Dhanteras 2021: धनतेरस के दिन खरीदे गए बर्तन को खाली रखना होता है अशुभ, इन चीजों से भरें बर्तन
Dhanteras 2021: कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को देशभर में धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है. कहते हैं कि इस दिन से 5 दिवसीय दिवाली की शुरुआत हो जाती है.
Dhanteras 2021: कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी (Kartik Month Triyodashi) को देशभर में धनतेरस का त्योहार (Dhanteras Festival) मनाया जाता है. कहते हैं कि इस दिन से 5 दिवसीय दिवाली (Diwali) की शुरुआत हो जाती है. धनतेरस के दिन भगवान धनवंतरी (Lord Dhanvantri) की पूजा-अर्चना की जाती है. इस दिन भगवान धनवंतरी का जन्म (Dhanvantri Janam) हुआ था, जिसे धनतेरस के नाम से मनाया जाता है. धनतेरस को धनवंतरी जयंती (Dhanvantri Jayanti) और धन त्रयोदशी (Dhan Triyodashi) के नाम से भी जाना जाता है. इस बार धनतेरस 2 नवंबर (Dhanteras On 2 November) के दिन मनाई जाएगी. मान्यता है कि धनतेरस के दिन लोग खूब खरीददारी करते हैं. इस दिन सोना, चांदी, बर्तन, कपड़े आदि खरीदने की परंपरा है. कहते हैं कि इस दिन खरीदी गई चीजें कई गुना वृद्धि करती हैं. इसलिए इन चीजों की खरीदा जाता है. बहुत बड़ी मात्रा में इस दिन लोग बर्तन खरीद कर घर लाते हैं.
धनतेरस के दिन बर्तन खरीदना (Dhanteras Shopping Untensils) भी बहुत ही शुभ माना जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं इस दिन बर्तन खरीद कर कभी भी खाली हाथ घर नहीं आना चाहिए. इस दिन खाली बर्तन लाना अशुभ माना जाता है. इसलिए घर लाते ही या तो इसे तुरंत भर लें या फिर बाहर से इसे भरकर घर में लाएं. कहते हैं कि ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि की वर्षा होती है. इस बात की जानकारी वैसे बहुत ही कम लोगों को होती है. चलिए हम आपको बताते हैं कि इस दिन बर्तनों में क्या-क्या चीजें भरी जा सकती हैं.
इन चीजों से भरे बर्तन
- अगर आप धनतेरस के दिन घर पर कोई बर्तन खरीद कर ला रहे हैं, तो उसे जल से भर सकते हैं. मान्यता है कि जल को भाग्य का प्रतीक होता है, इसलिए जल से भरें.
- वहीं, इसके अलावा घर लाए गए बर्तनों को गुड़, शक्कर, चावल, दूध, गुड़ और गेहूं, शहद से भी भरा जा सकता है.
- धनतेरस के दिन बर्तनों को सिक्के से भरना भी शुभ होता है. इसके अलावा आप चांदी के सिक्के भी बर्तन में भरकर रख सकते हैं.
यूं शुरू हुई बर्तन खरीदने की परंपरा
पौराणिक कथा के अनुसार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन समुद्र-मंथन के दौरान भगवान धनवंतरी अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे, इसलिए इस तिथि को धनतेरस या धनत्रयोदशी के नाम से जाना जाता है. भगवान धनवंतरी क्योंकि इस दिन हाथ में कलश लेकर प्रकट हुए थे, इसलिए इस दिन कलश या कोई और बर्तन खरीदने की परंपरा शुरू हो गई.
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