वास्तुशास्त्र बेहतर ढंग से प्राकृतिक उूर्जा के प्रयोग और संरक्षण का विषय है. करियर कारोबार में इसके इस्तेमाल से सफलता का प्रतिशत बढ़ाया जा सकता है. प्रतिस्पर्धा में अव्वल रहा जा सकता है.


वाणिज्य और व्यवसाय के लिए कुबेर की दिशा उत्तर दिशा को माना जाता है. कार्यस्थल और ऑफिस का मुख्यद्वार उत्तर दिशा में होने से आर्थिक संपन्नता की संभावना बढ़ी हुई रहती है. लॉकर और अलमीरा का मुंह भी उत्तर दिशा में खुला हुआ होना चाहिए. कार्य व्यापार करते समय भी व्यक्ति को उत्तर अथवा पूर्वमुखी होकर बैठना चाहिए. 


उत्तर और पूर्व दिशा की उूंचाई दक्षिण एवं पश्चिम दिशा से कम होना चाहिए. वाटर लेवल इस प्रकार होना चाहिए कि जल का बहाव उत्तर-पूर्व की ओर हो. इससे घर और आफिस में अवरोधों में कमी आती है. इस दिशा को अधिकाधिक खुला रखा जाना चाहिए. भारी वस्तुओं और निर्माण से बचना चाहिए.


शिक्षा एवं अन्य प्रतिस्पर्धाआंे में सफलता के लिए पूर्व दिशा को महत्व देना चाहिए. विद्यार्थियों को पूर्वाेन्मुख होकर अध्ययन करना चाहिए. विभिन्न प्रकार की तैयारियों के लिए भी पूर्व दिशा को प्राथमिकता दी जानी चाहिए. छात्रों को सोते समय सिर पूर्व दिशा में और पैर पश्चिम दिशा में रखना चाहिए. ग्रहस्थों को सिर दक्षिण में करके सोना चाहिए.


अधिक टर्नओवर वाले व्यापार और भारी उद्योगों के लिए क्रमशः पश्चिम और दक्षिण दिशा को प्राथमिकता दी जाती है. अधिक उूर्जा वाले उद्यमों को आग्नेय कोण अर्थात् दक्षिण-पूर्व में स्थापित किया जाता हैै.