Dhanteras 2022 Dhanvantari Puja: धनतेरस यानी की धनत्रयोदशी हर साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाई जाती है. धनतेरस पर मां लक्ष्मी,कुबेर देवता की पूजा का विधान है, साथ ही यह दिन भगवान धन्वंतरि की जन्मोत्सव के रूप में भी मनाया जाता है.


भगवान धन्वंतरि को देवों के चिकित्सक माना गया है. धनतेरस पर इनकी आराधना से आरोग्य की प्राप्ति होती है. इस साल धनतेरस 22 अक्टूबर 2022 को है. आइए विस्तार से जानते हैं आयुर्वेद के जनक कहे जाने वाले भगवान धन्वंतरि कौन थे, और कैसे करें धनतेरस पर इनकी पूजा.


कौन थे भगवान धन्वंतरि ? (Who is Lord Dhanvantari)


भगवान धन्वंतरि श्रीहरि विष्णु के 24 अवतारों में से 12वें अवतार माने गए हैं. पौराणिक कथा के अनुसार भगवान धन्वंतरि की उत्पत्ति समुद्र मंथन के दौरान हुई थी. समुद्रमंथन के समय चौदह प्रमुख रत्न निकले थे जिनमें चौदहवें रत्न के रूप में स्वयं भगवान धन्वन्तरि प्रकट हुए जिनके हाथ में अमृतलश था. चार भुजाधारी भगवान धन्वंतरि के एक हाथ में आयुर्वेद ग्रंथ, दूसरे में औषधि कलश, तीसरे में जड़ी बूटी और चौथे में शंख विद्यमान है.


आयुर्वेद के जनक कहलाए भगवान धन्वंतरि (Dhanvantari Puja Significance)


भगवान धन्वंतरी ने ही संसार के कल्याण के लिए अमृतमय औषधियों की खोज की थी.  दुनियाभर की औषधियों पर भगवान धन्वंतरि ने अध्ययन किया, जिसके अच्छे-बुरे प्रभाव आयुर्वेद के मूल ग्रंथ धन्वंतरि संहिता में बताए गए हैं. यह ग्रंथ भगवान धन्वंतरि ने ही लिखा है. महर्षि विश्वामित्र के पुत्र सुश्रुत ने इन्हीं से आयुर्वेदिक चिकित्सा की शिक्षा प्राप्त की और आयुर्वेद के 'सुश्रुत संहिता' की रचना की.


धनतेरस 2022 मुहूर्त (Dhanvantari Puja 2022 Muhurat)


धन्वंतरि देवी की पूजा मुहूर्त – रात 7.10 – रात 8.24 (22 अक्टूबर 2022)


पूजा अवधि – 1 घंटा 14 मिनट


धनतेरस पर कैसे करें भगवान धन्वंतरि की पूजा (Dhanvantari Puja Vidhi)



  • धनतेरस पर प्रदोष काल में पूजा का विधान है. इस दिन न सिर्फ धन बल्कि परिवार और अपने आरोग्य रूपी धन की कामना के लिए भगवान धन्वंतरि का पूजन करना चाहिए. अच्छा स्वास्थ ही मनुष्य की सबसे बड़ी पूंजी है. धनतेरस पर भगवान धन्वंतरि की पूजा से सेहत लाभ मिलता है.

  • उत्तर-पूर्व दिशा में पूजा की चौकी लगाकर उसपे श्रीहरि विष्णु की मूर्ति या फिर धन्वंतरि देव की तस्वीर स्थापित करें.

  • मूर्ति का पूजन कर रहे हैं तो भगवान धन्वंतरि का स्मरण कर अभिषेक करें. षोडशोपचार विधि से पूजन करें. पीले रंग

  • उत्तम सेहत और रोगों के नाश की प्रार्थना कर 'ॐ नमो भगवते धन्वंतराय विष्णुरूपाय नमो नमः का 108 बार जाप करें.


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