Dhanteras 2021: इस साल धनतेरस का पर्व 2 सितंबर 2021 मंगलवार को मनाया जाएगा. पंचाग के अनुसार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की त्रियोदश के दिन धनतेरस मनाई जाती है. धनतेरस से ही पांच दिन तक चलने वाले त्योहारों की शुरुआत हो जाती है.  इस पर्व का संबंध धन और समृद्धि से है. इस दिन भगवान धनवंतरि की पूजा (dhanvantri puja) की जाती है. इसके पीछे भी एक कारण है, जिसका जिक्र पुराणों में किया गया है. ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान धनवंतरि का जन्म हुआ था. इसी कारण इसे धनवंतरि जयंती और धन त्रियोदशी के नाम से भी जाना जाता है. 


धनतेरस का महत्व (significance of dhanteras)
धनतेरस के दिन धनवंतरि देव और लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है. इस दिन गहने, बर्तन, चांदी और वाहन आदि खरीदने को शुभ माना गया है. कहा जाता है कि इससे घर में सकारात्मकता आती है. लक्ष्मी जी को धन की देवी  कहा जाता है और उनकी कृपा से वैभव, सुख, समृद्दि प्राप्त होती है. ऐसा माना जाता है कि लक्ष्मी जी के आशीर्वाद से जीवन के कष्ट, परेशानियां आदि सब दूर हो जाती हैं. इस दिन शुभ मुहूर्त  (shubh muhrat) में धनवंतरि और लक्ष्मी जी की पूजा करने विशेष कृपा प्राप्त होती है. इतना ही नहीं, इस दिन धन के देवता कुबेर की पूजा (kuber pujan on dhanteras)भी पूरे विधि-विधान से किए जाने का विधान है. 


धनतेरस से जुड़ी कथा (dhanteras katha)
पौराणिक मान्यता के अनुसार धनवंतरि देव का जन्म धनतेरस (Dhanvantri Birth on Dhanteras)के दिन समुद्र मंथन से हुआ था. कार्तिक मास की त्रियोदशी तिथि के दिन धनवंतरि प्रकट हुए थे. ऐसा माना जाता है कि धनवंतरि भगवान विष्णु के ही अवतार हैं. धनवंतरि देव को भगवान विष्णु का 12वां अवतार माना गया है. इतना ही नहीं, धनवंतरि को आयुर्वेद का जन्मदाता भी कहा जाता है इसलिए उन्हें देव चिकित्सक का दर्जा दिया गया है. भगवान धनवंतरि ने कई ग्रंथो की रचना भी की है. आयुर्वेद का मूल ग्रंथ धनवंतरि संहिता की रचना भी धनवंतरि देव ने की थी.


धनतेरस का पूजन का शुभ मुहूर्त और समय (Dhanteras Pujan Shubh Muhrat and Time)
धनतेरस तिथि- 02 नवंबर 2021, मंगलवार 
प्रदोष काल- शाम 05:35 से 08:11 तक
वृषभ काल- शाम 06:18 से शाम 08:14 तक
धनतेरस 2021 पूजन शुभ मुहूर्त- शाम 06:18 से 08:11 तक


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