Dhanteras 2022 Shubh Muhurt: ज्योर्तिमय दीप पर्व पर आपको तथा आपके परिवारजनों को हार्दिक बधाई, शुभकामनाएं. यह दीपावली आपके जीवन में अन्नत कोटि खुशियां तथा सुख-समृद्धि लाए यही मेरी मंगलकामना है.


या श्रीः स्वयं सुकृतिनां भुवनेष्व लक्ष्मीः पापत्मना कृतधियां हृदयेषु बुद्धिः श्रद्धा सतां कुलजन प्रभवस्य लज्जा, तां त्वां नताः स्म परिपालय देविविश्वम् ..


धनतेरस पर इस समय करें यमदीपदान


23 अक्टूबर 2022 धनतेरस के दिन सुबह 10 बजकर 15 मिनट से दोपहर 12 बजकर 15 मिनट तक लाभ - अमृत का चौघड़ियां. इसके बाद दोपहर 2 से 3 बजे तक शुभ का चौघड़िया रहेगा. इस शुभ मुहूर्त में आप खरीददारी करें, शुभ रहेगा. वहीं इस दिन रवि प्रदोष होने से प्रदोष वेला का विशेष महत्व रहेगा.


सांयकाल 5 बजकर 56 से रात्रि 8 बजकर 32 मिनट तक प्रदोष वेला है. इस दौरान आप आटे का चौमुखी तेल का दीपक बनाकर उसे अपने घर के मुख्य द्वार पर दक्षिण दिशा की तरफ लगाये, साथ ही उसमें थोड़ी सरसों व 13 साबुत काली मिर्च डाल दें और ध्यान रहें व दीपक रात भर जलता रहें.


इसी के साथ ही आप दीपदान अवश्य करें. साथ ही किसी जरूरतमंद को दीपक, रूई, तेल, माचिस दान देते हैं तो यम देवता प्रसन्न होंगे और आपके जीवन से अकाल मृत्यु का भय भी समाप्त हो जाएगा और माँ लक्ष्मी की कृपा आप पर सदैव बनी रहेगी.


धनतेरस या दीपावली के दिन नई झाडू खरीदकर उसका पूजन करें और इसे खरीदते समय इस बात का विशेष ध्यान रखें कि यह विषम संख्या में खरीदा जाएं यानि 1 3 या 5 इस तरीके से झाड़ू खरीदना सौभाग्यदायक माना जाता है. दीपावली की रात्रि में लक्ष्मी पूजन के बाद कुंकुंम तथा चावल से इस झाडू का भी पूजन करें और उस पर पांच बार मोली लपेट दें और किसी स्वच्छ स्थान पर रख दें. फिर अगले दिन से उसे उपयोग में लें.


सूर्य ग्रहण 2022


इस बार विशेष बात ये है कि सैकड़ों वर्ष बाद दीपावली के दूसरे दिन सूर्य ग्रहण है. 25 अक्टूबर की शाम 4 बजकर 31 मिनट से सूर्य ग्रहण शुरू होकर शाम 5 बजकर 57 मिनट पर खत्म होगा.जिन जगहों पर ग्रहण खत्म होने से पहले सूर्य अस्त होगा, वहां सूर्यास्त के साथ ही ग्रहण भी खत्म हो जाएगा.


दीपावली की लक्ष्मी पूजा और सूर्यग्रहण


दीपावली की लक्ष्मी पूजा में वृषभ और सिंह लग्न कोई विघ्न नहीं क्योंकि सूर्य ग्रहण का सूतक ग्रहण शुरू होने से 12 घंटे पहले शुरू हो जाता है और सूर्य ग्रहण का सूतक 25 अक्टूबर को सुबह 4 बजकर 31 मिनट से शुरू हो रहा है. इसलिए 24 अक्टूबर प्रदोष काल, वृषभ लग्न, सिंह लग्न के दौरान लक्ष्मी की पूजा करने का सबसे अच्छा समय है. तंत्र, मंत्र और यंत्र की सिद्धि के लिए इस दिन मध्यरात्रि का ध्यान बहुत ही शुभ माना जाता है.


नरक चतुर्दशी 2022


24 अक्टूबर 2022 नरक चतुर्दशी यानी रूप चौदस के दिन सूर्योदय से पहले उठकर बेसन, नींबू का रस, सरसों का तेल, हल्दी और दूध का उबटन बनाकर स्नान करनी चाहिए. ऐसा करने से शरीर की Dryness खत्म होकर रूप में निखार आता हैं. स्नानादि के बाद सूर्यदेव को अर्ध्य दें. फिर शाम को 5 बजकर 27 मिनट पर अमावस्या प्रारंभ हो जाएगी जो अगले दिन यानी 25 अक्टूबर की शाम 4 बजकर 18 मिनट तक रहेगी.


वहीं इस दिन शाम 7 बजकर 14 मिनट से लेकर रात्रि 9 बजकर 11 मिनट तक वृषभ लग्न रहेगा और इसके बाद अर्धरात्रि 1 बजकर 42 मिनट से 3 बजकर 47 मिनट तक सर्वश्रेष्ठ सिंह लग्न रहेगा, इस समय पूजन करें. जिससे महालक्ष्मी की कृपा आप पर सदैव स्थिर रूप से बनी रहेगी. वहीं इस दिन मालव्य योग, सुनफा योग, वाशी योग, हंस योग, भद्र योग, शश योग रहेगा.


दीपावली के दिन करें उपाय


दीपावली पूजन से पूर्व ही आप 108 अशोक के पत्ते घर पर लाकर रख लें. दीपावली पूजन के समय श्रीं ह्रीं महालक्ष्मयै नमः मंत्र का जाप करते हुए हर पत्ते पर कुंकुम व रोली से श्रीं लिखें. पूजन के बाद इन पत्तों की वन्दरमाला बनाकर अपने निवास के मुख्य द्वार पर लगा दें. अगले दिन प्रातः धूप, दीप, नैवेद्य, अगरबत्ती अर्पित कर वन्दरमाला उतार लें व लाल वस्त्र में बांधकर उस पर सिन्दूर व चमेली का तेल मिलाकर श्री लिखकर अपने तिजोरी या धन स्थान पर रखें. फिर 21 दिनों तक लगातार श्रीं मंत्र की माला के जाप के साथ 11 अगरबत्ती अर्पित करें. निश्चित धन लाभ होगा.


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