Dhanteras 2022 Live: आज है धनतेरस, जानें शॉपिंग के लिए शुभ मुहूर्त और पूजा मंत्र

Dhanteras 2022 Live: आज धनतेरस पूरे देश में बढ़े उत्साह से मनाई जा रही है. इस दिन इस दिन विभिन्न प्रकार की शुभ वस्तुये खरीदने की परंपरा है. आइये जानें शोपिंग करने का शुभ मुहूर्त और समय

ABP Live Last Updated: 23 Oct 2022 06:52 PM
धनतेरस के दिन धनवंतरि को घी का दीपक अर्पित करें
धनतेरस के दिन भगवान धनवंतरि का जन्म दिवस भी होता है, इसलिए धनतेरस को ' धनवंतरि जयंती के रूप में भी मनाया जाता है. इस दिन भगवान धनवंतरि जी के समक्ष घी का दीपक जलाना चाहिए. मान्यता है कि इस दिन धनवंतरि के साथ मां लक्ष्मी और कुबेर का पूजन करने से धन-धान्य की कोई कमी नहीं होती और जीवन में, धन, संपत्ति, समृद्धि आती है.
धनतेरस को मनाने से जुड़ी यह मान्यता

कथा के अनुसार, भगवान विष्णु ने वामन अवतार लेकर देवताओं को राजा बलि के भय से मुक्ति कराया था. शुक्राचार्य ने वामन रूप में भगवान विष्णु को पहचान लिया और राजा बलि से कहा कि वामन कुछ भी मांगे तो देने से इंकार कर देना, लेकिन बालि ने शुक्राचार की बात मानने से इंकार कर दिया. जब बलि वामन को तीन पद भूमि देने के लिए कमंडल से जल लेकर संकल्प करने लगे. तब बलि को रोकने के लिए शुक्राचार्य राजा बलि के कमण्डल में लघु रूप धारण करके प्रवेश कर गए.


तब वामन भगवान ने अपने हाथ में रखा कुशा को कमंडल में ऐसे रखा कि शुक्राचार्य की एक आँख फूट गयी.  इसके बाद राजा बलि ने संकल्प लेकर तीन पग भूमि वामन भगवन को दान कर दी. इस प्रकार वामन भगवान ने देवताओं को बलि के भय से मुक्त कराया और बलि ने जो धन संपत्ति बलि ने ले ली थी. उन्हें उससे कई गुना धन वापस मिल गई. इस कारण से भी धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है.

धनतेरस का त्योहार क्यों मनाया जाता है?

धनतेरस के दिन भगवान धनवंतरी समुद्र मंथन के दौरान हाथों में अमृत से भरा स्वर्ण कलश लेकर प्रकट हुए थे. धनवंतरी के जन्म के उपलक्ष्य में ही धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है. धनवंतरी के जन्म के दो दिनों बाद देवी लक्ष्मी प्रकट हुई इसलिए दीपावली से दो दिन पहले धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है.

धनतेरस के दिन लाई हुई झाड़ू को भूलकर भी खोलकर न रखें 

धनतेरस के दिन लाई गई झाड़ू को कभी भी खुला ना रखें. मान्यता है कि इससे घर में कलेश पैदा होता है. और  आर्थिक तंगी बनी रहती है. इसलिए धनतेरस के दिन लाई हुई झाड़ू को हमेशा ढककर रखना चाहिए.

आज लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति खरीदते समय इन बातों का रखें ध्यान

  • मां लक्ष्मी और भगवान श्रीगणेश जी उस मूर्ति को खरीदना चाहिए जो बैठी मुद्रा में नजर आ रही हो. खड़ी मुद्रा में मूर्ति लाना अशुभ माना जाता है. इस लिए ऐसी मूर्ति को खरीदकर घर न लायें.

  • गणेशजी की मूर्ति खरीदते समय उनकी सूंड को विशेष रूप से चेक करें. जिस मूर्ति में उनकी सूंड बांयी ओर झुकी हो. गणेशी जी कि उसी मूर्ति को लेनी चाहिए. मान्यता है कि ऐसी मूर्ति की पूजा करने से भगवान गणेश जी जल्द प्रसन्न होते हैं. इसके साथ ही इस बात का ध्यान रखें कि सूंड़ में दो घुमाव न हो.

धनतेरस की पूजा पर भगवान धन्वंतरि जरूर जपें ये मंत्र

  • नमो भगवते महासुदर्शनाय वासुदेवाय धन्वंतराये:

  • अमृतकलश हस्ताय सर्व भयविनाशाय सर्व रोगनिवारणाय

  • त्रिलोकपथाय त्रिलोकनाथाय श्री महाविष्णुस्वरूप

  • श्री धनवंतरी स्वरूप श्री श्री श्री औषधचक्र नारायणाय नमः॥

  • श्री धनवंतरी स्वरूप श्री श्री श्री औषधचक्र नारायणाय नमः॥

धनतेरस के दिन झाड़ू खरीदते समय न करे ये गलतियां

  • धनतेरस के दिन खरीदी गई झाड़ू का भूलकर भी तिरस्कार न करें. इसे पैर न हटायें. इससे मां लक्ष्मी नाराज होती हैं.

  • धनतेरस को झाडू खरीदते समय झाड़ू की हैंडल पर एक सफेद धागा जरूर बांध लें.

  • धनतेरस के दिन एक साथ तीन झाड़ू खरीदना बहुत शुभ माना जाता है.

धनतेरस को श्री यंत्र घर पर लायें

धनतेरस के दिन प्राण प्रतिष्ठित रसराज पारद श्री यंत्र घर में लाना बेहद शुभ होता है. ऐसा माना जाता है कि इस दिन श्रीयंत्र खरीदने से मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है और घर में सुख.समृद्धि बनी रहती है.

धनतेरस पूजा विधि

धनतेरस के दिन पूजा स्थल स्वच्छ और साफ़ करके संध्या काल के दौरान शुभ मुहूर्त में उत्तर दिशा में मां लक्ष्मी, भगवान धनवंतरी और कुबेर जी की स्थापना करें. इसके बाद घी का दीपक जलाएं और चंदन या कुमकुम का तिलक लगाएं. अब ॐ ह्रीं कुबेराय नमः मंत्र का 108 बार जाप करें और धनवंतरी स्तोत्र का पाठ करें. अब कुबेर जी को सफेद मिठाई और धनवंतरी को पीली मिठाई का भोग लगाएं. इस दिन मां लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा जरूर करें  तथा उन्हें फल, फूल, मिठाई अर्पित आरती करें. अंत में प्रसाद वितरण करें .

धनतेरस के दिन नई झाडू खरीदना होगा शुभ

धनतेरस के दिन नई झाडू खरीदकर उसका पूजन करें और इसे खरीदते समय इस बात का विशेष ध्यान रखें कि यह विषम संख्या में खरीदा जाएं यानि 1 3 या 5 इस तरीके से झाड़ू खरीदना सौभाग्यदायक माना जाता है. दीपावली की रात्रि में लक्ष्मी पूजन के बाद कुंकुंम तथा चावल से इस झाडू का भी पूजन करें और उस पर पांच बार मोली लपेट दें और किसी स्वच्छ स्थान पर रख दें.

27 साल बाद धनतेरस पर बना है यह विशेष संयोग

ज्योतिषविदों के अनुसार, इस साल कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी 22 और 23 अक्टूबर दो दिन प्रदोष व्यापिनी है. इन दोनों दिन प्रदोषकाल लगभग शाम 5.45 से रात्रि 8.20 बजे तक रहेगा. यदि दोनों दिन त्रयोदशी प्रदोष व्यापिनी हो तो दूसरे दिन ही मान्य होगी. ऐसे में पहले दिन रात में और दूसरे दिन दिनभर खरीदारी होगी. उदया तिथि के अनुसार भी 23 अक्टूबर को धनतेरस मनाई जाएगी.

धनतेरस को कुबेरजी की पढ़े यह आरती होगी धन वृद्धि

कुबेरजी की आरती  


ॐ जय यक्ष कुबेर हरे,


स्वामी जय यक्ष जय यक्ष कुबेर हरे।


शरण पड़े भगतों के, भण्डार कुबेर भरे।


॥ ॐ जय यक्ष कुबेर हरे...॥


शिव भक्तों में भक्त कुबेर बड़े, स्वामी भक्त कुबेर बड़े।


दैत्य दानव मानव से, कई-कई युद्ध लड़े ॥ ॐ जय...॥


स्वर्ण सिंहासन बैठे, सिर पर छत्र फिरे, स्वामी सिर पर छत्र फिरे।


योगिनी मंगल गावैं, सब जय जय कार करैं॥ ॐ जय...॥


गदा त्रिशूल हाथ में, शस्त्र बहुत धरे, स्वामी शस्त्र बहुत धरे।


दुख भय संकट मोचन, धनुष टंकार करे॥ ॐ जय...॥


भांति भांति के व्यंजन बहुत बने,


स्वामी व्यंजन बहुत बने।


मोहन भोग लगावैं,


साथ में उड़द चने॥ ॐ जय...॥


बल बुद्धि विद्या दाता,


हम तेरी शरण पड़े,


स्वामी हम तेरी शरण पड़े,


अपने भक्त जनों के,


सारे काम संवारे॥ ॐ जय यक्ष...॥


मुकुट मणी की शोभा,


मोतियन हार गले,


स्वामी मोतियन हार गले।


अगर कपूर की बाती,


घी की जोत जले॥ ॐ जय यक्ष...॥


यक्ष कुबेर जी की आरती,


जो कोई नर गावे,


स्वामी जो कोई नर गावे ।


कहत प्रेमपाल स्वामी,


मनवांछित फल पावे॥ ॐ जय यक्ष...॥

धनतेरस पर पूजा का मुहूर्त

त्रयोदशी तिथि 22 अक्टूबर को शाम 06 बजकर 02 मिनट से आरम्भ हो गई है. धनतेरस का त्योहार शुरू  हो गया है. इस बार धनएर्स का पर्व दो दिन यानि 22 और 23 अक्टूबर को मनाया जाएगा. आज 23 अक्तूबर को त्रयोदशी तिथि शाम 06 बजकर 03 मिनट तक रहेगी. इस लिए आज पूरे दिन धन-तेरस पर पूजा-पाठ के साथ शुभ चीजों की खरीदारी की जा सकती है.

धनतेरस पर इन चीजों को देखने से होता है शुभ

धनतेरस पर सफेद बिल्ली का नजर आना बहुत शुभ माना जाता है. शकुन शास्त्र के अनुसार ये लंबे समय से अटके हुए कार्य या इस दिन कोई भी शुभ काम बिना बाधा के पूरे होने का संकेत माना जाता है.

धनतेरस 2022 पूजा मुहूर्त (Dhanteras 2022 Puja Muhurat)

आज धनतेरस के दिन पूजा इस मुहूर्त में करना अति लाभदायी होगा. 



  • धन्वंतरि पूजा प्रात: मुहूर्त - सुबह 06.30 - सुबह 08.50 (22 अक्टूबर 2022)

  • धनतेरस पूजा मुहूर्त - शाम 7.31 - रात 8.36 (22 अक्टूबर 2022)

  • यम दीपम मुहूर्त - शाम 06.07 - रात 07.22 (22 अक्टूबर 2022)

बैकग्राउंड

Dhanteras 2022 Live: आज धनतेरस का शुभ त्योहार पूरे देश में मनाया जा रहा है. इसे धनत्रयोदशी भी कहा जाता है. यह त्योहार हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है. पंचांग के अनुसार कृष्ण त्रयोदशी तिथि 22 अक्टूबर शनिवार को शाम 6 बजकर 03 मिनट पर शुरू हो रही है, जो 23 अक्टूबर रविवार को शाम 6 बजकर 04 मिनट तक रहेगी. ऐसे में धनतेरस 22 और 23 अक्टूबर को मनाई जा रही है.


धनतेरस के दिन सोना, चांदी, पीतल, झाड़ू, बर्तन आदि विभिन्न प्रकार की शुभता प्रदान करने वाली चीजें खरीदने की परंपरा है. मान्यता है कि इस दिन इन चीजों को खरीदने से घर में सुख-समृद्धि और धन-वैभव की प्राप्ति होती है.


धनतेरस के दिन खरीदारी करते समय इन बातों का रखें ध्यान



  • धनतेरस के दिन घर को खाली न छोड़ें. मान्यता है कि ऐसा करने पर मां लक्ष्मी नाराज होती हैं. इनकी नाराजगी से घर में तंगी आती है.

  • धनतेरस के दिन उधार के पैसों से कोई वस्तु नहीं खरीदना चाहिए. ये अशुभ माना गया है. सामर्थ्य अनुसार ही शॉपिंग करें.

  • मां लक्ष्मी को सफेद रंग की वस्तु जैसे दूध, दही, घी, चावल, सफेद मिठाई अति प्रिय है. धनतेरस के दिन इन चीजों का दान नहीं करना चाहिए. इससे सौभाग्य में कमी आती है. इन चीजों के दान के साथ मां लक्ष्मी भी घर से चली जाती हैं.

  • धनत्रयोदशी के दिन पैसों का लेने-देन वर्जित माना गया है. इस दिन खरीदारी कर धन और उन्नति की कामना करता है.


धनतेरस 2022 पूजा मुहूर्त (Dhanteras 2022 Puja Muhurat)



  • धन्वंतरि पूजा प्रात: मुहूर्त - सुबह 06.30 - सुबह 08.50 (22 अक्टूबर 2022)

  • धनतेरस पूजा मुहूर्त - शाम 7.31 - रात 8.36 (22 अक्टूबर 2022)

  • यम दीपम मुहूर्त - शाम 06.07 - रात 07.22 (22 अक्टूबर 2022)


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