दशहरे का त्यौहार अभी खत्म हुआ है. और हर बार की तरह इस बार भी दशहरे की सही तिथि को लेकर अंत कर कन्फ्यूज़न की स्थिति बनी रही. वहीं ऐसा ही कुछ दीवाली को लेकर भी नज़र आ रहा है. दीवाली अभी थोड़ी दूर है पांच दिनों तक चलने वाले इस त्यौहार को लेकर असमंजस की स्थिति बरकरार है. खासतौर से नरक चतुर्दशी और दीवाली को लेकर. इसीलिए हम आपको बताने जा रहे हैं इन दोनों ही त्यौहारों की सही तिथियां. ताकि इन्हें लेकर आप किसी भ्रम में ना रहें.
एक ही दिन है नरक चतुर्दशी और दीवाली
यूं तो नरक चतुर्दशी कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को आती है और दीवाली अमावस्या को लेकिन इस बार दोनों एक ही दिन है. यानि 14 नवंबर को ही छोटी और बड़ी दीवाली मनाई जाएगी. इस बार 14 नवंबर को दोपहर 2.18 बजे तक चतुर्दशी है और फिर अमावस्या शुरु हो जाएगी. दोपहर 2.19 मिनट से अगले दिन यानि कि 15 नवंबर को सुबह 10.36 बजे तक ही रहेगी। इसीलिए दीवाली और नरक चतुर्दशी दोनों एक ही दिन होगी.
13 नवंबर को होगी धनतेरस
वहीं धनतेरस का पर्व 13 नवंबर को होगा. इस दिन कार्तिक मास की त्रयोदशी है. धनतेरस के दिन भगवान धनवंतरि की पूजा की जाती है. और इस दिन बर्तन व चांदी के आभूषण खरीदना शुभ माना जाता है.
इस दिन मनेगा गोवर्धन व भैया दूज
वहीं गोवर्धन दीवाली के अगले ही दिन 15 नवंबर को मनाया जाएगा. इस दिन भगवान अन्नकूट की पूजा की जाती है. गाय के गोबर से अन्नकूट बनाकर संध्याकाल में उनकी पूजा का विधान है. वहीं बात करें भैया दूज की तो ये पर्व 16 नवंबर को होगा. इस दिन बहनें भाई को टीका लगाकर उनके दीर्घायु होने की कामना करती हैं. इस दिन भाई बहन के घर आकर भोजन करता है तो ये अति शुभ माना जाता है. कहते हैं यम ने इसी दिन अपनी बहन यमुना से मुलाकात की थी. और उनके घर पर भोजन किया था. तब से यही प्रथा निभाई जा रही है.