Dhanteras 2024 Puja Muhurt LIVE: धनतेरस की रात इन स्थानों पर जरुर जलाएं दिया साथ जनिए धनतेरस पर किस तरह करें पूजा
Dhanteras 2024 Puja Time LIVE: दिवाली का त्योहार पूरे 5 दिनों तक मनाया जाता है, जिसकी शुरुआत धनतेरस के दिन से हो जाती है. आज 29 अक्टूबर को धनतेरस के दिन पूजा-पाठ और खरीदारी करने का विशेष महत्व है.
Dhanteras 2024 Kuber Aarti: धनतेरस 2024 कुबेर आरती
ऊँ जय यक्ष कुबेर हरे, स्वामी जय यक्ष जय यक्ष कुबेर हरे ।
शरण पड़े भगतों के, भण्डार कुबेर भरे । ॥
ऊँ जय यक्ष कुबेर हरे...॥
शिव भक्तों में भक्त कुबेर बड़े, स्वामी भक्त कुबेर बड़े ।
दैत्य दानव मानव से, कई-कई युद्ध लड़े ॥ ॥
ऊँ जय यक्ष कुबेर हरे...॥
स्वर्ण सिंहासन बैठे, सिर पर छत्र फिरे, स्वामी सिर पर छत्र फिरे ।
योगिनी मंगल गावैं, सब जय जय कार करैं ॥ ॥
ऊँ जय यक्ष कुबेर हरे...॥
गदा त्रिशूल हाथ में, शस्त्र बहुत धरे, स्वामी शस्त्र बहुत धरे ।
दुख भय संकट मोचन, धनुष टंकार करें ॥ ॥
ऊँ जय यक्ष कुबेर हरे...॥
भांति भांति के व्यंजन बहुत बने, स्वामी व्यंजन बहुत बने ।
मोहन भोग लगावैं, साथ में उड़द चने ॥ ॥
ऊँ जय यक्ष कुबेर हरे...॥
बल बुद्धि विद्या दाता, हम तेरी शरण पड़े, स्वामी हम तेरी शरण पड़े ।
अपने भक्त जनों के, सारे काम संवारे ॥ ॥
ऊँ जय यक्ष कुबेर हरे...॥
मुकुट मणी की शोभा, मोतियन हार गले, स्वामी मोतियन हार गले ।
अगर कपूर की बाती, घी की जोत जले ॥ ॥ '
ऊँ जय यक्ष कुबेर हरे...॥
यक्ष कुबेर जी की आरती, जो कोई नर गावे, स्वामी जो कोई नर गावे ।
कहत प्रेमपाल स्वामी, मनवांछित फल पावे ॥ ॥
ऊँ जय यक्ष कुबेर हरे...॥
Dhanteras 2024: धनतेरस पर इन चीजों को गलती से भी खरीदना न भूले
- सोना- चांदी के सिक्के और आभूषण
- बर्तन खरीदना
- झाड़ू खरीदना
- साबुत धनिया
- वाहन या प्रॉपर्टी
- दीप और लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियां
- धार्मिक ग्रंथ और हनुमान जी का सिंदूर
Dhanteras 2024: लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियां खरीदें
दिवाली पूजा के लिए मां लक्ष्मी और गणेश जी की मूर्ति धनतेरस के दिन ही खरीद लेनी चाहिए. ऐसा करना बेहद शुभ माना जाता है. मां लक्ष्मी और गणेश जी की मूर्ति की पूजा करने से घर में सुख-शांति, धन-धान्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है.
Dhanteras 2024: धनतेरस पर खरीदे ये सामान
दिवाली से पहले धनतेरस पर पूजा का विशेष महत्व होता है. आज के दिन धन और आरोग्य के लिए भगवान धन्वंतरि और कुबेर की पूजा की जाती है. इस साल धनतेरस 29 अक्टूबर को है. वहीं धनतेरस के दिन कुछ खास सामान को खरीदने का भी काफी महत्व माना जाता है. मान्यता है कि धनतेरस के दिन कुछ खास चीजों को खरीदना काफी शुभ रहता है. इन शुभ चीजों को खरीदने से घर परिवार में सुख शांती बनी रहती है और धन लाभ भी होता है. आइए जानते हैं ऐसी ही विशेष चीजों के बारे में जिन्हें धनतेरस के दिन खरीदा जाना चाहिए.
सोना-चांदी
धनतेरस के दिन धातु की खरीद को काफी अहम माना जाता है. मान्यता है कि इस दिन धातु को खरीदने से भाग्य अच्छा बनता है. परंपरा है कि धनतेरस के दिन सोना, चांदी जरूर खरीदना चाहिए. इस दिन बजट के मुताबिक सोना, चांदी के सिक्के, गहने, मूर्ति जैसी चीजों की खरीद की जा सकती है.
कुबेर यंत्र
धनतेरस पर कुबेर यंत्र खरीदना भी शुभ माना जाता है. इसे अपने घर, दुकान के गल्ले या तिजोरी में स्थापित करना चाहिए. इसके बाद 108 बार 'ऊँ यक्षाय कुबेराय वैश्रववाय, धन-धान्यधिपतये धन-धान्य समृद्धि मम देहि दापय स्वाहा' मंत्र का जप करना चाहिए. इस मंत्र से धन की कमी का संकट दूर होता है.
तांबा
धनतेरस के दिन तांबे की वस्तुएं या बर्तन लाने का काफी महत्व रहता है. यह सेहत के लिए भी शुभ माना जाता है. साथ ही कांसा से बनी सजावटी वस्तुएं या बर्तन भी घर लेकर आ सकते हैं.
झाडू
धनतेरस के दिन झाडू भी खरीदा जाता है. मान्यता है कि इस दिन झाडू खरीदने से गरीबी दूर होती है. साथ ही नई झाडू से नकारात्मक ऊर्जा दूर जाती है और घर में लक्ष्मी का वास होता है.
शंख-रूद्राक्ष
धनतेरस के दिन शंख खरीदने को काफी शुभ माना जाता है. इस दिन शंख खरीदकर उसकी पूजा करें. शास्त्रों के मुताबिक जिस घर में रोजाना पूजा के वक्त शंख बजाया जाता है, उस घर से मां लक्ष्मी कभी नहीं जाती. साथ ही घर के संकट भी दूर हो जाते हैं. इसके अलावा सात मुखी रूद्राक्ष धनतेरस के दिन घर पर लाने से सारे कष्ट दूर होते हैं.
भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी की मूर्ति
धनतेरस के दिन भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी की मूर्ति भी घर में लानी चाहिए. मान्यता है कि इससे घर में पूरे साल धन और अन्न की कमी नहीं होती है. दोनों देवी देवता धन और बुद्धि बढ़ाते हैं.
नमक-धनिया
धनतेरस के दिन नमक जरूर खरीदें. ऐसा माना जाता है कि इस दिन नमक घर में लाने से धन की बढ़ोतरी होती है और दरिद्रता का नाश होता है. इसके अलावा धनिया भी इस दिन घर में लाना चाहिए. साबुत धनिया लाने का काफी महत्व है. इसे पूजा के बाद अपने घर के आंगन और गमले में डाल देना चाहिए.
Dhanteras 2024: धनतेरस के दिन क्या करें
- इस दिन धन्वंतरि का पूजन करें.
- नवीन झाडू एवं सूपड़ा खरीदकर उनका पूजन करे.
- सायंकाल दीपक प्रज्वलित कर घर, दुकान आदि को श्रृंगारित करें.
- मंदिर, गोशाला, नदी के घाट, कुओं, तालाब, बगीचों में भी दीपक लगाएं.
- यथाशक्ति तांबे, पीतल, चांदी के गृह-उपयोगी नवीन बर्तन और जेवर खरीदना चाहिए.
- हल जुती मिट्टी को दूध में भिगोकर उसमें सेमर की शाखा डालकर तीन बार अपने शरीर पर फेरें.
- कार्तिक स्नान करके प्रदोष काल में घाट, गौशाला, बावड़ी, कुआँ, मंदिर आदि स्थानों पर तीन दिन तक दीपक जलाएं.
धनतेरस का महत्व
1. इस दिन नए उपहार, सिक्का, बर्तन व गहनों की खरीदारी करना शुभ माना जाता है. शुभ मुहूर्त में पूजन करने के साथ सात धान्यों की पूजा की जाती है. सात धान्य में गेहूं, उडद, मूंग, चना, जौ, चावल और मसूर शामिल होता है.
2. धनतेरस के दिन चांदी खरीदना शुभ माना जाता है.
3. भगवान धन्वन्तरी की पूजा से स्वास्थ्य और सेहत मिलता है. इस दिन ही दीपावली की रात लक्ष्मी गणेश की पूजा हेतु मूर्ति भी खरीदते हैं.
- पान
धनतेरस पर पूजा की सामग्री के लिए पान का इस्तेमाल करें. पान के पत्ते में देवी-देवताओं का वास माना जाता है. इसलिए धनतेरस और दिवाली की पूजा में इसका इस्तेमाल शुभ माना जाता है.
- सुपारी
धनतेरस की पूजा में सुपारी का इस्तेमाल के बिना पूजा प्रारंभ ही नहीं होती है. सुपारी को ब्रह्मदेव, यमदेव, वरूण देव और इंद्रदेव का प्रतीक माना जाता है. धनतेरस के दिन पूजा में प्रयोग की गई सुपारी को तिजोरी में रखना लाभदायक होता है.
- साबुत धनिया
धनतेरस के दिन आप साबुत धनिया खरीदकर लेकर आएं और इसे मां लक्ष्मी के सामने अर्पित करें. इससे आपकी सारी आर्थिक परेशानी दूर हो जाएगी.
- बताशा और खील
बताशा माता लक्ष्मी का सबसे प्रिय भोग है. माता लक्ष्मी की पूजा में बताशे का प्रयोग करने से हर समस्या का समाधान होता है. इस दिन खील जरूर खरीदना चाहिए. इससे धन समृद्धि बनी रहती है.
- दिया
धनतेरस की पूजा से पहले मां के सामने दीप जलाना न भूलें. इससे यमदेव प्रसन्न होते हैं.
- कपूर
मां लक्ष्मी, कुबेर और भगवान धनवंतरी की पूजा में कपूर जरूर जलाएं. कपूर जलाने से घर की नकारात्मक ऊर्जा बाहर जाती है और सकारात्मक ऊर्जा घर में आती है.
Dhanteras 2024: इस दिन लक्ष्मी जी के स्वागत के लिए अपने घर के मुख्य द्वार पर रंगोली बनाने के साथ ही महालक्ष्मी के दो छोटे-छोटे पद चिन्ह लगाएं. धनतेरस पर माता लक्ष्मी के अलावा धन्वंतरी, कुबेर की भी पूजा करना शुभ माना जाता है. धनवंतरी इसी तिथि को समुद्र मंथन से अवतरित हुए थे. प्राचीन काल में लोग इस दिन नए बर्तन खरीदकर उसमें क्षीर पकवान रखकर धनवंतरी भगवान को भोग लगाते थे.
Dhanteras 2024: धनत्रयोदशी के दिन सायंकाल यमराज के निमित्त दीपदान करें. इसे 'यम दीपदान' कहा जाता है. घर के मुख्य द्वार के बाहर गोबर का लेपन करें तत्पश्चात मिट्टी के 2 दीयों में तेल डालकर प्रज्वलित करें. दीये प्रज्वलित करते समय 'दीपज्योति नमोस्तुते' मंत्र का जाप करते रहें एवं अपना मुख दक्षिण दिशा की ओर रखें. धनत्रयोदशी के दिन 'यम दीपदान' करने से घर-परिवार में किसी सदस्य की अकाल मृत्यु नहीं होती है.
Dhanteras 2024: धनतेरस पर यमदीप भी प्रज्वलित किया जाता है. यमदीप प्रज्जवलित करने से रोग, शोक, भय, दुर्घटना, मृत्यु का डर दूर होता है. धनतेरस की शाम घर के बाहर यमदीप जलाने की परंपरा है. इसी दिन धन्वंतरि ने सौ तरह के मृत्यु की जानकारी के साथ अकाल मृत्यु से बचाव के लिए यमदीप जलाने की बात बतायी थी.
Dhanteras 2024: धनतेरस पर सामान खरीदने के पीछे की मान्यता ये कहती है कि इस दिन कोई नया सामान खरीदने से आपका धन 13 गुना बढ़ जाता है.
Dhanteras 2024: पौराणिक कथाओं के मुताबिक औषधियों के जनक भगवान धनवंतरी की जयंती यानी धनतेरस का पर्व इस बार 29 अक्टूबर को मनाया जा रहा है. कहा जाता है कि समुद्र मंथन के दौरान भगवान धनवंतरी और मां लक्ष्मी का जन्म हुआ था, यही वजह है कि धनतेरस को भगवान धनवंतरी और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है.
Dhanteras 2024: ऐसी मान्यता है कि समुद्र मंथन के समय कलश के साथ माता लक्ष्मी का अवतरण हुआ उसी के प्रतीक के रूप में ऐश्वर्य वृद्धि, सौभाग्य वृद्धि के लिए बर्तन खरीदने की परम्परा शुरू हुई.
Dhanteras 2024: धनतेरस को धन त्रयोदशी व धन्वन्तरी त्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है. धनतेरस पर पांच देवताओं, गणेश जी, मां लक्ष्मी, ब्रह्मा,विष्णु और महेश की पूजा होती है.
धनतेरस पर यमराज के नाम का दीपक जलाया जाता है. कहते हैं कि यह दीपक जलाने से अकाल मृत्यु और दुर्घटना का भय टल जाता है. धनतेरस की शाम को घर के बाहर कूड़े के पास दक्षिण दिशा में मुंख करें और तेल का दीपक यम के नाम जलाएं.
झाड़ू को लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है और इसे घर में रखने से दरिद्रता और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है. धनतेरस पर झाड़ू खरीदें इसकी पूजा करें, काला धागा बांधे और फिर अगले दिन इस्तेमाल करना चाहिए.
'शरीर माद्यं खलु धर्म साधनम्'. इस वाक्य में बताया है कि शरीर सभी तरह के धर्म करने का माध्यम है. वहीं स्वास्थ को असली धन माना है. यदि स्वास्थ्य चला गया तो समझिए कि आधा धन चला गया, लेकिन अगर धर्म और चरित्र चला गया तो समझिए सबकुछ चला गया. भगवान धनवंतरि आरोग्य के देवता हैं, इसलिए धनतेरस इनकी पूजा के बिना अधूरा है.
सोने को धन की देवी मां लक्ष्मी का रूप माना जाता है. वहीं सोना बृहस्पति का प्रतिनिधित्व भी करता है. बृहस्पति को धन, भाग्य, सुख का कारक माना जाता है. धनतेरस चूंकि धन से जुड़ा त्योहार है इसलिए धनतेरस पर सोना खरीदना शुभ होता है. इससे घर में मां लक्ष्मी वास करती हैं.
- इस दिन प्रदोष काल में शुभ मुहूर्त को देखें.
- शुभ मुहूर्त से पहले भगवान धन्वंतरि, कुबेद देव और मां लक्ष्मी की पूजा की तैयारी कर लें.
- इस दिन चौकी पर या इनकी प्रतिमा स्थापित करें, या तस्वीर लगाएं.
- सभी देव-देवताओं को तिलक लगाएं और फल-फूल अर्पित करें.
- आरती अवश्य करें और अपना मनोकामना भगवान से करें.
धनतेरस को खरीदारी के लिए बहुत ही शुभ माना जाता है. मान्यता है कि इस दिन की गई खरीदारी में 13 गुणा वृद्धि होती है और मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है.
धनतेरस के दिन चांदी की धातु खरीदने के लिए आज का शुभ मुहूर्त शाम 06 बजकर 11 मिनट से 08 बजकर 08 मिनट तक रहेगा.
सोना खरीदने के लिए शुभ मुहूर्त दोपहर 03 बजकर 04 मिनट से 04 बजकर 32 मिनट तक रहेगा. इस दौरान आप सोने की खरीदारी कर सकते हैं.
- धनतेरस 2024 पूजा मुहूर्त शाम 6.31 मिनट से लेकर 8.13 मिनट तक रहेगा.
- इस दिन पूजा करने की कुल अवधि रहेगी 1.42 मिनट.
धनु राशि: धनु राशि के जातक धनतेरस पर सोने के आभूषण, सोने के सिक्के, पीतल के बर्तन आदि खरीद सकते हैं. ऐसा करने से जीवन भर पैसे की कमी नहीं रहेगी.
मकर राशि: मकर राशि के जातकों को धनतेरस वाले दिन आप स्टील के बर्तन या अपने लिए कोई वाहन खरीदना चाहिए. सालभर आपकी उन्नति होगी.
कुंभ राशि: इस राशि के जातकों को धनतेरस पर वाहन या स्टील के बर्तन खरीदने चाहिए. उसके बाद चांदी, सोना आदि खरीद सकते हैं.
मीन राशि: मीन राशि के जातकों को धनतेरस पर सोने या पीतल की वस्तुएं खरीदनी चाहिए. इससे सुख और समृद्धि में वृद्धि होगी.
सिंह राशि: सिंह राशि के लिए धनतेरस पर सोना खरीदना श्रेष्ठ रहेगा. आपके लिए शुभ रत्न माणिक्य है. यदि बजट कम है तो आप उन वस्तुओं को खरीद सकते हैं, जिन पर सोने का पानी चढ़ाया गया हो.
कन्या राशि: कन्या राशि के स्वामी बुध हैं. आपको धनतेरस पर कांसे या फूल के बर्तन खरीदना चाहिए, इससे आपका बुध ग्रह और मजबूत होगा. आपका शुभ रत्न पन्ना और मोती है. मोती की माला भी खरीद सकते हैं.
तुला राशि: तुला राशि के जातकों को धनतेरस पर चांदी के आभूषण, चांदी के बर्तन खरीदना शुभ रहेगा. इससे आपकी धन संपत्ति में वृद्धि होगी.
वृश्चिक राशि: धनतेरस पर वृश्चिक राशि के जातकों को तांबे के बर्तन, चांदी या चांदी के आभूषण खरीदना चाहिए. इससे आपको लाभ होगा.
मेष राशि: मेष राशि के जातकों को चांदी के आभूषण, सिक्के या फिर बर्तन खरीदने चाहिए. इसके अलावा आप सोना या पीतल की वस्तुएं भी खरीद सकते हैं. इससे आपको तरक्की मिलेगी.
वृषभ राशि: वृषभ राशि के स्वामी ग्रह शुक्र हैं और इसिलिए आपके लिए चांदी की वस्तुएं खरीदना अच्छा रहेगा. यदि आप हीरा जड़ित कोई आभूषण खरीदते हैं तो वह बहुत ही उत्तम रहेगा. आप अपने बजट के अनुसार चांदी के आभूषण या सिक्के भी ले सकते हैं.
मिथुन राशि: धनतेरस पर आपको कांसे का बर्तन, सोना आदि खरीदना शुभ रहेगा. पन्ना शुभ रत्न है, इन वस्तुओं की खरीदारी आपके लिए उन्नति देने वाली होगी.
कर्क राशि: कर्क राशि के लोगों को चांदी के आभूषण, चांदी के लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति, चांदी का श्रीयंत्र, मोती की माला, चांदी में माती जड़ित अंगुठी आदि खरीदना उत्तम रहेगा.
खरीदारी के लिए धनतेरस का दिन शुभ होता है. मान्यता है कि इस दिन खरीदी गई वस्तु में 13 गुणा वृद्धि होती है. आज के दिन आप मिट्टी के दीप से लेकर सोने-चांदी के आभूषण, वाहन, मकान आदि भी खरीद सकते हैं.
- अभिजीत मुहूर्त- सुबह 11.48 बजे से 12:32 बजे तक
- चर (सामान्य) - सुबह 09:18 - सुबह 10.41
- लाभ (उन्नति) - सुबह 10.41 - दोपहर 12.05
- अमृत (सर्वोत्तम) - दोपहर 12.05 - दोपहर 01.28
- लाभ (उन्नति) - रात 7.15 - रात 08.51
29 अक्टूबर को धनतेरस पर पूजा का मुहूर्त शाम 6:31 मिनट से शुरू होकर रात 8:31 मिनट तक रहेगा.
- प्रदोष काल- शाम 05:38 मिनट से रात 08:13 मिनट तक
- वृषभ लग्न का मुहूर्त- शाम 06:13 से रात्रि 08:27 मिनट तक
- दीपदान - सांय 07:46 मिनट से रात्रि 09:10मिनट तक
धनतेरस पर इस साल त्रिपुष्कर योग बन रहा है, जो सुबह में 6:31 मिनट से शुरू है और सुबह 10:31 मिनट तक रहेगा. इसके अलावा धनतेरस पर सुबह में 7:48 मिनट तक इंद्र योग है, उसके बाद वैधृति योग बनेगा. साथ ही उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र शाम को 6:34 मिनट तक है, उसके बाद से हस्त नक्षत्र होगा.
- त्रयोदशी तिथि प्रारम्भ -29 अक्टूबर सुबह 10:32 बजे से
- त्रयोदशी तिथि समाप्त – 30 अक्टूबर दोपहर 01:16 बजे तक
पंचांग के अनुसार कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ 29 अक्टूबर सुबह 10:32 बजे से से होगा. यह तिथि अगले दिन 30 अक्टूबर दोपहर 01:16 बजे तक रहेगी. चूंकि धनतेरस का त्योहार प्रदोष काल में मनाने की परंपरा है, इसलिए यह 29 अक्टूबर को मनाई जाएगी.
बैकग्राउंड
Dhanteras 2024 Puja Time LIVE: हिंदू धर्म में धनतेरस का पर्व सुख-समृद्धि के रूप में मनाया जाता है. खास बात यह है कि पांच दिनों तक चलने वाले दीपोत्सव के पर्व की शुरुआत भी धनतेरस के दिन से ही होती है. बता दें कि पंचदिवसीय दीपोत्सव (Deepotsav) में धनतेरस, नरक चतुर्दशी, लक्ष्मी पूजन (Laxmi Puja), गोवर्धन पूजा और भाई दूज (Bhai Dooj) शामिल है.
पंचांग के अनुसार कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाई जाती है. इस साल मंगलवार, 29 अक्टूबर को सुबह 10:32 बजे से त्रयोदशी तिथि आरंभ होगा. यह तिथि अगले दिन 30 अक्टूबर दोपहर 01:16 बजे तक रहेगी. धनतेरस का त्योहार प्रदोष काल में मनाने की परंपरा है, इसलिए 29 अक्टूबर को ही धनतरेस मनाना शुभ होगा.
धनतेरस पर क्यों की जाती है खरीदारी
परंपरा के अनुसार धनतेरस के दिन धन और समृद्धि के लिए देवी लक्ष्मी और भगवान कुबेर की पूजा की जाती है. साथ ही धनतेरस का दिन खरीदारी के लिए भी बहुत शुभ माना जाता है. धनतेरस के दिन बाजारों में खूब रौनक देखी जाती है और लोग जमकर खरीदारी करते हैं. मान्यता है कि इस दिन खरीदी गई वस्तु में 13 गुणा वृद्धि होती है.
दरअसल धनतेरस पर्व का संबंध भगवान धन्वंतरि से है, जो कार्तिक कृष्ण की त्रयोदशी के दिन ही समुद्र मंथन (Samudra Manthan) के दौरान अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे. इसलिए धनतेरस के दिन को धन्वंतरि जयंती के रूप में भी मनाया जाता है.
धनतेरस के दिन क्या खरीद सकते हैं
धनतेरस के दिन लोग अपने सामार्थ्यनुसार चीजों की खरीदारी करते हैं. इस दिन शुभ मुहूर्त में सोना, चांदी, पीतल की वस्तुएं, मकान, वाहन, घर के जरूरत के सामान आदि खरीदने का महत्व है. लेकिन धनतेरस के दिन सोना-चांदी खरीदना शुभ माना जाता है. इस दिन कुबेर और मां लक्ष्मी की पूजा करने से सालभर धन-संपत्ति में वृद्धि होती है.
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