Diwali 2019: आज देश भर में धूमधाम से दिवाली का त्योहार मनाया जाएगा. रोशनियों का ये त्योहार धनतेरस से शुरू होता है नरक चतुर्दशी, दिवाली, गोवर्धन पूजा और भाई दूज के बाद ख़त्म हो जाता है. छोटी दिवाली से ही लोग एक दूसरे को दिवाली की मुबारकबाद देना शुरू कर देते हैं. इस दिन लोग शाम को अपने घरों को दिए, लाइट्स और रंगोली से सजाते हैं. बड़ी दिवाली के दिन लोग मां लक्ष्मी का पूजा करते हैं. अब चूकि आज आप भी पूजा करने के लिए और दिवाली मनाने के लिए तैयार हैं तो आइए जानते हैं क्या है शुभ मुहुर्त और कैसे करें पूजा


दिवाली से कैसे आएगी खुशहाली?


-12 महीनों में बृहस्पति, शनि, राहु-केतु का राशि परिवर्तन होगा


-उथल-पुथल मचनी तय है


-प्रार्थना, उपाय से कुप्रभाव से बचा जा सकता है


-विशेष आर्थिक उन्नति नहीं होती दिखाई दे रही है


-धीरे-धीरे चीजें ठीक हो जाएंगी


-चार ग्रहों के राशि परिवर्तन की वजह से कष्ट होगा


-अच्छी नीतियों से लाभ होगा


-अगले साल अप्रैल से सकारात्मक परिवर्तन होंगे


-जुलाई-अगस्त से परिवर्तन शुरू होंगे


-डेढ़ वर्ष तक जमापूंजी से व्यापार करना पड़ सकता है


-जमापूंजी हो तो ही नया व्यापार शुरू करें


-ज्यादा व्यापार के लिए ज्यादा पूंजी की जरूरत होगी


-इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में लाभ होगा


-अगले साल अप्रैल से धीमी गति से लाभ बढ़ेगा


-कुछ नए प्रोजेक्ट्स आएंगे, पुराने प्रोजेक्ट्स रुक भी सकते हैं


-विवेकपूर्ण फैसला लें


-बिल्डर्स को धीरे-धीरे राहत मिलेगी


-खदान, आईटी, इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में सुधार होगा


-कौशल विकास कर लाभ वाले क्षेत्रों में काम करें


-टूरिज्म क्षेत्र में जाना भी लाभदायक रहेगा


-दवाई के क्षेत्र में कार्य करे लोगों का लाभ बढ़ेगा


-लोहे से जुड़े क्षेत्र में धीरे-धीरे लाभ होगा


-लोहा क्षेत्र में तेजी से बढ़ोतरी नहीं होगी


-अगस्त से अच्छा लाभ मिलेगा


-अगली दीवाली तक बढ़ोतरी का समय है


-जुलाई-अगस्त के बाद बढ़ोतरी होगी


दिवाली पर कब करें पूजा?


-नरक चतुर्दशी के जल से स्नान किया जाता है.


-सबसे पहले स्नान मुहूर्त आएगा.


-05:16 से 06:33 बजे के बीच स्नान करें.


-स्नान से पहले शरीर पर तिल का तेल लगाएं.


-मां लक्ष्मी की पूजा के दो मुहूर्त हैं.


-प्रदोषकाल और वृषभकाल की पूजा होती.


-महानिशीथकाल, सिंह काल की भी पूजा होती है.


-प्रदोष काल की पूजा का समय शाम 05:36 से 08:12 बजे तक.


-वृषभ काल की पूजा का समय 06:42 से 08:37 बजे तक.


-महानिशीथ काल की पूजा का समय रात 11:39 से 12:31 बजे तक.


-साधक इसी समय का इस्तेमाल करें.


-सिंह काल में पूजा का समय रात 01:12 से 03:30 बजे तक.


-रात 11:39 बजे के बाद के समय में मां लक्ष्मी की उपासना कर सकते हैं.


-यंत्रों, जाप को सिद्ध कर सकते हैं.


-पूजा के विशेष परिणाम प्राप्त होते हैं.


-दुर्भाग्य को सौभाग्य में बदल सकती है पूजा


-कुछ तिल, सौंफ, मिश्री, लौंग सिद्ध करें


-स्वास्थ्य की परेशानी होने पर लौंग खाएं


-मालाएं सिद्ध करें.


-अपनी दिल के करीब व्यक्ति .


-कुबेर, लक्ष्मी यंत्र की सिद्धी रात के समय ही होती है.


-सुपारी सिद्ध करके रखें.


-संतान सुख की प्राप्ति के लिए उपाय करें.


-सुपारी चांदी की माला में गढ़वाकर गले में धारण करें.


-अमावस्या के दिन धारण करें.


-घी, तेल के 5-5 दीपक जलाएं.


-मां लक्ष्मी को स्नान कराने के बाद पूजा करें.


-मां को पंचमेवा, भोजन सामग्री भेंट करनी है.


-अनाज, कंबल अलग निकाल कर रखें.


-गोवर्धन पूजा के दिन अलग रखे अनाज, कंबल का दान करें.