ष्मी पूजन विधि
1. लाल कपड़ा बिछाकर मुट्ठी भर अनाज रखें. अनाज पर चांदी, तांबा या मिट्टी का कलश स्थापित करें.
2. कलश में तीन चौथाई पानी भरकर थोड़ा सा गंगाजल मिला लें.
3. कलश में फूल, अक्षत, सिक्का और सुपारी डालें. ऊपर पांच आम के पत्ते लगाएं. इनके ऊपर धातु के बर्तन में धान भरकर रखें.
4. धान पर हल्दी से कमल फूल बनाएं और मां लक्ष्मी को बैठाकर आगे कुछ सिक्के रख दें.
5. कलश के सामने दक्षिण-पूर्व दिशा में दाईं ओर गणेशजी की मूर्ति रखें.
6. आप जो भी काम करते हैं, उससे संबंधित सामान या साधन पूजा स्थल पर रख दें.
7. पूजा शुरू करते हुए पानी हल्दी और कुमकुम अर्पित कर नीचे दिए गए मंत्र का उच्चारण करें
ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलिए प्रसीद-प्रसीद
ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मिये नम:
8. हाथों में फूल ले आंख बंद करें, मां लक्ष्मी का ध्यान कर फूल चढ़ाए.
9. गहरे बर्तन या थाली में लक्ष्मी प्रतिमा को पंचामृत (दही, दूध, शहद, घी और चीनी मिश्रण) से स्नान कराएं. इसके बाद पानी में आभूषण या मोती डालकर स्नान कराएं.
10. प्रतिमा को पोंछकर कलश के ऊपर बर्तन में रख दें. चाहें तो सिर्फ पंचामृत और पानी छिड़ककर भी स्नान करा सकते हैं.
11. अब मां लक्ष्मी की प्रतिमा को चंदन, केसर, इत्र, हल्दी, कुमकुम, अबीर और गुलाल अर्पित करें.
12. मां की प्रतिमा पर फूलों का हार चढ़ाएं. बेल पत्र और, गेंदा फूल अर्पित कर धूप जलाएं.
13. अब मिठाई, नारियल, फल, खीले-बताशे अर्पित करें.
14. प्रतिमा पर धनिया और जीरे के बीज छिड़कें.
15. आप घर में जिस जगह पैसे, जेवर रखते हैं वहां पूजा कर मां लक्ष्मी का एकाग्र ध्यान करते हुए आरती उतार लें.
इन्हें पढ़ें :
Mahima Shani Dev Ki: जानिए शनिदेव का मां संध्या ने क्यों काटा पैर? किसने दी नई जिंदगी
Chhath Pooja: छठी मईया को इन छह फलों का प्रसाद चढ़ाना कभी न भूलें