Diwali 2020: जरूर करें मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की आरती, इसके बिना अधूरा है दिवाली पूजन
दिवाली पर मां लक्ष्मी, भगवान गणेश और देवी सरस्वती की पूजा का विधान है. मान्यता है कि विधि-विधान से पूजा करने पर दरिद्रता दूर होती है और सुख-समृद्धि तथा बुद्धि का आगमन होता है.
रोशनी, सुख और समृद्धि का त्योहार है दिवाली. हिंदू कैलेंडर के मुताबिक कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष के अमावस्या तिथि को दिवाली का पर्व मनाया जाता है. दिवाली पर मां लक्ष्मी, भगवान गणेश और देवी सरस्वती की पूजा का विधान है. मान्यता है कि विधि-विधान से पूजा करने पर दरिद्रता दूर होती है और सुख-समृद्धि तथा बुद्धि का आगमन होता है.
शास्त्रों में मां लक्ष्मी को धन की देवी माना गया है. कहते हैं कि दिपावली पर धन और वैभव की देवी मां लक्ष्मी अपने भक्तों के घरों में प्रवेश करती हैं. दिवाली की पूजा भगवान गणेश और मां लक्ष्मी की आरती के बिना अधूरी मानी जाती है. हम आपको आज इन दोनों आरतीयों के बारे में बता रहे हैं...
गणेश जी की आरती
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।।
एकदंत, दयावन्त, चार भुजाधारी,
माथे सिन्दूर सोहे, मूस की सवारी।
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।।
अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया,
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया।
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।।
हार चढ़े, फूल चढ़े और चढ़े मेवा,
लड्डुअन का भोग लगे, सन्त करें सेवा।। ..
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।।
दीनन की लाज रखो, शंभु सुतवारी ।
कामना को पूर्ण करो जाओ बलिहारी।
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।।
लक्ष्मी जी की आरती
ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता ।
तुमको निशिदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता ॥
ॐ जय लक्ष्मी माता ॥
उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता ।
सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता ॥
ॐ जय लक्ष्मी माता ॥
दुर्गा रुप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता ।
जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता ॥
ॐ जय लक्ष्मी माता ॥
तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता ।
कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता ॥
ॐ जय लक्ष्मी माता ॥
जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता ।
सब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराता ॥
ॐ जय लक्ष्मी माता ॥
तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता ।
खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता ॥
ॐ जय लक्ष्मी माता ॥
शुभ-गुण मन्दिर सुन्दर, क्षीरोदधि-जाता ।
रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता ॥
ॐ जय लक्ष्मी माता ॥
महालक्ष्मी जी की आरती, जो कोई जन गाता ।
उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता ॥
ॐ जय लक्ष्मी माता ॥
शुभ मुहूर्त में करें लक्ष्मी जी की पूजा: मां लक्ष्मी की पूजा शुभ मुहूर्त में करने अधिक लाभदायी होता है. इस साल दिवाली के दिन प्रदोषयुक्त अमावस्या तिथि एवं स्थिर लग्न और स्थिर नवांश है. इसमें लक्ष्मी पूजन करना अच्छा माना गया है. पंचांग के मुताबिक़14 नवंबर को प्रदोष काल शाम 5:33 से रात 8:12 तक रहेगा. इस दिन लक्ष्मी पूजन का उत्तम मुहूर्त शाम 5:49 से 6:02 बजे तक रहेगा.
स्वच्छ कपड़ों को पहन कर करें पूजा: मां लक्ष्मी को स्वच्छता पसंद है. इस लिए दिवाली की पूजा स्नान करने के बाद स्वच्छ कपडे या नये कपड़े पहनकर ही करनी चाहिए. यदि पीला और श्वेत वस्त्र पहन कर पूजा की जाए तो विशेष पुण्य प्राप्त होता है.
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